‘कांग्रेस के प्रदेश प्रधान के पद पर बने रहेंगे सिद्धू’ : सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा
- पंजाब के हित में कोई फैसला वापस लेना पड़ा तो ले लूंगा : सीएम चरणजीत सिंह चन्नी
आकाश ज्ञान वाटिका, 30 सितम्बर 2021, गुरुवार, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू के इस्तीफे का मामला सुलझता दिख रहा है। नवजाेत सिंह सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने कहा है कि सिद्धू प्रदेश प्रधान के पद पर बने रहेंगे। बताया जाता है कि मुस्तफा ने वीरवार को कहा कि सारे मामले जल्द ही सुलझ जाने की उम्मीद है। सिद्धू के कल के वीडियो संदेश के बारे में मुस्तफा ने कहा कि उन्होंने भावुकता में यह बयान दे दिया था। दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से बातचीत के लिए पटियाला चंडीगढ़ जा रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उनको बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। वह इसके लिए चंडीगढ़ जा रहे हैं और तीन बजे चंडीगढ़ में पंजाब भवन पहुंच जाएंगे। वह किसी भी बातचीत का स्वागत करते हैं। बता दें कि सिद्धू के इस्तीफे के बाद बुधवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि सिद्धू से उनकी फोन पर बातचीत हुई है और हम बैठकर भी एक-दो दिन में बात करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का प्रधान पूरे परिवार का हेड होता है। पार्टी ही सुप्रीम होती है।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अचानक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बुधवार को उन्होंने अपने ट्विटर हेंडल पर वीडियो डालकर अपना पक्ष रखा था और कांग्रेस की चरणजीत सिंह सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाते हुए उस पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सच और पंजाब के हित के लिए मरते दम तक लड़ूंगा।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि नवजोत सिद्धू पार्टी के अध्यक्ष हैं और पार्टी के सिद्धांत से ही सरकार चलती है। अध्यक्ष ही पार्टी का प्रमुख होता है। अध्यक्ष को परिवार में बैठकर मजबूती से अपनी बात रखनी चाहिए।चन्नी ने कहा कि अगर उन्हें पंजाब के हित में अपना कोई फैसला वापस लेना पड़ा तो वह ले लेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश अध्यक्ष से फोन पर बात की थी। सिद्धू ने मुझे कहा कि वह (सिद्धू) उन्हें समय देंगे। जब सिद्धू के पास समय होगा तो हम बैठक कर लेंगे।
चन्नी ने कहा कि मैं पंजाब के मुद्दों से भटकने वाला नहीं हूं। अगर मेरे फैसले से सिद्धू को कोई नाराजगी है तो वह पहले भी आ सकते थे और अब भी आ सकते हैं। वार्ता के दौरान उन्होंने यह संकेत भी दिए कि अगर जरूरत पड़ी तो वह एडवोकेट जनरल की नियुक्ति को रद कर सकते हैं