कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना, पूछा – क्या ये राजनीतिक रैलियों में हंसने का समय है ?
आकाश ज्ञान वाटिका, 21 अप्रैल 2021, बुधवार, नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद सरकार की प्रतिक्रिया बेहद निराशाजनक रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय पीएम के लिए प्रचार अभियान चलाने का नहीं, बल्कि लोगों की आंखों के आंसू पोंछने और नागरिकों को घातक वायरस से बचाने का समय है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या ये राजनीतिक रैलियों में हंसने का समय है ?
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि उनकी पार्टी करुणा के साथ काम कर रही है और जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह प्रधानमंत्री से सवाल करती हैं-क्या राजनीतिक रैलियों में हंसने का समय है? एएनआइ के साथ इस इंटरव्यू में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज भी वे चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। वे मंच से (रैलियों में) हंस रहे हैं। लोग रो रहे हैं, मदद के लिए चिल्ला रहे हैं, ऑक्सीजन, बेड, दवाइयाँ मांग रहे हैं, और आप विशाल रैलियों में जा रहे हैं और हँस रहे हैं! आप ऐसा कैसे कर सकते हैं ?
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि भारत की ऑक्सीजन के लिए उत्पादन क्षमता दुनिया में सबसे बड़ी है। फिर कमी क्यों है? आपके पास 8-9 महीने (पहली और दूसरी लहर के बीच), आपके अपने सीरो सर्वे ने संकेत दिया कि एक दूसरी लहर आने वाली है, आपने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि आपके पास समय था। आज, भारत में केवल 2000 ट्रक ही ऑक्सीजन का परिवहन कर सकते हैं। यह कितना दुखद है कि ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन यह उस स्थान तक नहीं पहुंच पा रहा है जहां इसे होना चाहिए। पिछले 6 महीनों में 11 लाख रेमेडिसविर इंजेक्शन निर्यात किए गए थे। आज, हम कमी का सामना कर रहे हैं।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि सरकार ने 6 करोड़ वैक्सीन जनवरी-मार्च में निर्यात किए। इस दौरान 3-4 करोड़ भारतीयों को टीका लगाया गया था। भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई? खराब प्लानिंग के कारण वैक्सीन की कमी, कोई प्लानिंग नहीं होने के कारण रेमेडेसिविर की कमी, कोई रणनीति न होने के कारण ऑक्सीजन की कमी। यह सरकार की विफलता है।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में सरकार ने अपने सीरो सर्वे ने कहा, 5 करोड़ लोग वायरस के संपर्क में आए। परीक्षण को तेजी से बढ़ाने की सिफारिश की गई थी। यूपी सरकार ने 70% एंटीजन टेस्ट शुरू किए जिसका मतलब है कि केवल 30% आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने टेस्टिंग क्यों नहीं बढ़ाई? एंटीजन टेस्ट क्यों? उनकी संख्या कम करने के लिए ? आज भी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि निजी लैबों को परीक्षण बंद करने के लिए कहा जा रहा है। क्यों? क्या महत्वपूर्ण है – लोगों का जीवन या आपकी संख्या और आपके सरकार की छवि ? प्रियंका वाड्रा ने कहा कि यह सरकार आईएसआई से बात कर सकती है। वे दुबई में आईएसआई से बात कर रहे हैं। क्या वे विपक्षी नेताओं से बात नहीं कर सकते? मुझे नहीं लगता कि कोई भी विपक्षी नेता है जो उन्हें रचनात्मक और सकारात्मक सुझाव नहीं दे रहा है।