महाराज की मुख्यमंत्री से भेंटकर पत्र सौंपा, कहा : ‘अभियांत्रिक विभागों द्वारा कराए जाने वाले कार्यों के ठेकों को छोटा किया जाए’
आकाश ज्ञान वाटिका, 25 मई 2021, मंगलवार, देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भेंट कर स्थानीय निवासियों के साथ-साथ सुदूर क्षेत्रों से पलायन कर आए श्रमिकों और कामगारों को समस्त अभियंत्रण विभागों में छोटे ठेकों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने को कहा है।
पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र सौंपा है। उक्त पत्र के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि स्थानीय निवासियों के साथ-साथ सुदूर क्षेत्रों से पलायन कर आए श्रमिकों और कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश के सभी अभियांत्रिक विभागों द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को छोटे-छोटे भागों न्यूनतम 20 लाख रूपये की सीमा तक विभक्त कर स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराया जाये। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सौंपा पत्र में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने लिखा है कि विभिन्न अभियंत्रण विभागों द्वारा प्रदेश के अंतर्गत पर्वतीय, भावर एवं मैदानी क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण कार्य निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत ठेकेदारों के माध्यम से कराए जाते हैं। इसलिए कोरोना महामारी के चलते वर्तमान समय में पलायन एवं बेरोजगारी से निपटने एवं स्थानीय ठेकेदारों के हितों के संरक्षण हेतु आवश्यक है कि कार्यों को छोटे-छोटे भागों में न्यूनतम 20 लाख रुपये की सीमा तक विभक्त किया जाये। उन्होंने कहा कि इसके लिए निविदायें आमंत्रित करने की स्वीकृति वित्तीय अधिकारों का प्रतिनिधायन (संशोधन) के अंतर्गत सक्षम स्तर के अधिकारी द्वारा निर्धारित सीमान्तर्गत प्रदान किया जाना बेहद आवश्यक है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज महाराज ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें बताया कि तकनीकी एवं व्यवहारिकता के दृष्टिगत कार्यों को छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जब कार्य को छोटे-छोटे भागों में बाँटा जाए तो संपूर्ण कार्य की गुणवत्ता किसी भी रूप में प्रभावित न हो सके।
साभार : निशीथ सकलानी, मीडिया प्रभारी,
श्री सतपाल महाराज, माननीय मंत्री, पर्यटन, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति,
उत्तराखंड सरकार।