उत्तराखंड में की संख्या 6587 हो चुकी, एक और कोरोना संक्रमित मरीज की मौत
उत्तराखंड में कोरोना के लिहाज से जुलाई के 28 दिन पिछले 108 दिन पर भारी पड़े हैं। इस दौरान प्रदेश में कोरोना के 3706 नए मामले आए हैं। यह अब तक के कुल मामलों का 56 फीसद है। मंगलवार को भी प्रदेश में 259 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। राज्य में अब तक कुल 6587 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 3720 स्वस्थ हो चुके हैं। संक्रमित अन्य 2759 मरीज अभी विभिन्न अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में भर्ती हैं, जबकि 38 राज्य से बाहर चले गए हैं। 71 मरीजों की अब तक मौत भी हो चुकी है। इनमें एक गर्भवती समेत तीन लोगों की मंगलवार को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में मौत हुई है। पिछले 28 दिन में ही 30 संक्रमितों की मौत हुई है।
एम्स में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत
एम्स ऋषिकेश में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई है। एम्स प्रशासन के मुताबिक भोगपुर रानीपोखरी देहरादून निवासी 50 वर्षीय इस मरीज को 21 जुलाई के दिन एम्स में भर्ती कराया गया था। वो किडनी और हाइपरटेंशन समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित था। इससे पहले 15 जुलाई को बुखार और अन्य तकलीफ के कारण उसे हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में भर्ती किया गया था, जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ज्यादा हालत बिगड़ने पर मरीज को 21 जुलाई को एम्स में भर्ती किया गया। मंगलवार की देर रात उसकी मौत हो गई। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को 4104 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है। इनमें 3845 रिपोर्ट नेगेटिव और 259 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें सर्वाधिक 108 मामले जिला ऊधमसिंहनगर से हैं, जिनमें 61 पूर्व में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोग हैं। सात स्वास्थ्य कर्मियों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 19 मरीज फ्लू क्लीनिक में अपनी जांच कराने पहुंचे थे। 11 लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री अभी पता नहीं चल पाई है, जबकि पांच लोग आगरा, तीन दिल्ली और एक-एक व्यक्ति मुंबई व पीलीभीत से लौटा है। नैनीताल में भी कोरोना के 45 नए मामले आए हैं। इनमें 2 पूर्व में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं। तीन फ्लू क्लीनिक में पहुंचे मरीज हैं। बाकि 40 की ट्रेवल हिस्ट्री पता नहीं चली।
हरिद्वार में 42 और लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें 30 पूर्व में कोरोना पॉजिटिव मिले व्यक्तियों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं। 12 अन्य की ट्रेवल हिस्ट्री पता की जा रही है। दून में कोरोना संक्रमण के 33 नए मामले मिले हैं। टिहरी में 13 नए केस हैं। इनमें सात ट्रेवल हिस्ट्री पता नहीं चली है, जबकि अन्य मुंबई, दिल्ली व ओमान से लौटे हुए हैं। अल्मोड़ा में दस लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। चंपावत में भी पांच नए मामले आए हैं। अल्मोड़ा में उपखंड शिक्षा अधिकारी, ऊधमसिंहनगर में आशा कार्यकर्ता व चंपावत में दो एसएसबी जवान संक्रमित मिले। चमोली में सेना के दो जवान संक्रमित मिले हैं, जो आगरा से वापस लौटे हैं। बागेश्वर में भी एक व्यक्ति पॉजिटिव मिला है। उधर, मंगलवार को 45 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। इनमें 41 देहरादून और चार उत्तरकाशी से हैं।
पिथौरागढ़ में अस्पताल का स्टाफ और मरीज संक्रमित
एक निजी अस्पताल में 13 केस पॉजिटिव मिले है। इनमें अस्पताल के कर्मचारी और भर्ती रोगी है। इस अस्पताल में कुछ दिन पूर्व संक्रमित के संपर्क में आया एक रोगी भर्ती था। अस्पताल को सील कर स्टाफ सहित 25 लोगों को आइसोलेट किया गया है।
जेल में बंदियों को भी पिलाया जाएगा काढ़ा
जिला कारागार में अब न केवल तमाम एहतियात बरती जा रही है, बल्कि बंदियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए उन्हें काढ़ा पीने को दिया जाएगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला की पहल पर आयुष विभाग इसे उपलब्ध कराएगा।
जिला कारागार में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी के मद्देनजर बंदियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें आयुष क्वाथ (तुलसी, दालचीनी, सुंठी व कृष्णा मारीच का मिश्रण) और गिलोय घनवटी टेबलेट दी जाएगी। आयुष क्वाथ को काढ़े के रूप में लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। साथ ही गिलोय घनवटी एक-एक टेबलेट सुबह शाम लेने से भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
अब कोविड केयर सेंटर भेजे जाएंगे एसिम्टोमेटिक मरीज
कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने से दून अस्पताल पर दबाव भी बढ़ रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें ज्यादातर मरीज एसिम्टोमेटिक यानी बिना लक्षण वाले हैं। ऐसे मरीज खुद तो स्वस्थ होते हैं, मगर दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए उन्हें आइसोलेट करना जरूरी होता है। बिना लक्षण वाले मरीजों के कारण अस्पताल पर बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि बिना लक्षण वाले मरीजों को अब सीधा कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाएगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि अभी तक सभी मरीज दून अस्पताल भेजे जाते थे। वहां से बिना लक्षण वाले मरीज कोविड केयर सेंटर रेफर किए जाते थे। उनका कहना है कि अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था रखने की जरूरत है, जिससे उनका यहां इलाज हो सके। इसलिए अब सभी बिना लक्षण वाले मरीज और जिन्हें अन्य कोई बीमारी नहीं होगी, उन्हें सीधे कोविड केयर सेंटर भेजा जाएगा।