उत्तराखण्डताज़ा खबरेंस्वास्थ
उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में कोरोना वायरस को किया गया महामारी घोषित
आकाश ज्ञान वाटिका। देहरादून, १४ मार्च, २०२० (शनिवार)। आज शाम संपन्न हुई उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा राज्य में आइसोलेशन वार्ड हेतु ने पचास करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत कर दी गई है। सरकार ने उत्तराखण्ड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेग्यूलेशन एक्ट – 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है।
- राज्य सरकार के पास कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के अधिकार होंगे।
- पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मद्देनजर जन जागरूकता, सावधानी एवं सतर्कता पर विशेष जोर दिया जायेगा।
- किसी भी कार्यक्रम के आयोजन से पहले सरकार से अनुमति लेनी आवश्यक रूप से लेनी होगी।
- एक जगह पर अनावश्यक एकत्र होने पर रोक।
- मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी स्कूल, काॅलेज, सिनेमाघर को 31 मार्च 2020 तक बन्द रखा जाएगा।
- राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे।
- कोरोना के प्रकोप को देखते हुए नर्सिंग स्टाफ के रिक्त पद को भरा जायेगा।
- भविष्य में कोरोना की तीव्रता बढ़ने पर प्रीफेब्रिकेटेड 100 बेड का हाॅस्पिटल तैयार किया जाएगा।
- आवश्यकता पड़ने पर निजी भवनों को भी अस्पताल की तरह उपयोग लाया जा सकता है।
- गाड़ियों (बसों) में सैनिटेशन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिये गए हैं।
- 104 हेल्पलाईन नम्बर शुरू किया गया है।
- सभी होटल व्यवसायियों को एडवाईजरी जारी की गयी है।
- ग्राम सभाओं, आशा कार्यकत्रियों को भी अभियान में जोड़ा जाएगा।
- आपात स्थिति से निपटने के लिए 140 विभागीय एम्बुलेंस को एलर्ट पर रखा गया है।
भारत का महामारी रोग कानून 1897 के आधार पर सरकार किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह जो महामारी से ग्रस्त हैं, उसे/उन्हें किसी अस्पताल या अस्थायी आवास में रख सकती है। सरकारी आदेश का पालन नहीं करना अपराध होगा तथा आईपीसी की धारा-188 के तहत सजा हो सकती है।