राजस्थान कांग्रेस में खींचतान की सुगबुगाहट, सचिन पायलट खेमा माँग रहा अपना हक
आकाश ज्ञान वाटिका, 16 अप्रैल 2021, शुक्रवार, जयपुर। राजस्थान के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में फिर खींचतान सार्वजनिक होने लगी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा अपना हम मांगने लगा है। पायलट के विश्वस्त विधायक वेद्रप्रकाश सोलंकी ने सत्ता में अनुसूचित जाति और जनजाति की हिस्सेदारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार गठन में इन वर्गों की महत्चपूर्ण भूमिका रही है। इन वर्गों के विधायकों को महत्व के विभागों का मंत्री बनाया जाना चाहिए। इन्हें जनता से जुड़े दमदार विभाग देकर ताकतवर बनाया जाए। सोलंकी ने एक बातचीत में कहा कि वर्तमान में अनुसूचित जाति के मंत्रियों को कारखाना बायलर्स, श्रम जैसे विभागों का जिम्मा दिया गया है, जिन्हें कोई जानता ही नहीं है। ये मंत्री इन विभागों के माध्यम से आम लोगों का भला नहीं कर सकते। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विधायकों को ऐसे विभाग दिए जाएं, जिससे वे अपने वर्ग का हित कर सकें। पानी, ऊर्जा और चिकित्सा, स्वायत्त शासन जैसे विभाग दिए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने ढाई साल हो गए, अब मंत्रिमंडल का विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम होना चाहिए। कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार बनी है, सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। कार्यकर्ताओं का इनके नेतृत्व में पूरा विश्वास है। बुधवार को पायलट ने मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी में विश्वास जताया था। उन्होंने दलित वर्ग को मान-सम्मान देने की बात कही थी। पायलट ने मंत्रिमंडल के विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों व चुनाव घोषणा-पत्र में किए गए वादों को पूरा करने को जरूरी बताते हुए कहा कि सोनिया गांधी के निर्देश पर पार्टी में जो सुलह कमेटी बनी थी, उसमें जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी थी उन पर तुरंत काम होना चाहिए। 10 महीने पूर्व पायलट खेमे की बगावत के समय स्वर्गीय अहमद पटेल की अगुवाई में एक कमेटी बनी थी। इस कमेटी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच विवादास्पद मुद्दों के निपटारे के साथ ही आम सहमति से मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा कराने का जिम्मा सौंपा गया था।