Breaking News :
>>निकाय चुनाव- पर्यवेक्षकों की टीम आज पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे नामों के पैनल>>हमारी टीम घर-घर जाकर संजीवनी योजना और महिला सम्मान योजना के लिए करेगी पंजीकरण- अरविंद केजरीवाल>>चोटिल हुए भारतीय टीम के कप्तान, 26 दिसंबर से शुरु होने वाले चौथे सीरीज के मुकाबले पर छाया संकट >>साल 2047 में भारत को विकसित बनाने में भारतीय कामगारों की रहेगी अहम भूमिका- प्रधानमंत्री मोदी >>कॉकटेल के सीक्वल पर लगी मुहर, शाहिद कपूर के साथ कृति सेनन और रश्मिका मंदाना मचाएंगी धमाल>>ट्रिपल जश्न के लिए तैयार हुई पहाड़ों की रानी, यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारियों को दिया अंतिम रुप >>सर्दियों में आइसक्रीम खाना सही है या नहीं? जानिए डाइटिशियन की राय>>बाबा साहेब के अपमान पर कांग्रेस ने किया उपवास, भाजपा को कोसा>>महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने की निःशुल्क भूमि आवंटित>>वन नेशन, वन इलेक्शन से विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा देश>>मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के प्रति किया जागरुक>>बेरोजगार आंदोलन को फंडिंग करने वालों पर मुख्यमंत्री सख्त, होगी जांच>>अरविंद केजरीवाल ने ‘डॉ. आंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप’ योजना का किया एलान, दलित समाज के बच्चों का सपना होगा साकार>>दून की समीक्षा ने विज्ञान प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में लहराया परचम>>‘द रोशंस’ की रिलीज तारीख से उठा पर्दा, 17 जनवरी से नेटफ्लिक्स पर दिखेगी तीन पीढ़ियों की विरासत>>प्रत्येक अस्पताल में अनिवार्य रूप से लगेगी बायोमेट्रिक उपस्थिति>>कुवैत दौरे पर पीएम मोदी, 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की होगी पहली कुवैत यात्रा >>उत्तराखंड की ब्रह्म कमल टोपी रायपुर छत्तीसगढ़ में आयोजित जनसंपर्क के महाकुंभ में बनी आकर्षण का केंद्र>>क्यों आती है पढ़ाई करते समय नींद ? आलस नहीं झपकी लगने के हैं और भी कारण>>38वें राष्ट्रीय खेलों का होगा ऐतिहासिक और भव्य आयोजन- रेखा आर्या
Articles

हार्ट अटैक की दोषी पाम ऑयल

रजनीश कपूर
हार्ट अटैक वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 50 साल से कम है। यदि आप सोच रहे हैं कि इस सबके पीछे आपकी जीवन शैली है तो ऐसा सही है। परंतु आपकी जीवन शैली में ऐसी कौनसी कमी है जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है? आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका दोषी पाम ऑयल है। ज्. साल 2022 में भारत में पाम ऑयल की खपत आठ मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हुई थी।

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है, आखरि़ इस दर्द की दवा क्या है। मशहूर शायर मिजऱ्ा ग़ालिब की यह गज़़ल काव्यात्मक और रूपकात्मक रूप से जीवन के शाश्वत व मौलिक प्रश्न पूछती है। ग़ालिब की यह प्रसिद्ध गज़़ल, वास्तविकताओं को काव्यात्मक रूप से व्यक्त करने की कुशलता का एक बेहतरीन उदाहरण है। परंतु आज हम जिस विषय को उठा रहे हैं वह इससे भी ज़्यादा गंभीर है। हृदय रोग से संबंधित बीमारियों और उनसे होने वाली जवान मौतों के बढ़ते हुए आँकड़े हम सभी के मन में कुछ अहम सवाल पैदा कर रहे हैं। कुछ लोग इसे कोविड के लंबे असर से भी जोड़ रहे हैं परंतु कोविड के अलावा भी अन्य कारण हैं जो अल्पायु में हृदय रोग को बढ़ावा दे रहे हैं।

ज़्यादातर देखा गया है कि दिल का दौरा या हार्ट अटैक 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों आता है। दिल का दौरा पडऩे के और कारणों में से प्रमुख है मधुमेह या शुगर के मरीज़ और ब्लड प्रेशर के मरीज़। इन मरीज़ों में हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी अधिक होती है। इसके साथ ही धूम्रपान करने वाले व्यक्ति भी दिल के मरीज़ कब बन जाते हैं इसका पता नहीं चलता।

इसका कारण यह है कि धूम्रपान करने से दिल का दौरा पडऩे की संभावना तीन गुना बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को जब पता चलता है कि वो दिल का मरीज़ बन गया है तब तक काफ़ी देर हो जाती है। 40 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों को दिल का दौरा पडऩा अधिक धूम्रपान करने की वजह से होता है। साथ ही जो व्यक्ति तनाव की जि़ंदगी जीते हैं, नियमित व्यायाम नहीं करते, बेवजह और हर समय जंक फ़ूड का सेवन करते हैं। वे भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।

क्या कभी आप ने सुना है किसी हट्टे-कट्टे व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई? पिछले कुछ वर्षों से ऐसी तमाम खबरें सामने आ रही हैं जहां व्यक्ति अपने रोज़मर्रा के काम या आराम के समय अचानक बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई। मृत्यु का कारण दिल का दौरा। कुछ लोग इसे चीन से आए कोरोना के वायरस का साइड इफ़ेक्ट बता रहे हैं।

एक शोध के अनुसार अमेरिका में कोविड से ठीक हुए व्यक्तियों में 20 तरह के हृदय रोग के लक्षण पाए गए। इनमें उन लोगों के मुक़ाबले, जिन्हें कोविड नहीं हुआ, हृदय गति रुक जाने या हार्ट फेल होने की संभावना 72 फ़ीसद अधिक पाई गई। इनमें औरों के मुक़ाबले स्ट्रोक आने की संभावना भी 17 प्रतिशत अधिक पाई गई।

हाल ही में इमरजेंसी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (ईएमआरआई) की एक रिपोर्ट सामने आई है । जिसके नतीजे कहते हैं, हार्ट अटैक वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 50 साल से कम है। यदि आप सोच रहे हैं कि इस सबके पीछे आपकी जीवन शैली है तो ऐसा सही है। परंतु आपकी जीवन शैली में ऐसी कौनसी कमी है जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है? आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका दोषी पाम ऑयल है।
इतना ही नहीं यह पाम ऑयल मदिरापान और धूम्रपान से कहीं अधिक खतरनाक है। सोशल मीडिया में मुंबई के जगजीवन राम अस्पताल के डॉक्टर पी के समांतराय का एक संदेश काफ़ी चर्चा में है। वे कहते हैं कि, “दुनिया में भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। हमारे देश में पाम ऑयल माफिया बहुत ताक़तवर है। इनके कारण हमारे बच्चे, जो देश का  भविष्य हैं, एक बड़े ख़तरे में जी रहे हैं।

आज हमारे देश में पाम ऑयल के बिना कोई फास्ट फूड नहीं मिलता। यदि आप किराने की दुकान पर जाते हैं और पाम ऑयल के बिना बच्चों के लिए कोई खाद्य पदार्थ लेने का प्रयास करें तो आप सफल नहीं होंगे। देश में ज़्यादातर बिस्किट और चॉकलेट भी बिना पाम ऑयल के नहीं बनते।”

डॉ समांतराय आगे कहते हैं कि, “हमें विज्ञापनों के द्वारा यह विश्वास दिलाया जाता है कि ऐसे खाद्य पदार्थ स्वस्थ हैं । लेकिन हम जानलेवा पाम ऑयल या पामिटिक एसिड के बारे में कभी नहीं जानते थे। लेज़’ जैसी बड़ी कंपनियां पश्चिमी देशों में अलग तेल बेचती हैं और भारत में पाम ऑयल का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए करती हैं क्योंकि यह सस्ता है। जब भी हमारा बच्चा पाम ऑयल युक्त उत्पाद खाता है, तो मस्तिष्क अनुचित व्यवहार करता है और हृदय के आसपास और हृदय में वसा स्रावित करने का संकेत देता है। जिससे बहुत कम उम्र में मधुमेह हो जाता है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अनुमान लगाया है कि कम उम्र में मरने वाले 50 प्रतिशत लोग मधुमेह और हृदय रोग से मरेंगे। पाम ऑयल माफिया ने हमारे बच्चों को दिल की सुरक्षा करने वाले फलों और सब्जियों को छोडक़र जंक फूड का आदी बना दिया है। अगली बार जब आप अपने बच्चे के लिए कुछ खरीदें, तो उत्पाद का लेबल देखें।” जिस खाद्य पदार्थ में पाम आयल हो उसे कभी न लें। साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल के रोग को हल्के में न लें और दिल के प्रति सतर्क रहें।

समय समय पर होने वाले शोध भी बताते हैं कि रेडी-टू-ईट और पैकेज्ड फूड्स में अक्सर पाम ऑयल होता है। जो हमारे सेहत को कई नुकसान पहुंचा सकता है। पाम ऑयल में सैचुरेटेड फैट काफी मात्रा में पाई जाती है। यह बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाता है। इसके कारण दिल की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। साल 2022 में भारत में पाम ऑयल की खपत आठ मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हुई थी। यदि हमें अपने हृदय को स्वस्थ रखना है तो अपनी जीवन शैली में उचित सुधार लेन होंगे और अपने बच्चों को भी स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा, वरना भारत में हृदय रोग के आँकड़े बढ़ते ही रहेंगे।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!