Breaking News :
>>पुलिसकर्मी ई-रिट पोर्टल से उच्च न्यायालय में दाखिल कर सकते हैं प्रतिवेदन>>लंदन डब्ल्यूटीएम में दिखी प्रधानमंत्री मोदी के ‘चलो इंडिया’ की छाप- महाराज>>दिल्ली की हवा में नहीं कोई सुधार, AQI 352 के पार, प्रदूषण से बढ़ीं स्वास्थ्य समस्याएं>>उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाले राज्य के प्रवासियों को धामी सरकार करेगी सम्मानित>>रोजाना फूलगोभी खाने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां, जानें इसके साइड इफेक्ट्स>>प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना- मेधावी छात्रों को मिलेगा सस्ता लोन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी>>परिणीति चोपड़ा ने बदला लुक, बोलीं नई फिल्म नए बाल>>बॉबी पंवार पर ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम से गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने का लगा आरोप >>उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होंगे नेशनल गेम्स>>न शर्म न हया : संविधान की रोज हत्या>>मरचूला बस हादसे में सरकार केवल मुआवजा देकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती- कांग्रेस>>सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुलडोजर एक्शन पर लगाई फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश>>मुख्यमंत्री धामी ने नई दिल्ली में ‘उत्तराखण्ड निवास’ का किया लोकार्पण>>अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर चला डोनाल्ड ट्रंप का जादू>>पीपीपी मोड़ से हटेगा रामनगर संयुक्त चिकित्सालय>> मेटा ने इंस्टाग्राम के लिए बड़ा फीचर किया जारी, अब नहीं चलेगी किशोरों की मनमानी>>दिल्ली-पिथौरागढ़ के लिए कल से शुरू होगी उड़ान, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा >>जाति आधारित भेदभाव के मामले में देश की स्थिति दुनिया में सबसे खराब – राहुल गांधी>>‘ड्यून प्रोफेसी’ का ट्रेलर जारी, तब्बू का दिखा दमदार अवतार, जानिए कब और कहां देखें सीरीज>>लोक आस्था के महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, जानिए खरना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व 
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंशैक्षिक गतिविधियाँ

राज्यपाल लेफ्टि. जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की

आकाश ज्ञान वाटिका, 17 दिसम्बर 2022, शनिवार, देहरादून। राज्यपाल उत्तराखंड लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह शुक्रवार को आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने 1,698 छात्र-छात्राओं को उपाधि देने के साथ ही विभिन्न विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 112 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए। उन्होंने विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रगति विवरणिका ‘ब्रह्यकमल’ का भी विमोचन किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने कहा कि देश परिवर्तन के मुहाने पर है। आयुर्वेद चिकित्सा पूरी दुनिया में परचम लहरा रही है। ऐसे में इस पारंपरिक चिकित्सा की मदद से विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना होगा। आयुर्वेद चिकित्सकों पर इसकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद की भूमि है। यहीं से आयुर्वेद का उद्गम हुआ है। यहां हिमालय के विशाल और उन्नत शिखरों में अत्यंत दुर्लभ जड़ी-बूटियां विद्यमान हैं। यह हम सब की जिम्मेदारी है कि पूरे विश्व में आयुर्वेद को पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद आज के समय की मांग है। आयुर्वेद के सहयोग से हम आर्थिकी में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने कहा कि हमें देवभूमि को वेलनेस और उन्नत आध्यात्मिक जीवनशैली के क्षेत्र में एक आयुर्वेद डेस्टिनेशन बनाना होगा। राज्यपाल ने कहा कि हमें आयुर्वेद के क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान करने की जरूरत है। राज्यपाल ने थ्री पी यानी प्रोडक्ट, पेंटेंट और पब्लिकेशन का जिक्र करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि इलनेस को वेलनेस में परिवर्तित किया जाए। साथ ही आयुर्वेद को मॉडर्न टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना हमारी जिम्मेदारी है। दीक्षांत समारोह में सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडे, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार जोशी, कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार अधाना, डॉ. राजीव कुरेले, डॉ. नवीन जोशी आदि मौजूद रहे।

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है : बालकृष्ण
दीक्षांत समारोह में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति भारत की पहचान है। आयुर्वेद भारत समेत पूरी दुनिया में फैले इसके लिए इसके उत्थान और कल्याण के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। जिसकी जिम्मेदारी आयुर्वेद चिकित्सकों पर है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है जो हम जो हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है।

गंगा, आयुर्वेद, योग का जन्म उत्तराखंड में हुआ है जो हम सब के लिए गर्व का विषय है : निशंक

दीक्षांत समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉo रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आयुर्वेद को भारत के साथ ही पूरी दुनिया में पहुंचाने की जरूरत है। गंगा, आयुर्वेद, योग का जन्म उत्तराखंड में हुआ है जो हम सब के लिए गर्व का विषय है। युवा पीढ़ी तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में अपना हर संभव योगदान दें। निशंक ने कहा कि कोरोना काल के दौरान पूरे देश में आयुर्वेदिक दवाओं का 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है, जिससे साबित होता है कि आयुर्वेद के प्रति लोगों में रुझान बढ़ा है। 

स्नातकोत्तर के 692 और बीएमएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस के 1006 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई
दीक्षांत समारोह के दौरान स्नातकोत्तर के 692 और बीएमएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस के 1006 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई। जिसमें एमडी और एमएस आयुर्वेद में साल 2015 से लेकर साल 2022 तक के छात्र शामिल रहे। जबकि बीएमएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस के साल 2018, 2019 और 2020 के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!