बंगाल में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे राज्यपाल धनकड़, तृणमूल कांग्रेस ने की आलोचना
आकाश ज्ञान वाटिका, १३ मई २०२१, बृहस्पतिवार, कोलकाता। बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद जारी हिंसा को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। ममता सरकार के ऐतराज के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ आज, गुरुवार को बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। राज्यपाल ने मंगलवार को ही इसका ऐलान कर दिया था। राज्यपाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘वे 13 मई की सुबह 11 बजे बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से कोलकाता से रवाना होंगे और कूचबिहार जिले के शीतलकूची समेत हिंसा प्रभावित अन्य क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों परिवारों से मिलेंगे।’
राज्यपाल ने बुधवार को एक अन्य ट्वीट में लिखा कि वह 14 मई, शुक्रवार को असम के रणपगली और श्रीरामपुर शिविरों का भी दौरा करेंगे जहां बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हिंसा के चलते कुछ लोग अपनी सुरक्षा के लिए वहां शरण लिए हुए हैं। गौरतलब है कि राज्यपाल ने यह भी आरोप लगाया है कि दौरे के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर का प्रबंध करने के लिए कहे जाने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद उन्होंने बीएसएफ के लिए हेलीकॉप्टर से दौरा करने का फैसला किया।
तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल द्वारा चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जाने के फैसले के लिए बुधवार को उनकी आलोचना की। तृणमूल सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, ‘वे (धनखड़) राज्यपाल पद पर रहते हुए अमर्यादित आचरण कर रहे हैं।एक वकील होने के नाते मुझे कोई ऐसा वाकया याद नहीं है जहां किसी राज्यपाल ने इस तरह का बर्ताव किया हो। राज्यपाल पद पर नियुक्त व्यक्ति के लिए इस तरह का आचरण ठीक नहीं है। मुझे लगता है कि वह न्यायपालिका को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामले की सुनवाई चल रही है।’
विदित रहे कि तृणमूल का जुलाई 2019 में धनखड़ के राज्यपाल पद संभालने के बाद से ही उनके साथ टकराव चल रहा है। वहीं, राज्य के मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने भी कहा, ‘धनखड़ कूचबिहार के शांतिपूर्ण हालात को बिगाड़ने के लिए आ रहे हैं।’ दूसरी ओर, तृणमूल के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि अगर राज्यपाल राजनीतिक हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे तो इसमें तृणमूल कांग्रेस को क्यों आपत्ति है।