Breaking News :
>>भारत स्काउट एंड गाइड का 75वां स्थापना दिवस मनाया गया >>राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन स्वर्णिम अवसर व चुनौती – मुख्य सचिव>>भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 सीरीज का पहला मुकाबला आज >>सीएम धामी ने स्वच्छता कार्यक्रम में प्रतिभाग कर झाड़ू लगाकर दिया स्वच्छता का संदेश>>रिवीलिंग लहंगा पहन नेहा मलिक ने इंटरनेट पर लगाया बोल्डनेस का तड़का >>नरेंद्रनगर ब्लॉक के नौडू गांव में सड़क की सुविधा न होने से महिला का जंगल में ही हुआ प्रसव >>वजन घटाने के लिए कीटो डाइट है कारगर, इसका पालन करते समय खाएं ये 5 स्नैक्स>>छठ महापर्व- पहाड़ से लेकर मैदान तक श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर की सुख-समृद्धि की कामना>>दून से उत्तरकाशी और गौचर के लिए शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा >>पटाखों के चलते हिंसा और हत्या>>पुलिसकर्मी ई-रिट पोर्टल से उच्च न्यायालय में दाखिल कर सकते हैं प्रतिवेदन>>लंदन डब्ल्यूटीएम में दिखी प्रधानमंत्री मोदी के ‘चलो इंडिया’ की छाप- महाराज>>दिल्ली की हवा में नहीं कोई सुधार, AQI 352 के पार, प्रदूषण से बढ़ीं स्वास्थ्य समस्याएं>>उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाले राज्य के प्रवासियों को धामी सरकार करेगी सम्मानित>>रोजाना फूलगोभी खाने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां, जानें इसके साइड इफेक्ट्स>>प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना- मेधावी छात्रों को मिलेगा सस्ता लोन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी>>परिणीति चोपड़ा ने बदला लुक, बोलीं नई फिल्म नए बाल>>बॉबी पंवार पर ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम से गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने का लगा आरोप >>उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होंगे नेशनल गेम्स>>न शर्म न हया : संविधान की रोज हत्या
आर्थिक गतिविधियाँताज़ा खबरें

चीन के नहीं बल्कि अब भारत के फर्नीचर से ही सजाए जायेंगे देश के होटल व बड़े-बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट

आकाश ज्ञान वाटिका, 24 अक्टूबर 2020, शनिवार। दुनिया के फर्नीचर बाजार में भारत की इंट्री की तैयारी इन दिनों जोरों पर हैं। अभी वैश्विक फर्नीचर निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी एक फीसद भी नहीं है। भारत चीन से होने वाले एक अरब डॉलर के फर्नीचर आयात को भी कम करना चाहता है, ताकि भारत के होटल व बड़े-बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट में बनने वाले घर चीन के नहीं बल्कि भारत के फर्नीचर से सजाए जा सके।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने फर्नीचर उद्योग में निर्यात एवं घरेलू बाजार की भारी संभावना को देखते हुए इसके विकास के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई है। आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु ने तो फर्नीचर क्लस्टर निर्माण के लिए स्थान एवं जमीन का चयन भी कर लिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआइ) को पीलीभीत में फर्नीचर क्लस्टर विकसित करने के लिए जमीन की पेशकश की है।

 भारत में फर्नीचर का संगठित बाजार है सिर्फ 5 अरब डॉलर का

विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में फर्नीचर का संगठित बाजार सिर्फ 5 अरब डॉलर का है। इनमें से 1.6 अरब डॉलर भारत निर्यात करता है। वास्तव में यह निर्यात लकड़ी से निर्मित हैंडीक्राफ्ट्स आइटम का किया जाता है जिसे फर्नीचर निर्यात में शामिल किया गया है। फर्नीचर का वैश्विक निर्यात बाजार 246 अरब डॉलर का है और दुनिया के पांच देश निर्यात बाजार में 50 फीसद से अधिक की हिस्सेदारी रखते हैं। 75 अरब डॉलर के निर्यात के साथ चीन पहले नंबर पर है तो 19 और 17 अरब डॉलर के निर्यात के साथ जर्मनी और पोलैंड क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर है।

दिल्ली से 100 किलोमीटर के दायरे में क्लस्टर निर्माण होने से मिलेगा फायदा 

विदेश व्यापार विशेषज्ञों ने बताया कि दस साल पहले वियतनाम का फर्नीचर निर्यात एक अरब डॉलर से कम था जो अब 10.6 अरब डॉलर का हो गया। वियतनाम को मुख्य रूप से चीन और अमेरिका के ट्रेड वार का फायदा मिला। टीपीसीआइ के चेयरमैन मोहित सिंगला कहते हैं, विश्व में फर्नीचर का सबसे बड़ा आयातक अमेरिका और कनाडा है और चीन अपना 46 फीसद निर्यात इन देशों को करता है। अभी चीन के खिलाफ अमेरिका में जो हालात बन रहे हैं भारत उसका फायदा उठाकर आसानी से फर्नीचर निर्यात को बढ़ा सकता है।

उन्होंने बताया कि टीपीसीआइ की गुजारिश पर हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार से पीलीभीत में फर्नीचर क्लस्टर निर्माण के लिए जमीन की पेशकश की है, लेकिन भारत के संगठित फर्नीचर निर्माताओं का कहना है कि दिल्ली से 100 किलोमीटर के दायरे में क्लस्टर निर्माण होने से फायदा मिलेगा क्योंकि आधुनिक फर्नीचर के अधिकतर खरीदार शहरी होते हैं। आंध्र प्रदेश ने 1500 एकड़ में फैले औद्योगिक इलाके में फर्नीचर पार्क विकसित करने का ऑफर दिया है तो तमिलनाडु ने थुथुकुडी जिले में फर्नीचर पार्क बनाने के लिए जमीन की पेशकश की है।

विशेषज्ञों ने बताया कि भारत के सभी बड़े होटल व हाउसिंग प्रोजेक्ट में लगने वाले फर्नीचर चीन से मंगाए जाते हैं। शहरी इलाके में मशीन से निर्मित आधुनिक फर्नीचर की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत में मुख्य रूप से पारंपरिक फर्नीचर बनाए जाते हैं और गोदरेज जैसी कुछ कंपनियां ही आधुनिक डिजाइन वाले फर्नीचर बनाते हैं।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!