उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि-मण्डल ने की वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष से भेंट
- सूचना कर्मियों के वेतन विसंगति प्रकरणों पर रखा अपना पक्ष
[highlight]कार्मिक हित में कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर वेतन विसंगति के प्रकरणों के समाधान के लिए वेतन विसंगति समिति की सकारात्मक पहल[/highlight]
आकाश ज्ञान वाटिका, 27 सितम्बर 2021, सोमवार, देहरादून। उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ ने वेतन विसंगति समिति के समक्ष, सूचना कर्मियों की वेतन विसंगति के प्रकरणों को प्रभावी तरीके से उठाते हुए, समिति से इन विसंगतियों का ठोस समाधान करने का आग्रह किया है।
संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति समिति के सम्मुख सूचना कर्मियों की वेतन विसंगतियों के मामलों में अपना पक्ष प्रस्तुत किया। संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सूचना विभाग के जिला सूचना अधिकारियों,अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी, सहायक लेखाकार, अनुवादक, लेखा संवर्ग एवं सरंक्षक कमडाटा एंट्री आपरेटर आदि संवर्गों की वेतन विसंगति के प्रकरणों से संबंधित तथ्यों से समिति को अवगत कराते हुए कहा कि अन्य विभागों के समान स्तर एवंशौक्षिक योग्यता और कार्य प्रवित्त वाले पदों एवं संवर्गों की तुलना में सूचना कर्मियों के विभिन्न संवर्गों के वेतनमान के उच्चीकरण, पदोन्नतियों की विसंगतियों एवं ए.सी.पी. का लाभ स्वीकृत किए जाने के मामले में भेदभाव किया जाता रहा है, जबकि ऐसे लाभ अन्य विभागों में स्वीकृत किए जाने के अनेक दृष्टांत मौजूद हैं।
संगठन ने वेतन विसंगति समिति के समक्ष अन्य विभागों एवं संवर्गों केउदाहरण प्रस्तुत करते हुए समिति से इन विसंगतियों का प्रभावी समाधान किए जाने की पुरजोर मॉंग की।
इस मौके पर उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ के महामंत्री सुरेश चन्द्र भट्ट द्वारा विभागीय पदधारक/संवर्ग सेसंबंधित मामलों को रखते हुए बताया कि वर्तमान में जिला सूचना अधिकारी/सूचना अधिकारी, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी, अनुवादक एवं सरंक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटर के पदधारकों में अन्य विभागों की अपेक्षा वेतन विसंगति है, इन पद-धारकों के वेतनमान का न्यायहित में उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है।
संघ के सलाहकार एवं पूर्व महामंत्री के.एस. पंवार ने सूचना विभाग के लेखा संवर्ग के कार्मिकों को अन्यविभागों की भांति ए.सी.पी. का लाभ स्वीकृत न किए जाने के साथ ही सहायक लेखाकारों को 30 साल से अधिक की सेवा के बावजूद पदोन्नत न किए जाने का मामला उठाया। पूर्व महामंत्री के.एस. पंवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लेखा संवर्ग के कार्मिकों को वर्ष 2008 से पदोन्नति का लाभ दिया जा चुका है, लेकिन उत्तराखंड राज्य में आवंटित सहायक लेखाकारों को पदोन्नति से वंचित रखा गया है। उन्होंने विभाग के विभिन्न संवर्गों के वेतनमानों को उच्चीकरण किए जाने के औचित्य के संबंध में भी समिति को अवगत कराया।
समिति से वार्ता में संयुक्त मंत्री प्रशांत रावत ने संरक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटरों के पदधारकों को वेतन लेवल में उच्चीकरण करने का मामला रखा। उन्होंने बताया कि संरक्षक कम डाटा एंट्री आपरेटर को वर्तमान में लेवल-2 का वेतनमान दिया जा रहा है, जबकि इस पदधारक की शैक्षिक योग्यता स्नातक निर्धारित है। लिहाजा समान प्रवृत्ति के अन्य पदों/संवर्गोंकी भांति संरक्षकों को उच्च वेतनमान दिया जाना जरूरी है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भुवन चन्द्र जोशी ने वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगणों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समिति के द्वारा कर्मचारी संगठनों सेवार्ता करते हुए वेतन विसंगति के प्रकरणों के समाधान के लिए सकारात्मक पहल की गई है। वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह, सदस्य सचिव गंगा प्रसाद एवं समिति के सदस्यों द्वारा संघ की माँगों पर कार्यवाही हेतु सकारात्मक आश्वासन दिया गया।