पद्मश्री डॉ० संजय ने अपने प्रथम काव्य संग्रह “उपहार संदेश का“ की प्रथम प्रति भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को की भेंट
आकाश ज्ञान वाटिका, 19 जून 2022, रविवार, देहरादून/नई दिल्ली। पद्मश्री डॉ० संजय ने अपने प्रथम काव्य संग्रह “उपहार संदेश का“ की प्रथम प्रति भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को भेंट की। यह काव्य संकलन भारतीय ज्ञानपीठ के द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसकी भाषा की सरलता पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती है और वास्तविकता के बीच प्रकृति, प्रेम, संबंध, विज्ञान और मातृत्व से हमारा परिचय कराती है।
डॉ० संजय के द्वारा कविता के रूप में उपहार संदेश का जो संकलन प्रकाशित हुआ उसके बारे में उन्होंने बताया कि इस संग्रह की सभी कविताओं के पीछे एक कहानी है और आगे एक संदेश है। कविता के माध्यम से जो संदेश पद्म श्री डॉ० संजय ने समाज के लिए दिया वह समाज के लिए एक अनोखा उपहार है। इनकी कविताऐं जैसे कि फैलाव, भूख, पुस्तकें, मौन भी एक भाषा है, नाता, पूर्णता एवं संवाद कविताऐं न केवल कवि के विचारधारा को दर्शाती है बल्कि समाज के प्रति उसका चिन्तन भी दर्शाती है और लगता है कि कवि के मन में समाज में बदलाव लाने की अत्यंत तीव्र इच्छा है। कवि का मानना है समाज में बदलाव लाने के लिए विचारों में बदलाव, आपसी सहयोग एवं संवाद ही किसी भी बदलाव के मूलमंत्र हैं।
अपने कार्यक्रम के दौरान डॉ० संजय ने उपराष्ट्रपति महोदय को अपने काव्य संकलन की एक कविता “सपने हमारे और आपके“ पढ़ी। जिसकी उपराष्ट्रपति महोदय ने भूरि-भूरि प्रशंसा की और डॉ० संजय के प्रथम काव्य संकलन के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाऐं दी। इस कार्यक्रम में डॉ० संजय के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार पद्म डॉ. श्याम सिंह शशि, प्रबंध न्यासी, भारतीय ज्ञानपीठ अखिलेश जैन, शिक्षाविद् एवं साहित्यकार नरेन्द्र सिंह नीहार एवं ऑर्थाेपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. गौरव संजय मौजूद रहे।
पद्मश्री डॉ० बी.के.एस. संजय एक विश्व के प्रतिष्ठित ऑर्थाेपीडिक एवं स्पाइन सर्जन हैं। जिनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लिम्का, इंडिया, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उल्लेखित किया जा चुका है। डॉ० बी.के.एस. संजय बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। जो चिकित्सीय कार्य एवं समाज सेवा कार्यों के लिए जाने जाते हैं। इनके इन्हीं उत्कृष्ट कार्याे को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार के द्वारा 2021 में डॉ० संजय को भारत के चौथे सर्वाेच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से अलंकृत किया जा चुका हैै।
डॉ० संजय न केवल अच्छे सर्जन एवं समाज सेवक हैं बल्कि वह उच्च कोटि के लेखक, वक्ता एवं कॉलमनिस्ट हैं। डॉ० संजय का कविता के बारे में रूचि और काव्य संग्रह का संकलन एक सर्जन के लिए अनोखा काम है। डॉ० संजय अपने हाथों से सर्जरी के क्षेत्र में ही सर्जन का काम ही नहीं करते बल्कि वह शब्दों का भी अच्छे ढ़ंग से सृजन करते हैं जिसको उनके काव्य संग्रह में अच्छे ढ़ंग से दर्शाया गया हैै।