‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैकिंग में उत्तराखण्ड वर्ष 2015 में 23वें स्थान पर था, अब वर्ष 2019 में 11वें स्थान पर आ गया
- आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा तेलंगाना क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे।
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उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जायेंगे : मुख्यमन्त्री
उत्तराखण्ड राज्य को निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में हम कृत संकल्प हैं : मुख्यमन्त्री
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आकाश ज्ञान वाटिका, शनिवार, 5 सितम्बर, 2020 देहरादून (सू.ब्यूरो)। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्टेट बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान 2019 के चौथे एडिशन के तहत ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ के क्षेत्र में राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की रेकिंग जारी की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें शामिल हुए। रैकिंग में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा तेलंगाना क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। उत्तराखण्ड 2015 में 23वें स्थान पर था जो अब 11वें स्थान पर आ गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग की घोषणा के अवसर पर कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से राज्यों की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग जारी की जा रही है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत राज्यों द्वारा किये जा रहे रिफॉर्म, केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच सकारात्मक साझेदारी की अनूठी मिसाल है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात निर्धारित रिफॉर्म एक्शन प्लान राज्यों को निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए एक समुचित रोड मैप प्रदान करता है। उत्तराखण्ड ने आरंभ से ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में लगातार सक्रियता से कार्य किया है। वर्ष 2015 की पहली रैंकिंग में हम 23वें स्थान पर थे और वर्ष 2019 में 11वें स्थान पर रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत निवेश से सम्बन्धित आवश्यक क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है। बावजूद इसके इसमें स्वच्छ पर्यावरण एवं जलवायु, बेहतर कानून व्यवस्था, अनुशासित वर्कर्स एवं उत्पादकता तथा श्रमिक विवादों की अनुपस्थिति आदि हमारे राज्य के सकारात्मक क्षेत्र है। ये परिस्थितियाँ निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उत्तराखण्ड राज्य को निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में हम कृत संकल्प है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा राज्य में निवेश हेतु उद्यमियों को अनेक सहुलियतें दिये जाने से सम्बन्धित कार्ययोजना बनायी है, जिसका परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखायी देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यौगों के अनुकूल माहोल तैयार करने के साथ ही मा० प्रधानमंत्री द्वारा आत्म-निर्भर भारत के लिए की गई पहल को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे हैं, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ की दिशा में भी योजना बनायी जा रही है।