तालिबान ने अमेरिका पर जान बूझकर काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद विमानों और अन्य वाहनों को नष्ट करने का लगाया आरोप
आकाश ज्ञान वाटिका, 2 सितम्बर 2021, गुरुवार, नई दिल्ली। तालिबान ने अमेरिका पर जान बूझकर काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद विमानों और अन्य वाहनों को नष्ट करने का आरोप लगाया है। तालिबान ने कहा है कि ये सब कुछ बदनियती की वजह से किया गया है। आरियाना न्यूज के हवाले से एजेंसी ने बताया कि अमेरिकी वायु सेना के आखिरी विमान के काबुल से उड़ान भरने के बाद तालिबानी आतंकियों ने काबुल एयरपोर्ट पर अपना कब्जा कर लिया था।
इसके बाद वहां पर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद्दीन अपने साथियों के साथ वहां पर आया था। उसने तालिबान के आतंकियों को वहां पर संबोधित किया था। उसने कहा था कि आखिरकार आज देश अमेरिका से पूरी तरह से आजाद हो गया है। ये खुशी का दिन है। मुजाहिद्दीन समेत दूसरे तालिबानी नेताओं ने एयरपोर्ट का जायजा भी लिया था और वहां पर मौजूद विमानों और हेलीकाप्टरों की भी जांच की थी।
आपको बता दें कि अमेरिका अपने पीछे हजारों की संख्या में वाहन, बख्तरबंद गाडि़यां, हथियार काबुल में ही छोड़ गया है। जाने से पहले उसने काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद वाहनों को बर्बाद कर दिया था। यही हाल उसने विमानों का किया। जाने से पहले विमानों को उड़ान भरने के काबिल नहीं छोड़ा गया। हेलीकाप्टर्स के न सिर्फ बाहरी शीशे को तोड़ दिया गया बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से भी निष्क्रिय कर दिया गया था। अमेरिका ने जाने से पहले अपने अत्याधुनिक राकेट डिफेंस सिस्टम को भी कर दिया था।
अमेरिका का कहना था कि तालिबान अब इनका उपयोग नहीं कर सकेगा। जिन विमानों को अमेरिका ने खराब किया है उसमें सी-130जे हरक्यूलिस विमान और एमआई-17 हेलीकाप्टस समेत कई दूसरे छोटे विमान भी शामिल हैं।
इन्हीं विमानों को देखकर अब तालिबान अमेरिका पर आग बबूला हो रहा है। तालिबान के नेता अनस हक्कानी का कहना है कि अमेरिका वर्षों से हमें बर्बाद करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन काबुल एयरपोर्ट इस बात का गवाह है कि कौन असल में बर्बाद हुआ है।
हक्कानी का कहना है कि अमेरिका ने देश की राष्ट्रीय संपत्ति को बर्बाद किया है । तालिबान के नेता का कहना है कि वो एयरपोर्ट को जल्द से जल्द शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। यही अमीरात के सभी नेता भी चाहते हैं।
खुशी की बात ये है कि घुसपैठिए यहां से अब भाग चुके हैं। उनका हर बार तालिबान के हाथों हार ही मिली। यही सच्चाई है कि अमेरिका को यहां पर हार मिली इसी वजह से उसको भागना भी पड़ा।