खुशखबरी : कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सफलता की राह पर अग्रसर, भारत बायोटेक ने भी हांसिल की बड़ी कामयाबी
आकाश ज्ञान वाटिका, 2 जुलाई 2020, गुरुवार। कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज में सौ से भी ज्यादा खोजकर्ता(वैज्ञानिक) जुटे हुए हैं, परन्तु प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट के नेतृत्व में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन पर ज्यादा उम्मीदें उम्मीदें लगी हुई हैं। कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को अब धीरे-धीरे सफलता की राह पर अग्रसर है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोरोना वैक्सीन बनाने में लगे प्रमुख वैज्ञानिक ने बुधवार को कहा कि वैज्ञानिकों की टीम को अपने परीक्षणों (ट्रायल) में प्रतिरोधी प्रतिक्रिया को लेकर अब तक सकारात्मक परिणाम मिले है। लेकिन वैज्ञानिक ने इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन तैयार होने के लिए एक निश्चित समय सीमा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम ये नहीं सकते कि यह कब तक तैयार हो सकता है।
संसदीय सुनवाई में बोलते हुए विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कहा कि 8000 स्वयंसेवकों को वैक्सीन AZD1222 में इसके परीक्षण के फेज- III के लिए नामांकित किया गया था, जिसे एस्ट्राज़ेनेका का लाइसेंस दिया गया था। गिल्बर्ट ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हम प्रतिरोधी प्रतिक्रिया के खिलाफ अच्छा रिस्पॉन्स देख रहे हैं। यह कोरोना के खिलाफ मरीजों को सुरक्षा देगा। यह सही तरीके से काम कर रहा है।
वैक्सीन ट्रायल का द्वितीय एवं तृतीय चरण
अब वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण की तैयारी की जा रही है। इसके पहले चरण में कम संख्या में 5 से 12 साल के बच्चे, युवा और 56 से 69 साल के 10,260 लोगों को शामिल किया जाएगा। इस तरह शोधकर्ता अलग-अलग उम्र के लोगों में वैक्सीन के असर का आकलन करेंगे। इंसानों पर होने वाले वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में 18 साल के ज्यादा उम्र के लोगों को और भी बड़ी संख्या में शामिल किया जाएगा। इसमें शोधकर्ता देखेंगे कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए यह वैक्सीन कितनी असरदार है। इस परीक्षण में वॉलिन्टियर्स को यह नहीं बताया जाएगा कि उन्हें कौन सा वैक्सीन दिया गया है।
2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन को लेकर मिलेगी सफलता
फिलहाल कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने की दौड़ जारी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तरी गोलार्ध के सर्दियों के मौसम में इस साल के अंत तक कोरोना के मामलों में तेजी आने की आशंका जताई गई है। ब्रिटेन सरकार की वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा है कि ऑक्सफोर्ड कार्यक्रम को छोड़कर, उन्हें उम्मीद है कि 2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन को लेकर सफलता मिलेगी। ऑक्सफोर्ड की वैज्ञानिक सारा गिल्बर्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका ऑक्सफोर्ड टीका पहले बन जाए, लेकिन वह अधिक विशिष्ट नहीं होगा क्योंकि टीके के विकसित होने का समय मानव परीक्षण के परिणामों पर निर्भर करेगा।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 13 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फेज में है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन भी इस रेस में आगे चल रही है, जहाँ वैक्सीन का ट्रायल लगभग अंतिम फेज में है। ऑक्सफोर्ड की रिसर्च पर भारत की सीरम इंडिया इंस्टीटयूट उत्पादन करेगी। दुनियाभर में वैक्सीन उत्पादन के क्षेत्र में इस भारतीय कंपनी का बड़ा नाम है। वहीं, ब्रिटेन में ही एक और वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू हो रहा है।
[box type=”shadow” ]वैक्सीन बनाने में जुटे दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की तरह भारत ने भी बड़ी कामयाबी हांसिल की है। भारत बायोटेक, हैदराबाद स्थित बायोटेक्नॉलजी कंपनी द्वारा विकसित वैक्सीन का मानव परीक्षण जुलाई में शुरू करने जा रहा है। कंपनी ने सोमवार को देश का पहला कोविड-19 वैक्सीन कोवाक्सिन (Covaxin) सफलतापूर्वक बना लेने का दावा किया है। कंपनी ने यह भी कहा है कि इसे ड्रग कंट्रोर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) से मानव परीक्षण हेतु मंजूरी मिल गई है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
भारत बायोटेक कंपनी ने कहा कि SARS-COV-2 स्ट्रेन को एनआईवी पुणे में आइसोलेट किया गया और फिर इसे भारत बायोटेक में भेजा गया। स्वदेशी इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) हाई कंटेनमेंट फसिलिटी में विकसित किया गया और फिर इसका उत्पादन किया गया। यह हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित है। प्री-क्लीनिकल स्टडीज में सुरक्षित और इम्यून रिस्पांस पाए जाने के बाद रिजल्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले ड्रग कंट्रोलर के पास जमा कराया गया। ड्रग कंट्रोलर ने इसके बाद फेज I और फेज II के लिए ह्यूमन क्लीनिक ट्रायल की मंजूरी दी।
”जुलाई 2020 में देशभर में मानव परीक्षण शुरू किया जाएगा।” वैक्सीन डिवेलपमेंट एक मील का पत्थर है और कंपनी को इसकी घोषणा करते हुए गर्व है।”……डॉ० कृष्णा इल्ला, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, भारत बायोटेक[/box]