प्रकृति प्रेम का अनूठा जज्बा : प्रकृति संरक्षण में जुटे पर्यावरण प्रेमी अनोप भाम्बु के प्रकृति प्रेम का है हर कोई मुरीद
राजस्थान के जोधपुर निवासी अनोप भाम्बु अब तक लगा चुके हैं सैकड़ों पौधे
आकाश ज्ञान वाटिका, 29 जनवरी 2022, शनिवार, जोधपुर। जहाँ एक ओर आज जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और हरियाली को लोग तरस रहे हैं। जंगल धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं। बड़े शहरों में तो हालात यह है कि पौधे लगाने के लिए जगह तलाश करनी पड़ती है। वहीं दूसरी ओर ऐसे दौर में राजस्थान के जोधपुर निवासी अनोप भाम्बु के प्रकृति प्रेम का अनूठा जज्बा है। पर्यावरण एवं हरियाली से उन्हें इतना लगाव है कि वे जहाँ भी पौधों को लगाने के लिए जगह देखते हैं वहाँ पौधे लगाने की ठान लेते हैं। अब तक उन्होंने विद्यालय, गाँव, मंदिर, घर-घर विभिन्न प्रजाति के छायादार, फूलदार और औषधीय प्रकृति के सैकड़ों पौधे लगा चुके हैं।
प्रकृति प्रेम भाम्बु ने बताया कि गाँवों में कई जगह मैंने पौधे लगाए। वे आज बड़े हो चुके हैं। पौधों को बड़े होते देखकर खुशी होती है।
पौधों की देखरेख करने के लिए पेड़ मित्र बनाकर संरक्षण एव संवर्धन का दायित्व सौंपने का कार्य भी किया जा रहा है। मेहमान बनकर कहीं जाना है तो भी पौधे साथ ले जाते है और रोपण करवाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित और जागरूक करते हैं।
पर्यावरण प्रेमी भाम्बु का कहना है कि पदश्री हिमताराम भाम्बु व पर्यावरणविद श्याम सुंदर ज्याणी उनके प्रेरणा स्रोत हैं। पर्यावरण संरक्षण का कार्य दोनों की प्रेरणा से ही संभव हो रहा है।
पर्यावरण से प्रेम करना कोई अनोप भाम्बु से सीखे। मजदूर होने के बावजूद उसमें अनूठा जज्बा है। ग्राम पंचायत की तरफ से सड़क किनारे लगाए गए पौधों में वह रोजाना सुबह शाम पानी देता है। पर्यावरण सरंक्षण के प्रति उसके इस प्रयास की हर कोई सराहना करता है। केंद्र और प्रदेश सरकार का भी उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण किया जाए। इसके लिए जनआंदोलन खड़ा किया जाए और पौधरोपण के बाद इनका रख-रखाव करने की जिम्मेदारी भी नागरिक लें। मगर, पौधरोपण करने के बाद उनके संरक्षण पर किसी का ध्यान नहीं रहता है।
पर्यावरण प्रेमी भाम्बु को मिले सम्मान :
➲ वर्ष 2020 में अंतरास्ट्रीय जाट ससंद अवार्ड से नवाजा,
➲ वर्ष 2021में राष्ट्रीय तेजा दर्शन महोत्सव पर्यावरण वानिकी के रूप में,
➲ वर्ष 2021 में जोधपुर रत्न,
➲ वर्ष 2022 में पर्यावरण समान से नवाजा गया है।
प्रकृति प्रेमी होने से अनोप भाम्बु लोगों के बीच पर्यावरण प्रेमी, वृक्ष मित्र के रूप में पहचाने जाते हैं।