राज्य स्तरीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष शेर सिंह गडिया की अध्यक्षता में किया गया बीस सूत्री कार्यक्रम-2006 पर आयोजित कार्यशाला का आयोजन
आकाश ज्ञान वाटिका, 24 मार्च 2021, बुधवार, देहरादून (जि.सू.का.)। राज्य स्तरीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष शेर सिंह गडिया की अध्यक्षता में जे.एस.आर. होटल में बीस सूत्री कार्यक्रम-2006 के कई मदों/योजनाओं के लक्ष्यों की पूर्ति तथा केन्द्र राज्य सरकार तथा सतत विकास लक्ष्यों के योजनापरक संकेतकों को जोड़ते हुए कार्यक्रम का विस्तृत फ्रेम तैयार किए जाने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में उपाध्यक्ष शेर सिंह गडिया ने उपस्थित विभागीय अधिकारियों को बीस सूत्रीय कार्यक्रमों के मदों से आम जनता को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुँचाने एवं विश्वसनीयता के साथ चहुँमुखी विकास व सूचनाओं का आदान-प्रदान तथा अनुश्रवण एवं समीक्षा किए जाने को कहा। उन्होंने आगामी दिनों में पुनः राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित करते हुए विभागाध्यक्षों को 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन में संरचनात्मक फ्रेम के सम्बन्ध में अमूल्य सूझाव, लोक कल्याण की योजनाओं पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रमों के अनुश्रवण एवं भौतिक सत्यापन के लिए नामित टास्कफोर्स के अधिकारियों से स्थलीय निरीक्षण करते हुए मूल्यांकन आख्या उपलब्ध कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के तहत् योजना बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का समुचित लाभ दिलाना है, जबकि उनके जिलों के भ्रमण के दौरान पात्र व्यक्तियों को योजनाओं से वंचित रहने की बात उभर कर सामने आई, कार्यशाला में निदेशक सुशील कुमार द्वारा उपाध्यक्ष जी का स्वागत करते हुए विभागीय गतिविधियों की जानकारी उपस्थित प्रभिागियों की दी।
विभागीय अपर निदेशक डाॅ० मनोज पंत द्वारा बीस सूत्री कार्यक्रम/सतत् विकास लक्ष्यों की महत्ता पर प्रकाश डाला, उपनिदेशक श्रीमती गीतांजलि शर्मा गोयल ने कार्यशाला का संचालन करते हुए बीस सूत्रों के उद्देश्यों पर त्रिस्तरीय समितियों के सम्बन्ध में जानकारी दी। इस कार्यशाला में शोध अधिकारी/चीफ कार्टोग्राफर द्वारा नए फ्रेम के संकेतकों का प्रस्तुतीकरण तथा सूत्रवार संकेतकों पर विभागवार/मदवार चर्चा करते हुए सूझाव लिए गए। इसके अलावा शोध अधिकारी महेश चन्द्र कपिल ने प्रस्तावित रैकिंग योजनाओं के प्रस्तुतीकरण व रैकिंग प्रक्रिया तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान पर चर्चा की। कार्यशाला में 20 सूत्रीय कार्यक्रमों से संत्प्त विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।