देहरादून में बारिश लोगों के लिए लेकर आई आफत !
दून में झमा-झम बारिश ने एक तरफ लोगों को गर्मी से राहत दी तो दूसरी तरफ बारिश लोगों के लिए आफत भी लेकर आई। एक घंटे की बारिश में शहर ताल-तलैया में तब्दील हो गया।
देहरादून, मानसून से पहले दून में हुई झमा-झम बारिश ने एक तरफ लोगों को गर्मी से राहत दी, तो दूसरी तरफ बारिश लोगों के लिए आफत भी लेकर आई। महज एक घंटे की बारिश में शहर ताल-तलैया में तब्दील हो गया। नालियां और नाले चोक हो जाने से बारिश का पानी बाजारों और कॉलोनियों में जा घुसा। कई घरों में भी पानी घुसने की शिकायत मिली हैं। इससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। कुल मिलाकर बारिश ने नगर निगम की मानसून की तैयारियों की पोल भी खोलकर रख दी। इस तरह के हालात से यही बात सामने आई कि शहर को जलभराव की स्थिति से निजात दिलाने में नगर निगम के पास फिलहाल कोई प्लान ही नहीं है। गंभीर यह भी कि यह उस राजधानी दून का हाल है, जहां से पूरे प्रदेश की मशीनरी का संचालन किया जाता है।
मानसून में जलभराव के हालात से निपटने के लिए नगर निगम की यूं तो कई बैठकें आयोजित कर चुका है, मगर अभी तक धरातल पर इसका कुछ भी असर नहीं दिखा। सफाई व्यवस्था का हाल यह है कि जितना कूड़ा शहर से उठ रहा है, उससे कहीं अधिक नालियों और नालों में डंप हो रहा है। इसकी तरफ नगर निगम ने ध्यान ही नहीं दिया और सोमवार को हुई एक घंटे की बारिश से ही स्पष्ट हो गया कि मानसून सीजन में दून को कितनी मुसीबत उठानी पड़ सकती है।
बारिश से पैदा हुए जलभराव के हालात ने मानसून सीजन के लिए चेतावनी भी जारी कर दी है। क्योंकि शहर का कोई ऐसा कोना नजर नहीं आया, जहां जलभराव न हुआ हो। मुख्य सड़कें तो पूरी तरह से जलमग्न हो गई थीं और यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि कहां पर सड़क है और कहां पर गड्ढा या नाली। ऐसी स्थिति में लोग बारिश थमने तक जहां के तहां खड़े रहे और इंतजार करते रहे कि कम पानी कम होगा और वह अपने गंतव्य की तरफ प्रस्थान करेंगे। हालांकि, एक दौर की बारिश थमने के बाद जलभराव की स्थिति कुछ कम हुई ही थी कि दोबारा बारिश शुरू होने से हालात और विकट हो गए। इसके बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में रुक-रुख कर बारिश होने से वहां की स्थिति देर रात तक भी सामान्य नहीं हो पाई थी।
ओवर-फ्लो सीवर ने बढ़ाई दुश्वारियां
बदहाल सफाई व्यवस्था से न सिर्फ नली व नाले चोक हो रहे हैं, बल्कि कई इलाकों में सीवर लाइन भी चोक हो गईं। इसके चलते सीवर का गंदा पानी चैंबरों से ओवर-फ्लो होकर सड़कों पर बहने लगा।
गढ़ी कैंट में घर व दुकानों में घुसा पानी
छावनी क्षेत्र का ख्याल मन में आते ही एक ‘व्यवस्थित’ क्षेत्र की तस्वीर जहन में आने लगती है। जहां हर तरह की सुविधाएं मयस्सर हों। जहां तक सेना की बसावत है, हालात इस मुताबिक हैं भी। लेकिन, सिविल इलाके अब भी इस पैमाने पर खरे नहीं उतरते। मानसून की दस्तक में फिलहाल कुछ दिन शेष हैं। लेकिन इससे पहले ही बारिश ने कैंट में इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है।सोमवार अपराह्न् को हुई बारिश के बाद गढ़ी कैंट व क्लेमेनटाउन में जिस तरह के हालात देखने को मिले हैं उससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि बरसात के मौसम में यहां लोगों को किस तरह की दुश्वारियों से दो-चार होना पड़ सकता है।
बरसात के पानी की निकासी के लिए कैंट बोर्ड की तैयारियां किस स्तर पर हैं इसकी बानगी भी बारिश में देखने को मिली है। गढ़ी कैंट में निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से बरसात का पानी कई जगह लोगों के घरों व दुकानों में भी पानी घुसा गया। आशीर्वाद एन्क्लेव निवासी सुमिता क्षेत्री का घर व दुकान में पानी भर गया। उनका कहना है कि नाली न होने के कारण बार-बार यह समस्या आ रही है पर कैंट बोर्ड सुध ही नहीं ले रहा। इसी तरह क्लेमेनटाउन में भी जगह-जगह जलभराव से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
इन क्षेत्रों में सड़कें हुईं जलमग्न
प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, आढ़त बाजार, दर्शन लाल चौक, लौंसडौन चौक, एस्लेहॉल, बुद्धा चौक, रोडवेज वर्कशॉप के पास, सीएमआइ चौक, ईसी रोड, कारगी चौक, आइएसबीटी चौक, निरंजनपुर मंडी चौक, रिस्पना पुल क्षेत्र, रिंग रोड के कुछ हिस्से, धर्मपुर चौक क्षेत्र, डालनवाला क्षेत्र, चंदर रोड, नेहरू कॉलोनी के कुछ हिस्से, मोहिनी रोड, नेमी रोड, सरस्वती विहार आदि।
और नहीं उठा महापौर का फोन
जिस समय शहर ताल-तलैया बना था, उस समय महापौर सुनील उनियाल गामा को कई फोन किए गए। हालांकि, हर बार उनकी तरफ से कॉल प्राप्त नहीं की जा सकी। आपको याद दिला दें कि महापौर पद का दायित्व संभालने के बाद गामा ने अपनी प्राथमिकता में सबसे पहले सफाई व्यवस्था और नालियों की सफाई का नाम लिया था। सोमवार की बारिश के बाद इन्हीं दो खामियों के चलते शहर में जलभराव की स्थिति विकट हो गई।
सीवर लाइन चोक, लक्ष्मी पार्क के घर में घुसा गंदा पानी
सोमवार को हुई बारिश के चलते सीवर लाइन चोक हो जाने से राजा रोड लक्ष्मी पार्क में एक घर में सीवर का गंदा पानी जा घुसा। इससे पूरे परिवार को खासी परेशानी उठानी पड़ गई और पूरा घर गंदगी बदबू से भर उठा। लक्ष्मी पार्क निवासी चमन लाल शर्मा न बताया कि उनके क्षेत्र में लंबे समय से सीवर लाइन चोक है। इसको लेकर जल संस्थान के अधिकारियों के समक्ष शिकायत भी की गई, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते कई दफा सीवर बैक होकर टॉयलट में भर जा रहा था। वहीं, सोमवार हुई बारिश के बाद बड़ी मात्र में सीवर का पानी टॉयलेट के रास्ते पूरे घर में पसर गया। उन्होंने चेताया कि यदि मंगलवार तक समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह जल संस्थान कार्यालय में धरना देने को विवश हो जाएंगे।
फ्लाईओवर के सर्विस लेन बन गए नाले
घंटेभर की बारिश ने शहर भर के फ्लाईओवर की सर्विस लेन और एंट्री प्वाइंट को पानी-पानी कर दिया। यहां नाली और सड़क बारिश के पानी से जलमग्न हो गई। इससे आवाजाही करने वालों को नाला बनी सड़क और सर्विस लेने पर जोखिमभरा सफर करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी दुपहिया वाहन चालकों को ङोलनी पड़ी। यदि अभी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले बरसात के सीजन में परेशानी और विकट हो सकती है।
शहर में करोड़ों रुपये से बनाए गए फ्लाईओवर और ओवर ब्रिज भी बारिश से सुरक्षित नहीं हैं। सोमवार को सर्विस लेने के साथ ही फ्लाईओवर और ओवर ब्रिज के एंट्री और एग्जिट प्वांट पर भी बारिश का पानी भर गया। इससे आवाजाही करने वालों को जोखिमभरा सफर करना पड़ा।
यह स्थिति तब है जब महज एक घंटे की बारिश हुई। खासकर आइएसबीटी में सहारनपुर रोड पर बनाए गए फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लेन के दोनों तरफ बारिश का पानी भर गया। इसी तरह हरिद्वार रोड पर बने डबल लेन वन-वे फ्लाईओवर की सर्विस लेने में पानी भर गया। दोनों फ्लाईओवर की सर्विस लेने में नालियां बनाई गई हैं। मगर, निकासी के ठोस इंतजाम नहीं हैं। इससे कई जगह नालियां चोक हो गई हैं। जिससे गंदा पानी सड़कों पर ही नाले के रूप में बेहने लगा। बल्लीवाला और बल्लूपुर फ्लाईओवर की सर्विस लेन पर भी बारिश के पानी की निकासी के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। इससे पानी सड़क पर नाले के रूप में बह रहा है।