उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि० में हुए 80 करोड़ के घोटाले के विरोध में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस जनों ने पाॅवर की सी.बी.आई. जाँच की माँग
आकाश ज्ञान वाटिका, रविवार, 6 सितम्बर 2020, देहरादून। उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि० में हुए 80 करोड़ के घोटाले के विरोध में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस जनों ने पाॅवर कारपोरेशन का पुतला दहन किया तथा मामले की सी.बी.आई. जाँच की माँग की। लालचन्द शर्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि० द्वारा मै० क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० से हुए अनुबन्ध के माध्यम से वर्ष 2017 से अब तक अतिरिक्त बिजली बेची गई है। उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन एवं मै० क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० के बीच एक वर्ष के लिए हुए अनुबन्ध के अनुसार बेची गई अतिरिक्त बिजली की धनराशि का भुगतान मिलने के उपरान्त भी कम्पनी द्वारा उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि० के पास धनराशि जमा नहीं की गई। एक वर्ष का अनुबन्ध समाप्त होने के उपरान्त भी क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० से लगातार अनुबन्ध किया गया तथा क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० द्वारा निरंतर अतिरिक्त बिजली बेची जा रही है। परन्तु विभाग को बेची गई बिजली का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जबकि अनुबन्ध की शर्तों में स्पष्ट है कि कम्पनी द्वारा बिजली बेचने के तीन दिन के भीतर उत्तराखण्ड पाॅवर काॅरपोरेशन को धनराशि का भुगतान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० के साथ लगातार 4 वर्ष तक हुए अनुबन्ध के उपरान्त उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन की लगभग 80 करोड़ का बकाया भुगतान अवशेष है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे अनुबन्ध के इस खेल में भारी घोटाले की बू आ रही है जिसकी जाँच कराया जाना नितांत आवश्यक है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि० के उच्चधिकारियों एवं शासन में बैठे उच्चधिकारियों की क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० से सांठ-गांठ का खामियाजा उत्तराखण्ड प्रदेश की जनता को अपने घरेलू बिजली के बिलों को चुका कर भुगतना पड़ रहा है। जैसा कि आप विज्ञ ही हैं कि विगत लगभग 7 माह से वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बिजली की खपत में काफी गिरावट आई है तथा कम्पनी द्वारा अधिक बिजली बेची गई है। कम्पनी द्वारा बेची गई बिजली का भुगतान यदि समय पर विभाग को होता तो निश्चित रूप से राज्य के उपभोगताओं को राहत मिलती तथा उन्हें कम दरों पर बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ता।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन लि० द्वारा विभिन्न जनपदों में दी जा रही निविदाओं में भी भारी घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ए.बी.बी. इण्डिया लि० को मानकों के विपरीत एक ही कम्पनी को सप्लाई का आर्डर देकर करोड़ों रूपये के घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी अति आवश्यक है।
उन्होंने राज्य सरकार से माँग की कि उत्तराखण्ड पाॅवर कारपोरेशन एवं मै० क्रिएट एनर्जी प्राइवेट लि० के बीच हुए अनुबन्ध तथा ए.बी.बी. इण्डिया लि० के साथ किये गये अनुबन्ध की सी.बी.आई. से जाँच करवाई जाय तथा विभाग की बकाया धनराशि को विभाग में जमा कराने के साथ ही मिलीभगत कर बिना अनुमति के बिजली बेचने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाय तथा कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाय।
पुतला दहन करने वालों में पूर्व विधायक राजकुमार, शांति रावत, डाॅ० प्रतिमा सिंह, देवेन्द्र सती, भरत शर्मा, अनूप कपूर, मुकेश सोनकर, देविका रानी, अजय बेलवाल, सन्दीप चमोली, विकास नेगी, जितेन्द्र नेगी, देवेन्द्र सावंत, डाॅ० विजेन्द्र पाल, जहांगीर अन्सारी, भूपेन्द्र नेगी, मोहित धीमान, निशि राम सोनकर, सतीश, शहजवान, एतात खान, राहुल, प्रताप, लकी, नागेश रतुरी, अजय रावत, सुदीप सुनेहरा, नवीन रमोला, भरत, अजीत नेगी, अविनाश मनी, आयुष सेमवाल, आशीष सक्सेना, सनी कुमार, जितेंद्र नेगी, सौरभ ममगाई, श्याम सिंह चौहान, पुनीत कुमार, सुमित सिंह, संदीप कुमार, सूरज ग़ुसाइं, संतोष पन्यूलि, अमित राज सिंह, राहुल रोबिन, अनिल नेगी, फरमान आदि कांग्रेस जन थे।