इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी पारिवारिक बॉन्ड को भी बढ़ाने का दिन है : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आकाश ज्ञान वाटिका, 21 जून 2020, रविवार। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस सर्वप्रथम 21 जून 2015 को मनाया गया। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की पहल 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी, उन्होंने कहा था कि:
“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है, तो आये एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।”— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मा० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पहल को कई वैश्विक नेताओं का समर्थन मिला। सबसे पहले, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया। अमेरिका सहित 177 से अधिक देशों, कनाडा, चीन और मिस्र आदि ने इसका समर्थन किया है। अभी तक हुए किसी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प के लिए यह सह प्रायोजकों की सबसे अधिक संख्या है। 11 दिसंबर 2014 को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से ‘योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में 21 जून को मंजूरी दे दी गयी।
श्री श्री रविशंकर ने नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते है कहा: “किसी भी दर्शन, धर्म या संस्कृति के लिए राज्य के संरक्षण के बिना जीवित रहना बहुत मुश्किल है। योग लगभग एक अनाथ की तरह अब तक अस्तित्व में था। अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता योग के लाभ को विश्वभर में फैलाएगी।” ….. श्री श्री रविशंकर
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। भारत में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए देश भर में भारतीय जनता पार्टी के साथ बाबा रामदेव ने भी इस आयोजन के लिए खास तैयारियां की थी, विश्व योग दिवस को यादगार बनाने और पूरे विश्व को योग के प्रति जागरूक करने के लिए रामदेव ने 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था। सरकार भी प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को यादगार बनाने के लिए बड़े जोर-शोर से तैयारियां की। इसका प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के राजपथ पर हुआ जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिरकत की। प्रधानमंत्री ने राजपथ पर लगभग 36000 लोगों के साथ योग किया।
तब से आज तक प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पुरे भारत वर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। मा० प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सकारात्मक सोच एवं अथक प्रयासों ने आज योग के महत्त्व को सम्पूर्ण विश्व में चरम पर पहुँचा दिया है।
इस साल कोविड-19 की वैश्विक महामारी के चलते सामूहिक तौर पर एक जगह पर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर लोग योग नहीं कर पाए लेकिन योग के प्रति लोगों की सजगता एवं उत्साह में कोई कमी नहीं देखि गई। सभी आवश्यक एतिहात बरत कर घर पर ही योग किया तथा सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार किया। इस बार का योग दिवस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनाया गया।
[box type=”shadow” ]
इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है…….. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देशवासियों की शुभकामनाएं देते हुए अपना सन्देश दिया और कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय योगदिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है। यह विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि “बच्चे, बड़े, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी जब एक साथ योग के माध्यम से जुडते हैं, तो पूरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए, इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी पारिवारिक बॉन्ड को भी बढ़ाने का दिन है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि “कोविड-19 वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र, यांनि कि रेस्पिरेटरी सिस्टम(Respiratory System) पर हमला करता है और हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में प्राणायाम से सबसे ज्यादा मदद मिलती है। पीएम मोदी ने कहा कि आप प्राणायाम को अपने प्रतिदिन के अभ्यास में जरूर शामिल करिए और अनुलोम-विलोम के साथ साथ दूसरी प्राणायाम तकनीक को भी सीखिए और उनको सिद्ध कीजिए।”
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे, “एक आदर्श व्यक्ति वह है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है।” किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है। योग का साधक कभी संकट में धैर्य नहीं खोता है। योग का अर्थ ही है, “समत्वम् योग उच्यते” अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है।”[/box]
[box type=”shadow” ]योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नियमित योग हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है…. मुख्यामंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
उत्तराखंड के मुख्यामंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी अपने घर पर ही योग किया।
अंतर्राष्ट्रीय योगदिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यामंत्री ने कहा,
“प्रिय प्रदेशवासियों,
जैसा कि आप जानते हैं, 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” मनाया जा रहा है। इस बार कोरोना संकट के चलते लोग बड़ी संख्या में योगाभ्यास के लिए एकजुट नहीं हो सकेंगे। इसलिए मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूँ कि आप अपने घर पर ही योगाभ्यास करें। योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नियमित योग हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है। कोरोना के दौर में नियमित योगाभ्यास हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार होगा।”
[/box]