उत्तराखण्ड की तीरथ सिंह रावत सरकार के ‘सेवा, समर्पण और विश्वास’ से भरे 100 दिन पूर्ण
[highlight]मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ‘सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ विकास पुस्तिका का किया विमोचन।[/highlight]
आकाश ज्ञान वाटिका, 17 जून 2021, गुरुवार, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में आयेाजित संक्षिप्त व सादगीपूर्ण कार्यक्रम में ‘सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ विकास पुस्तिका का विमोचन किया। पुस्तिका का प्रकाशन सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा किया गया है। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान,उमेश शर्मा काउ, खजानदास, सहदेव सिंह पुण्डिर, राजकुमार ठुकराल, रामसिंह कैड़ा, विनोद कण्डारी, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चौहान व अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक डॉ० अनिल चंदोला ने किया।
विकास पुस्तिका के विमोचन से पूर्व दो मिनिट का मौन रख कर वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा व केाविड में प्राण गंवाने वाले लेागों को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिछले 100 दिन में सरकार ने कोविड से सफलतापूर्वक संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि 10 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन में ही वे स्वयं कोविड संक्रमित हो गए। इस पर गाईडलाईन का पूरी तरह से पालन करते हुए उन्हें एक कक्ष में ही कई दिनों तक रहना पड़ा। परंतु इस अवधि में भी उन्होंने अधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग कीं। दूर दराज के क्षेत्रों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण के लिए वर्चुअल चौपालों का आयेाजन किया। इनमें वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए लोगों की समस्याओं को सुना और उनका निदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतों को दूर किया गया। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों ने मौके पर ही जनता की समस्याओं का समाधान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गाँव की मिट्टी से जुड़े हैं और ग्रामीणों व आम जन के दु:ख-दर्द को भली भाँति जानते हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से विकास प्राधिकरणों को हटाया ताकि ग्रामीणों को अनावश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने में परेशान न होना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विकास की रणनीति बना रहे थे तो कोविड की दूसरी लहर पूरे देश में आ गई। किसी को पता नहीं था कि कोविड की दूसरी लहर इस तरह का रूप लेगी। परंतु जल्दी ही हमने स्थिति को पूरी तरह से सम्भाल लिया। पिछले लगभग 3 माह में हमने आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि की संख्या कई गुना तक बढ़ा दी। प्रत्येक जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए। सीएससी तक भी ऑक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। मा० प्रधानमंत्री और मा० रक्षा मंत्री के निर्देशों पर डीआरडीओ ने ऋषिकेश में 500 बेड का कोविड अस्पताल 14 दिन में तैयार कर दिया, जबकि हल्द्वानी में 21 दिन में तैयार कर दिया। हमने राज्य में काफी तैयारी कर ली है। हम केाविड की तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोगों की आजीविका पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ी है। केाविड के प्रभाव से पर्यटन व्यवसायियों को हुए नुकसान की भरपायी के लिये उन्हें 5 हजार रूपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। इससे लगभग 50 हजार पर्यटन उद्योग भी लाभान्वित होंगे। यही नहीं पर्यटन सेक्टर से जुड़े टूर ऑपरेटरों, एडवेंचर टूर ऑपरेटरों और राफ्टिंग गाइडों को भी 10-10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। पर्यटन स्वरोजगार के लाभार्थियों को ब्याज में छूट के साथ ही लाइसेंस फीस को माफ करने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने 18 से 44 वर्ष आयु वालों को नि:शुल्क टीकाकरण और गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 45 से अधिक उम्र वालों में लगभग 65 फीसदी का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। कोविड को देखते हुए प्रदेश में हम विशेष खाद्यान्न सहायता दे रहे हैं। साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता था जिसको बढ़ाकर बीस किलो प्रतिमाह कर दिया है। आपदा में पहली बार चीनी उपलब्ध कराई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने मा० प्रधानमंत्री और अनेक केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर राज्य के विकास पर विचार-विमर्श किया। उन्हें राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति विशेष आस्था है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उत्तराखण्ड को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिल्ली दौरे में हम पूरी तैयारी से गए। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से भेंट के दौरान मंत्रालयों के और राज्य के अधिकारी भी साथ बैठते थे। इससे मौके पर ही उत्तराखण्ड के हित में बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हर मंत्रालय ने कुछ न कुछ दिया ही है। आईडीपीएल, ऋषिकेश को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किए जाने की योजना को स्वीकृति दी गई है। दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन चलाने की सैद्धांतिक सहमति के साथ ही, टनकपुर-बागेश्वर और डोइवाला से गंगोत्री-यमनोत्री के रेललाइन के सर्वे की भी सहमति दी गई है। हरिद्वार में हेलीपैड बनाने के लिए बी.एच.ई.एल. द्वारा 4 एकड़ भूमि राज्य सरकार को दिये जाने की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। कुमाऊँ में एम्स के लिए भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।