उक्रांद ने की पीपीपी मोड से अस्पताल वापस लेने की माँग, जानिए क्या रही वजह
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आकाश ज्ञान वाटिका, 25 नवम्बर 2021, गुरुवार, देहरादून। पीपीपी मोड अस्पतालों की खस्ताहालत को लेकर उक्रांद का आंदोलन, पीपीपी मोड से अस्पताल वापस लेने की मांग
डोईवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से वापस लेने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा।
धरने के दूसरे दिन सैकड़ों लोगों ने आंदोलन में शिरकत की, साथ ही महिला उत्थान समिति की महिलाएं भी धरने को अपना समर्थन देने के लिए पहुंची तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उत्तराखंड क्रांति दल के डोईवाला विधानसभा प्रभारी तथा केंद्रीय प्रवक्ता शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि इस बार लड़ाई आर-पार की है। या तो सरकार पीपीपी मोड से अस्पताल को वापस ले अथवा यहां पर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
आंदोलन को जनता का समर्थन मिलने लछघगा है। लोग स्वयं ही आंदोलन के समर्थन में एकजुट होने लगे हैं।
यूकेडी नेता प्रसाद सेमवाल ने डोईवाला अस्पताल की बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से कांग्रेस सरकार में अस्पताल के लिए स्वीकृत धनराशि को निरस्त कर दिया तथा उसके बाद भाजपा सरकार ने इस अस्पताल को उच्चीकरण करने के बजाए हिमालयन अस्पताल को सौंप दिया।
उत्तराखंड क्रांति दल के आंदोलन को अपना समर्थन देने आए समाजसेवी फुरकान अहमद कुरैशी ने कहा जनहित के इस मुद्दे पर वह दलगत भावना से ऊपर उठकर अपना समर्थन दे रहे हैं।
फुरकान के साथ दर्जनों कार्यकर्ता थी आंदोलन को अपना समर्थन देने आए थे।
उत्तराखंड क्रांति दल की जिला उपाध्यक्ष तारा देवी यादव ने कहा कि अस्पताल के निजी करण से सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं को उठाना पड़ रहा है ।
उत्तराखंड क्रांति दल के नगर अध्यक्ष राकेश तोपवाल ने कहा कि यदि सरकार जल्दी ही संज्ञान नहीं लेती तो अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष संजय डोभाल, जिला संगठन मंत्री दिनेश सेमवाल, नगर महिला मोर्चा अध्यक्ष बीना नेगी, शशिबाला, लक्ष्मी देवी, भावना मैठाणी, योगी पवार, मनोज साहनी ,पेशकार गौतम, दीप पांडे, बाबूलाल गौतम, सलीम, अखिलेश सिंह, राजू, रणजीत, बाबा रघुनाथ, जसवीर सिंह, सुनील साहनी ,रमेश तोपवाल, हर्ष रावत ,मालती देवी ,जीवानंद भट्ट, लक्ष्मी लखेड़ा आदि सैकड़ों कार्यकर्ता तथा आम जनता शामिल थे।