उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष में सैन्य सम्मान समारोह, “मेरे सैनिक – मेरा सम्मान” का आयोजन किया गया
सेना का सम्मान, देश का सम्मानः मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
देहरादून ४ नवम्बर, २०१९ (सू.ब्यूरो) । उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष में पूरे प्रदेश भर में विभिन्न सामाजिक एवं संस्कृति कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार, ४ नवंबर २०१९ को सैन्य सम्मान समारोह, “मेरे सैनिक – मेरा सम्मान” का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून के एक स्थानीय होटल में राज्य स्थापना सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम ‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान’’ में सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए सैनिकों का सम्मान सबसे बढ़कर है। सेना का सम्मान करना अपने देश का सम्मान करना है। हमारी सेना विशिष्ठ सेना है। हमारी सेना ने हमेशा शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए देश का मान बढ़ाया है। कारगिल जैसी कठिन लड़ाई को भी विपरीत परिस्थितियों में जीता।
शक्ति की ही पूजा होती है: मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति की ही पूजा होती है। जिस देश की सैन्य शक्ति मजबूत है, दुनिया उसे सम्मान देती है। बलि बकरी की दी जाती है, शेर की नहीं। लड़ाई शस्त्र और शास्त्र से जीती जाती है। सेना मजबूत होने से ही देश मजबूत रहेगा।
धारा 370 हटने से विकास की ओर बढ़ रहा है कश्मीर
मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर बोलते हुए कहा कि कश्मीर में धारा 370 की वजह से बहुत सी समस्याएं थीं। अब इसके हटने से कश्मीरी खुली हवा में सांस ले रहे हैं। आज कश्मीर विकास की ओर बढ़ रहा है।
देहरादून में बनेगा सैन्यधाम: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम का नाम लिया था। हम देहरादून में सैन्य धाम बनाने जा रहे हैं। इसके लिए देहरादून नगर निगम ने 60 बीघा जमीन दे दी है। बजट का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है।
सरकार के लिए सैनिकों का हित सर्वोपरि: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जीवन मूल्यों को भूलना नहीं चाहिए। हम सभी का सामाजिक दायित्व होता है। सैनिकों के प्रति हम सभी में संवेदनाएं हैं। सैनिकों का हित हमारे लिए सबसे पहले है। सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं को दूर करने के लिए हमने शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। हम शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित कर रहे हैं। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं।
शहीद की पत्नी को सौंपा गया नियुक्ति पत्र: इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद डिप्टी कमांडेंट श्री भगवती प्रसाद भट्ट की पत्नी श्रीमती स्वाती भट्ट को उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्ति पत्र दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कमांडेंट भारतीय सैन्य अकादमी लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा, डिप्टी कमांडर इन चीफ स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी, डीजीपी अनिल रतूड़ी ने दीप प्रज्जवल कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिसके बाद लोक कलाकारों द्वारा स्वागत गीत पेश किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। देश की सुरक्षा में लगी बड़ी हस्तियां उत्तराखंड से ही हैं। इससे प्रदेश का मान बढ़ता है।
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी के कमांडेंट एसके झा ने कहा कि उत्तराखंड देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला अग्रणी राज्य है। अभी भी उत्तराखंड के जो जवान सेना में ट्रेनिंग ले रहे हैं वह बहुत बहादुर हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पांचवें धाम सैन्य धाम के साथ ही यह राज्य ज्ञान धाम और प्राण धाम भी है।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गंभीर सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग मेहनती, वीर और कर्तव्यनिष्ठा से भरपूर हैं। गढ़वाल और कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों ने हर युद्ध में अपना योगदान दिया है। चीन, पाकिस्तान और कारगिल युद्ध में डट कर सामना किया। कई शहीद भी हुए, जिनका नाम स्वर्णित अक्षरों में लिखा है। पहला विक्टोरिया क्रांस भी उत्तराखंड के वीर को ही मिला था। उन्होंने राइफलमैन जसवंत सिंह की वीरता का भी जिक्र किया।