पवित्र धाम गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई पहली पूजा
गंगोत्री धाम की पूजा में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संकल्प लिया।
अक्षय तृतीया पर्व पर आज आज से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट आगामी छः माह के लिए खोल दिए गए हैं।
आकाश ज्ञान वाटिका, 3 मई 2022, मंगलवार, उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत श्रीगणेश हो गया है। मंगलवार को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम के कपाट विधिवत हवन, पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चरण एवं धार्मिक रीति-रिवाज साथ खोले गए।
दोनों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम से
गंगोत्री के कपाट दोपहर 11.13 बजे खोले गए तथा यमुनोत्री के कपाट दोपहर 12.15 बजे खोले गए। दोनों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से करवायी गई।
गंगोत्री धाम की पूजा में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संकल्प लिया।
जबकि यमुनोत्री धाम में अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल और उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी शामिल हुई। मंगलवार को गंगोत्री धाम में करीब 10 हजार और यमुनोत्री धाम में करीब 6 हजार यात्रियों ने दर्शन किए। वहीं केदारनाथ के कपाट 6 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले जाएंगे।
मंगलवार को सुबह साढ़े छह बजे गंगा की डोली भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर से गंगोत्री के लिए रवाना हुई। ठीक साढ़े नौ बजे डोली यात्रा गंगोत्री धाम पहुंची। तीर्थ पुरोहितों ने परंपरानुसार धार्मिक रीति-रिवाज तथा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दोपहर 11.15 अभीजीत मुहूर्त में गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले। गंगोत्री कपाट उद्घाटन अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, डीजीपी अशोक कुमार सहित कई शामिल हुए।
कर्क लग्न अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट खुले
जबकि अक्षय तृतीय के पर्व पर ही मंगलवार सुबह मां यमुना की डोली उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव महाराज की अगुवाई में सुबह 8.30 बजे यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। 11.30 बजे यमुना डोली यात्रा यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान से वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ 12.15 बजे कर्क लग्न अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
इस अवसर पर यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल भी यमुनोत्री पहुँचे। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि अक्षय तृतीय के शुभ पर्व पर गंगा धाम गंगोत्री के कपाट खोल दिए गए हैं। छह माह तक गंगा की पूजा तथा माता के दर्शन गंगोत्री धाम में होंगे। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल ने कहा कि सूर्य पुत्री मां यमुना के दर्शन के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए हैं और यात्रा का श्रीगणेश हो चुका है।
यात्रा को लेकर कोई संख्या निर्धारित नहीं : मुख्यमंत्री धामी
वहीं चारधाम यात्रा को लेकर तीन दिन पहले शासन की ओर से यात्रियों की संख्या निर्धारण के आदेश के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रा को लेकर कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। अगर यात्री अधिक संख्या में आते हैं तो उसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
कोविड नेगेटिव जाँच रिपोर्ट की अनिवार्यता नहीं
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के कोविड नेगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता नहीं है। केवल आनलाइन या आफलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। चार धाम यात्रा के लिए सोमवार तक 431809 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
मंगलवार सुबह 6:30 बजे डोली गंगोत्री के लिए रवाना हुई और सुबह ठीक 11:15 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। माँ यमुना की डोली मंगलवार सुबह शीतकालीन पड़ाव खरसाली से रवाना हुई और दोपहर 12:15 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। वहीं इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को खोले जाएंगे। जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खोले जाएंगे हैं।
चारधाम यात्रा शुरू होने को लेकर गंगोत्री और जानकी चट्टी में बड़ी संख्या में यात्री पहुँचे हैं। गंगोत्री धाम में करीब तीन हजार और जानकी चट्टी में करीब दो हजार यात्री पहुँचे हैं। गंगोत्री धाम के मंदिर को 15 कुंतल फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है, जबकि यमुनोत्री धाम के मंदिर को तीन कुंतल फूलों से सजाया गया है।
दोनों धामों के विभिन्न पड़ावों पर भी यात्रियों की चहलकदमी बढ़ गई है। सबसे अधिक चहलकदमी गंगात्री धाम, भैरव घाटी, हर्षिल, धराली, झाला, जसपुर, नेताला, उत्तरकाशी, बड़कोट, खरसाली, स्याना चट्टी, जानकी चट्टी पड़ाव पर है।
सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम के लिए पंजीकरण
केदारनाथ धाम के लिए सबसे ज्यादा 153745 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। यमुनोत्री के लिए 73441, गंगोत्री के लिए 75698 व बदरीनाथ के लिए 125347 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। श्री हेमकुंड साहिब के लिए 3578 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण किया है।