राजनीतिक रंग लेने लगा, राज्यमंत्री रेखा आर्या व मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ० रामगोपाल नौटियाल के बीच का विवाद
आकाश ज्ञान वाटिका, १ जुलाई २०२१, गुरुवार, अल्मोड़ा। राज्यमंत्री रेखा आर्या व मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा. रामगोपाल नौटियाल के बीच का विवाद अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। मंत्री द्वारा स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिख प्राचार्य को हटाने की मांग को विपक्ष ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। हालांकि विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि दोनों के बीच क्या झगड़ा चल रहा है, यह मेरी जानकारी में नहीं है।
उपपा के केंद्रीय संयोजक पीसी तिवारी ने रेखा आर्या के प्राचार्य के खिलाफ पत्र को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यदि प्राचार्य को हटाया जाता है तो पार्टी विरोध करेगी। द्वाराहाट के पूर्व विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि अच्छे अधिकारियों की कद्र नहीं है।
सरकार ऐसे मामलों को उछालकर जनता का ध्यान भटका रही है। अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने मामले में कहा कि समीक्षा बैठक में फोन उठा लेने मात्र से प्राचार्य को हटाए जाने की मांग समझ से परे है।
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने बताया कि मैंने तो एक मरीज को भर्ती कराने के लिए प्राचार्य को फोन किया था। मात्र तीन सेकेंड बात हुई। कोरोनाकाल में तो अधिकारियों व डाक्टरों को मेरा ही नहीं सभी का फोन उठाना चाहिए। अब दोनों के बीच क्या झगड़ा चल रहा है, यह मेरी जानकारी में नहीं है।
विकास भवन में 11 जून को कोरोना की वर्तमान स्थिति पर समीक्षा चल रही थी। बतौर प्रभारी मंत्री रेखा आर्या के साथ ही विधायक, डीएम नितिन सिंह भदौरिया समेत प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
प्राचार्य डॉ० नौटियाल पॉवर प्वाइंट सेकोविड अस्पताल बेस चिकित्सालय में व्यवस्थाओं, अब तक की तैयारी व तीसरी लहर से निपटने के जरूरी इंतजाम की जानकारी दे रहे थे। इसी बीच डॉ० नौटियाल ने प्रस्तुतिकरण रोक फोन रिसीव किया और करीब तीन मिनट तक बात की। इसे प्रभारी मंत्री ने प्रोटोकाल के विरुद्ध बताया तो प्राचार्य ने भी इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। रेखा आर्या ने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने सरकार के विरुद्ध गलतबयानी कर छवि बिगाड़ने की कोशिश की। इसी के बाद मामला बिगड़ा।