संसद भवन में ‘संविधान दिवस’ समारोह आज, राष्ट्रपति समेत सभी गणमान्य लोग होंगे उपस्थित
आकाश ज्ञान वाटिका, 26 नवमंबर 2021, शुक्रवार, नई दिल्ली। संविधान सभा के मौके पर आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजित किया जा रहा है। इसमें राष्ट्रपति समेत सभी गणमान्य लोग उपस्थित होंगे। इसमें हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द संसद भवन पहुंच चुके हैं। उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी समेत अन्य लोगों ने रिसीव किया है। कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, शिव सेना, एनसीपी, सपा, आईयूएमएल, और डीएमके सेमत करीब 14 राजनीतिक र्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इस बात की संभावना है कि कांग्रेस के साथ दूसरे विपक्षी दल भी इसमें शामिल नहीं होंगे।
पीएम मोदी ने इस दौरान पारिवारिक पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियां संविधान को भूल चुकी हैं।
संविधान दिवस की शुरुआत यदि पहले की गई होती तो बेहतर होता। इससे देश के लोगों को इसके बारे में पता चलता। हमें इस दिवस को शुरू करने का मौका मिला। पीएम ने कहा कि वर्ष 2015 में जब इसकी शुरुआत की गई थी तब भी इसको लेकर विरोध की आवाज उठी थी। कहा गया था कि संविधान दिवस कहांं से ले आए। लेकिन आज इस तरह की आवाज नहीं सुनी जाएगी।
विभिन्न दिक्कतों के साथ देश को एक सूत्र में पिरोना बेहद मुश्किल था। आज शायद यदि इसको लिखा जाता तो एक पेज भी मुश्किल होता। देश के संविधान निर्माण करने वालों ने राष्ट्रहित में अपना सहयोग दिया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 26/11 का उल्लेख किया और कहा कि देश के दुश्मनों ने देश के अंदर घुसकर मुंबई में आतंकी घटना को अंजाम दिया। उन्होंने इस दौरान उन लोगों को नमन किया जिन्होंने इन आतंकियों को रोकने में अपनी जान गंवा दी।
ओम बिड़ला ने अपने संबोधन में कहा कि इस संविधान के साथ भारत ने अपनी विकास यात्रा शुरू की थी। ये हमारे दायित्वों का बोध कराता है। इसको अक्षुण बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान आधुनिक गीता की तरह है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद भवन में किया राष्ट्रपति का स्वागत। इस मौके पर जोशी ने संविधान को एक पवित्र ग्रंथ बताया और कहा कि हम इसकी महत्ता को समझते हैं। उन्होंने बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय ने इस मौके पर दो पोर्टल तैयार किए हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द पहुंच संसद भवन
विपक्ष के इस रवैये पर कंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विपक्ष सदन और देश के संविधान का अपमान कर रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस बीआर अंबेडकर समेत दूसरे लोगों का सम्मान नहीं करती है, वो केवल नेहरू परिवार से जुड़े लोगों का ही सम्मान करना जानती है।
आपको बता दें कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आज के ही दिन 1949 में संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। हालांकि इसको 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था। देश के संविधान के तहत हर देशवासी को समान अधिकार प्राप्त हैं। हमारे संविधान में नागरिकों को मौलिक अधिकारों के जरिए एक ताकत दी गई है। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस और राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2015 में इसकी शुरुआत हुई थी। संविधान दिवस डाक्टर बीआर अम्बेडकर को श्रद्धांजलि भी दी जा रही है। उन्होंने संविधान निर्माण के लिए बनाई गई सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
संविधान दिवस 2021 से पहले पीएम मोदी ने एक ट्वीट कर कहा है कि किसी भी देश का संविधान भले ही कितना मजबूत हो लेकिन जब उसको चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है। उन्होंने पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा हस्ताक्षरित संविधान पत्र को भी अपने ट्वीट के साथ साझा किया।