Breaking News :
>>आंगनबाड़ी और सहायिकाओं को पेंशन देने की तैयारी>>अवैध मदरसों के साथ फंडिंग की भी होगी जांच – सीएम धामी >>बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘स्काई फोर्स’ का गाना ‘माई’ रिलीज, वायुसेना अधिकारी के किरदार में नजर आएंगे अक्षय कुमार>>आज विश्व के लिए सबसे प्रमुख चुनौती बन गया आतंकवाद – विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर>>उत्तराखंड में 28 हाइड्रो प्रोजेक्ट का रास्ता साफ>>दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में लगी भयंकर आग, सैकड़ों पेड़ और जानवर जलकर हुए खाक >>स्वस्थ मतदाता, स्वस्थ लोकतंत्र की थीम पर दौड़ेंगे युवा>>बालों में नींबू लगाने के होते है कई नुकसान, आइए जानते है इसके इस्तेमाल का सही तरीका>>प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य के विकास में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी – मुख्यमंत्री धामी >>उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 30 हजार 400 स्वयंसेवकों का पंजीकरण, आज अंतिम तारीख>>अवैध स्मैक के साथ महिला तस्कर गिरफ्तार>>मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री को उत्तराखंड में होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया>>कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन हरे निशान पर खुला शेयर बाजार>>पेपर लीक मामले में निलंबित चल रहे संतोष बडोनी को शासन ने किया बहाल>>सीएम धामी ने केंद्रीय खेल मंत्री को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का दिया अपडेट>>राज्य सरकार ने सी ग्रेड माल्टा और पहाड़ी नींबू (गलगल) का न्यूनतम समर्थन मूल्य किया घोषित>>टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ की कम होती टीआरपी पर प्रोड्यूसर राजन शाही ने रखी अपनी बात>>निकाय चुनाव- देहरादून सिटिजन्स फोरम ने जारी किया ग्रीन एजेंडा>>नशे और पर्यावरण के मुद्दे पर सक्रिय होंगे जन संगठन>>राष्ट्रीय खेल- पांडवाज बैंड ने तैयार किया मोटिवेशनल साॅंग ‘हल्ला धूम धड़क्का’
उत्तराखण्डदेहरादून

UCC विधेयक पर लगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर, नियमावली बनते ही उत्तराखंड में होगा लागू

देहरादून। पिछले महीने उत्तराखंड विधानसभा में पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से मंजूरी दिए जाने के बाद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) कानून बन गया है। यह कानून उत्तराखंड में विवाह, तलाक, संपत्ति की विरासत के लिए एक सामान्य कानून प्रस्तुत करता है।

राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बन गया। यह कानून राज्य के अंदर या बाहर रहने वाले निवासियों के लिए लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाता है। लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे वैध माने जाएंगे। इसके अलावा, अपने लिव-इन पार्टनर की तरफ से छोड़ी गई महिलाएं भरण-पोषण की हकदार होंगी।

यह कानून मुसलमानों के एक वर्ग में प्रचलित बहुविवाह और ‘हलाला’ पर भी प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, यह कानून आदिवासियों पर उनकी परंपराओं, प्रथाओं और अनुष्ठानों के संरक्षण के लिए लागू नहीं होगा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!