Breaking News :
>>शासन के सचिवों की गैर मौजूदगी पर सीएस राधा रतूड़ी सख्त>>मुख्यमंत्री धामी को अचानक अपने बीच देखकर चौंक गए व्यापारी>>वायु प्रदूषण की जंग को गंभीरता से लेना होगा>>बिना प्रोटोकॉल व सुरक्षा के गैरसैंण पहुंचे सीएम धामी>>आकर्षण का केंद्र बने हैं उत्तराखंड के शिल्पियों के उत्पाद- महाराज>>शिक्षा विभाग को विज्ञान वर्ग में मिले 157 अतिथि प्रवक्ता>>ऋषिकेश नगर निगम ने दिखाई प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन की राह>>‘कुबेर’ की पहली झलक आई सामने, धनुष-नागार्जुन की जोड़ी ने मचाया धमाल>>केदारनाथ उपचुनाव- चोपता में पकड़ी गई अवैध शराब, कांग्रेसियों ने किया जमकर हंगामा>>राजधानी दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण, छठी से 11वीं कक्षा को ऑनलाइन पढ़ाने का लिया गया फैसला>>ब्राजील दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, जी 20 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा>>केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए आज शाम 5 बजे बंद हो जाएगा प्रचार- प्रसार का शोर >>खाली पेट फल खाने के फायदे हैं या नुकसान? जानें सच्चाई>>जय श्री बद्री विशाल के उदघोष के साथ श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट हुए बंद>>बदलते भारत की बदलती तस्वीर>>शादी में वाहन बुक कराने से पहले अब वाहनों का सेफ सफर ऐप में पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य>>मासूम को बहला फुसलाकर कुकर्म का प्रयास करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार >>सर्दियों की दस्तक के साथ ही पर्यटकों से गुलजार होने लगे मसूरी, धनोल्टी, व्यापारियों के खिले चेहरे >>एक्शन से भरपूर वरुण धवन की फिल्म बेबी जॉन का धमाकेदार टीजर आउट>>विवादित अफसरों को सेवा विस्तार दे रही भाजपा से जनता त्रस्त – कांग्रेस
Articles

वायु प्रदूषण की जंग को गंभीरता से लेना होगा

श्रुति व्यास
भारत और पाकिस्तान लड़ रहे है, पर एक दूसरे से नहीं  बल्कि जहरीली हवाओं से। अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने उपग्रह से एक तस्वीर खींची है जिसमें जहरीली धुंध की एक मोटी चादर पूर्वी पाकिस्तान से लेकर पूरे उत्तर भारत पर छाई हुई है। लाहौर तो मोटी जहरीली चादर से इस हद तक ढका हुआ है कि नजर तक नहीं आ रहा है। जनता पीड़ा झेल रही है, सांस लेना मुहाल है और जिंदा रहना मुश्किल होता हुआ है। हवा में जलने की बदबू घुली है, आंखों में चुभन है तो गले में जलन।

जनाब शहरयार की गज़़ल की इस पंक्ति सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों है, इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों है का सन्दर्भ भले भले ही दूसरा हो, मगर आज इससे लाहौर से लेकर दिल्ली तक की स्थिति का सटीक वर्णन हैं।

पिछले हफ्ते स्विस संस्था आईक्यूएयर ने लाहौर का प्रदूषण सूचकांक 1,165 बताया था। वहां स्कूल बंद कर दिए गए हैं और रोजीरोटी कमाने के काम रूक से गए हैं।
दिल्ली में हालात आज बहुत बिगड़े। शहर छोडक़र नीले गगन और साफ हवा वाली जगह पर चले जाने की जरूरत महसूस हुई। दीपावली के 13 दिन बाद, 13 नवंबर को दिल्ली की सुबह मलिन और धूल-धुंध भरी थी। मुझे सुबह उठते ही अपने लिविंग रूम में पेट्रोल या डीजल के जलने जैसी गंध का अहसास हुआ। एयर प्यूरीफायर्स के मीटर खतरनाक स्तर दर्शाने वाले लाल रंग पर थे। एक्स के जरिए सूचना दी जा रही थी कि दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार में एक्यूआई 1696 तक पहुंच गया है। धुएं भरा मटमैला आसमान, थमी हुई हवा, जलने की बदबू, नजर न आने वाली लपटें, खराश भरे गले, बीमारी और जल्दी मौत के मुंह में चले जाने का भय – मुझे डिप्रेशन महसूस होने लगा। बुधवार को दिल्ली में आधिकारिक रूप से ‘प्रदूषित मौसम’ का आगाज था।

वे दिन बीत गए जब दिल्ली की सुबहें ठंडी और स्फूर्तिदायक होती थीं। दोपहरें सुहानी होती थीं और हवा में पेड़ों से गिरी पत्तियों की गंध होती थी। रक्तिम शामें, अपने साथ सर्दी का अहसास लाती थीं।  हम लोधी गार्डन में टहलते थे, सर्दी की धूप में छत पर बैठते थे। मैं पूरे विश्वास से कह सकती हूं कि लाहौर में भी सर्दी का मौसम इतना ही खुशनुमा होता होगा। अब वह सब एक सपना, एक कल्पना लगता है।

जो दिल्ली के बाहर जा सकते हैं, वे जा रहे हैं। जिनके सामने कोई चारा नहीं हैं, वे जितने दिन काम करते हैं उससे ज्यादा दिन बीमार होकर घर में कैद रहते हैं। मेरा मानना है कि चूंकि केन्द्र एवं राज्य सरकारें इस मौसमी प्रदूषण का कोई हल निकालने में असफल रही हैं, इसलिए उन्हें एक कानून बनाना चाहिए कि नवंबर से जनवरी तक के तीन महीने वर्क फ्राम होम एवं लर्न फ्राम होम होंगे। यदि आप युद्ध लडऩा नहीं जानते तो कम से कम आपको अपने लोगों को सुरक्षित शरणस्थल तो मुहैया कराना ही चाहिए।

जहां तक भारत और पाकिस्तान के रिश्तों का सवाल है, चूंकि मौसम दोनों देशों के लिए विषाक्त है, इसलिए दोनों देशों के बीच ‘धुंध कूटनीति’ प्रारंभ करने की बातें होने लगी हैं। पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज, जो इन हालातों के लिए भारत को दोषी ठहराती हैं – भारतीय पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण – ने कहा है कि जब तक दोनों पंजाब मिलकर कदम नहीं उठाते तब तक इस समस्या से निपटना मुमकिन नहीं है।  भारत ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।

मुझे पता है कि हमारे चीन से रिश्ते भी कुछ हद तक ‘विषाक्त’ हैं, लेकिन समस्या की गंभीरता के मद्देनजर हमें इस ‘प्रदूषण ऋतु’ से निपटने के बारे में उससे कुछ सबक सीखने चाहिए। बीजिंग, जिसे ज़हरीली हवा का शहर कहा जाता था, की वायु आज पहले से बेहतर है। जहां हम अभी भी आतंकित हैं, वहीं चीन को कामयाबी इसलिए हासिल हुई क्योंकि वहां सरकार से लेकर जनता तक – सबने वायु प्रदूषण से मुकाबले में अपनी-अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी से निभाई। कोयले का उपयोग कम करके उसके स्थान पर गैस और ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करने पर बहुत जोर दिया। सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों को खरीदना, पेट्रोल कारों की खरीददारी से आसान बना दिया। कोयले से चलने वाले बिजलीघरों को बंद किया गया, विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस चलित परिवहन प्रणाली स्थापित की गई और उसका संचालन शुरू हुआ। पुराने व्यावसायिक वाहनों को सडक़ों से हटाने का हुक्म दिया गया, प्रदूषण के अपेक्षाकृत कड़े मानक लागू किए गए और एक बढिय़ा मेट्रो सेवा प्रारंभ कर उसके उपयोग को प्रोत्साहित किया गया।

लेकिन, हमारे यहां आधी-अधूरी योजनाएं बनाई जाती हैं, गलत नीतियां बनाई जाती हैं और पड़ोसी राज्यों से समन्वय और सहयोग नहीं होता है। जबकि  जी भर कर राजनीति की जाती है, जिससे सब कुछ अस्तव्यस्त हो जाता है।  नतीजा यह कि यह ऐतिहासिक महानगर धुएं और धुंध में डूबता जा रहा है।

मुझे लगता है कि पाकिस्तान चीन से मदद की गुहार करेगा और उससे वायु शुद्ध करने वाले उपकरण प्राप्त करेगा। लेकिन भारत तो विश्व गुरू है। और अगर उसे विश्व गुरु का खि़ताब अपने पास रखना है तो उसे वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रही इस जंग को गंभीरता से लेना होगा। इसके पहले कि सब कुछ बर्बाद हो जाए।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!