केंद्र सरकार की ही तरह उत्तराखंड सरकार भी अपशिष्ट के निस्तारण के मद्देनजर प्रभावी प्रबंधन पर दे रही है जोर
शहरी क्षेत्रों की भाँति गाँवों को भी स्वच्छ-सुंदर बनाने की दिशा में सरकार उठाने जा रही महत्वपूर्ण कदम
आकाश ज्ञान वाटिका, 7 दिसम्बर 2022, बुधवार, देहरादून। शहरी क्षेत्रों की भांति गाँवों को भी स्वच्छ-सुंदर बनाने की दिशा में सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। गाँवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतें न केवल कदम उठायेंगी, बल्कि यूजर चार्ज भी वसूल सकेंगी और इसका निर्धारण वे स्वयं करेंगी। इसकी वसूली का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा। इससे जहाँ ग्राम पंचायत की आय का स्रोत विकसित होगा, वहीं स्वरोजगार के अवसर भी सृजित हो सकेंगे।
केंद्र सरकार की ही तरह उत्तराखंड सरकार भी लगातार ही ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के मद्देनजर प्रभावी प्रबंधन पर जोर दे रही है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने राज्य के 102 शहरी क्षेत्रों के बाद अब यहाँ की 7791 ग्राम पंचायतों पर ध्यान केंद्रित किया है।
सभी ब्लाक मुख्यालयों में प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के मद्देनजर लगाए जा रहे हैं कांपेक्टर
वास्तविकता यह है कि गाँवों से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन हेतु कुछ प्रभावी कदम अवश्य उठाए गए हैं, लेकिन लेकिन इनके क्रियावयन में तेजी लाने आवश्यकता है। अब ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों को प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर इसे धरातल पर उतारने को कहा गया है। इस दिशा में ग्राम पंचायतों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों में पंचायती राज विभाग सहयोग देगा। इसके अतिरिक्त तय कार्ययोजना के अनुसार प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के मद्देनजर सभी ब्लाक मुख्यालयों में कांपेक्टर लगाए जा रहे हैं।
ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि सभी ग्राम पंचायतों से निकलने वाला प्लास्टिक कचरा कांपेक्टर तक पहुँचे, जहाँ से इसे हरिद्वार व हल्द्वानी स्थित रिसाइक्लिंग प्लांट में भेजा जाएगा। तरल अपशिष्ट के निस्तारण को गाँवों में 4 से 5 घरों के लिए एक-एक पिट बनाने पर जोर दिया जाएगा।
समस्त ग्राम पंचायतों में 7 दिसंबर 2022 को आयोजित की जाएगी विशेष बैठक
ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण को लेकर चर्चा हेतु समस्त ग्राम पंचायतों में 7 दिसंबर 2022 को विशेष बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के साथ ही इसमें सहयोग की अपेक्षा की जाएगी।
गाँव स्वच्छ और सुंदर बने रहें, इसके लिए कूड़ा-कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। गाँवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतें न केवल कदम उठायेंगी, बल्कि यूजर चार्ज भी वसूल सकेंगी और इसका निर्धारण वे स्वयं करेंगी। बैठक में यह निर्देश दिए गए हैं कि यूजर चार्ज की वसूली के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी जाए।