गर्मी हो या फिर सर्दी – स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहने की आवश्यकता होती है
आकाश ज्ञान वाटिका। २१ नवंबर २०१९, बृहस्पतिवार। प्रकृति में आये दिन बदलाव देखने को मिलते है। इस बदलाव के चलते मौसम में भी परिवर्तन होता रहता है, जिसके चलते मनुष्य को अलग-अलग मौसम में अलग-अलग बीमारियाॅ का सामना करना पड़ता है। यदि हम अपने स्वास्थय के प्रति सचेत नहीं रहते हैं तो हम बीमार पड़ सकते हैं। इसलिये हमेशा जीवन में बीमारियों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। गर्मी हो या फिर सर्दी हमें स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहने की आवश्यकता होती है। सर्दियों के आते ही बीमारियाॅ जैसे जुकाम, खाॅसी, बुखार, गठिया रोगी को परेशानी, अस्थमा, नाक में एलर्जी, फेफड़ों में एलर्जी आदि प्रकार की बीमारियाॅ होने के पूरे आसार होते हैं। सर्दी के मौसम में त्वचा और होठों के फटने के साथ-साथ अन्य चीजों पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। सर्दियाॅ जब भी आती हैं, अपने साथ छोटे बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं के लिये कई समस्यायें लेकर आती हैं। यह एक ऐसा समय होता है, जब व्यक्ति को खुद का ध्यान रखने की खास आवष्यकता होती है। इस मौसम में लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिये तरह-तरह के उपायों का सहारा भी लेते हैं। इस मौसम में युवाओं का ज्यादा फर्ज बनता है कि वह बच्चों और परिवार के बड़े-बुजुर्गों का ख्याल रखें, क्योंकि यही लोग कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के शिकार होते हैं और जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसलिये जो लोग मौसम के अनुरूप अपना व अपने परिवार का ख्याल रखते हैं उनके निकट बीमारियाॅ कभी भी नहीं आती हैं। लेकिन जो लोग इसमें लापरवाही करते हैं उन्हें सर्दियों में कई प्रकार की बीमारियों से गुजरना पड़ता है।
सर्दियों में तापमान में बदलाव के कारण जुकाम, खाॅसी, आदि होना आम बात मानी जाती है, यह बीमारियाॅ ज्यादातर उन लोगों को होती है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिये हमें हमेशा इन बीमारियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इन बीमारियों के हो जाने पर बचाव के लिये निम्न उपाय लाभकारी होते हैं:
- नमक पानी के गरारे करें और भाप लें।
- तरल पदार्थ का सेवन न करें।
- गर्मी से आने के बाद तुरन्त कपड़े न उतारें अन्यथा इससे संक्रमण की गिरफ्त में आ सकते हैं।
उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को सर्दियों में बचकर रहना चाहिये। ऐसे लोगों के लिये यह मौसम खतरनाक साबित हो सकता है।
- सर्दियों के मौसम में खासकर खान-पान का विषेश रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- सूरज निकलने के बाद ही मार्निंग वाॅक पर जाना चाहिये।
गठिया से पीड़ित लोगों के लिये भी यह मौसम सही नहीं है। इस मौसम में जोड़ों का दर्द, अकड़न या सूजन बढ़ जाती है और समस्या ज्यादा बढ़ सकती है।
- हमेशा व्यायाम रने की आवश्यकता होती है।
- ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें।
- यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि शरीर में पर्याप्त रूप से कैल्शियम और विटामिन ‘डी’ की आपूर्ति सही से हो रही है या नहीं।
सर्दियों के मौसम में जोड़ों को ज्यादातर गर्म रखने का प्रयास करना चाहिये।
शरीर के विकास, हड्डियों के विकास और स्वास्थय के लिये बहुत जरूरी है कि:
- हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता रहे। इसकी कमी से थकावट, लम्बे समय तक दर्द रहना, वनज का बढ़ना, मांसपेशियों में दर्द, अवसाद, कमजोरी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और ऐंठन जैसी समस्या पैदा कर सकता है।
- सर्दियों के मौसम में विटामिन ड़ी की कमी शरीर में बहुत ज्यादा हो जाती है, इसलिये इस मौसम में शरीर का ध्यान रखना अति आवश्यक है।
- सर्दियों में मौसम ठंडा होने के कारण हमें पसीना कम आने के साथ-साथ प्यास भी कम महसूस होती है और इस वजह से हम पानी कम पीते हैं और जब शरीर में पानी की कमी होती है तो वह डिहाइड्रेशन कहलाती है।
- इसके अलावा ठंड में सांस लेने-छोड़ने के दौरान मुॅह से निकलने वाला भाप शरीर में पानी के स्तर को कम कर देता है जो डिहाइड्रेशन का कारण बनता है। डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर पानी में थोडा सा नमक और चीनी मिलाकर पीयें।
- रोजाना लगभग तीन से पाॅच लीटर पानी पियें। नारियल पानी का सेवन भी कर सकते हैं।
- मसालेदार भोजन, काॅफी, कोल्ड ड्रिंक्स और चाॅकलेट से दूरी बनाकर रखें।
- किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों से भी बचकर रहें, ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या से आपका बचाव हो सके।
इसके अलावा अस्थमा के रोगियों को भी सर्दियों में बचकर रहने की आवश्यकता है। इस मौसम में एलर्जी के तत्व कोहरे की वजह से आस-पास ही रहते हैं, हवा में उड़ते नहीं हैं। इन तत्वों से अस्थमा के रोगियों को अधिक परेशानी हो सकती है। इसलिये धूल-मिट्टी से दूरी बनानी अति आवश्यक है।
सर्दियों के मौसम की अगर बात की जाये तो यह मौसम एक तरह से सुहाना भी होता है, लेकिन इसके साथ ही यह कई प्रकार की बीमारियाॅ भी लेकर आता है। यदि इस मौसम में थोड़ी भी लापरवाही बरती जाती है तो वह लापरवाहीं हमारे लिये ही हानिकारक साबित होती है। अक्सर देखा जाता है कि सर्दियों के मौसम में हमारे हाथ-पैर की अंगुलियाॅ लाल हो जाती है, ऐसे में हमारी अंगुलियों में सूजन और खुजली होने लगती है। जब बार-बार हमारी अंगुलियाॅ पानी के संपर्क में आती हैं, तो इससे एलर्जी हो जाती है, जिसे ठीक होने में समय लग जाता है। इसके लिये हमें ठंड से बचकर रहना चाहिये और अपने शरीर को गर्म रखना चाहिये। मौसम जो भी हो यदि वह हमारे जीवन के लिये सुहाना होता है तो बीमारियाॅ भी साथ लेकर आता है।
सर्दियों के अलावा गर्मियों में भी कई प्रकार की बीमारियाॅ लग जाती है, जो सर्दियों के मुकाबले सही होने में ज्यादा समय लेती है। इसी प्रकार बारिश के मौसम में भी कुछ बीमारियाॅ आती है, तो बहुत ही खतरनाक साबित होती है। इसलिये हमें स्वस्थ रहने के लिये हमेशा व्यायाम करना चाहिये और सही तरह के भोजन का सेवन करना चाहिये। घर से बाहर निकलते समय मास्क आदि का प्रयोग करना चाहिये।
[highlight][/highlight]फ़ास्ट/जंक फ़ूड जीवन के लिए घातक है और बीमारी का मुख्य कारण फ़ास्ट फ़ूड ही है। इसलिए जहाँ तक हो सके हमें फ़ास्ट/जंक फ़ूड से दूरी बनाये रखने की अति आवश्यकता है। शुद्ध, ताजा एवं पौष्टिक भोजन हमें बिमारियों से दूर रखता है।