Breaking News :
>>अखिलेश यादव ने चुनावी जनसभा को किया संबोधित, कहा- बीजेपी ने नौजवानों का भविष्य किया खत्म >>आईपीएल 2024 के 47वें मैच में आज दिल्ली कैपिटल्स से भिड़ेगी कोलकाता नाइट राइडर्स >>दुखद- मसूरी के निकट खाई में गिरी कार, तीन पर्यटकों की मौत>>प्रभास की फिल्म कल्कि 2898 एडी को लेकर आया बड़ा अपडेट, मेकर्स ने नए पोस्टर के साथ रिलीज तारीख का किया एलान>>देहरादून में हुआ भीषण अग्निकांड, खुड़बुड़ा मोहल्ले में 22 झोपड़ियां जलकर हुई राख>>उत्तराखंड बोर्ड 2024- कल जारी होगा 10वीं और 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम, यहां जानिए कैसे करें डाउनलोड>>जानें केला खाना कब खतरनाक, क्यों शरीर के लिए जहर बन जाता है इतना फायदेमंद फल>>भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह आज करेंगे नामांकन, मुख्यमंत्री योगी भी रहेंगे मौजूद >>पहाड़ से लेकर मैदान तक सात जिलों के कुछ इलाकों में तेज गर्जन और आंधी के साथ ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी>>प्रसिद्ध मां पूर्णागिरी मेले में अब मुंडन संस्कार का लिया जाएगा कम शुल्क >>देश में चुनावी नवाचार एवं मतदान प्रतिशत>>उत्तराखंड में बारिश जंगलों की आग के लिए हुई वरदान साबित>>महाराज ने देखी श्रीदेव सुमन पर आधारित गढवाली फिल्म कहा- प्रेरणादायक है यह फिल्म>>गृह मंत्री अमित शाह ने गठबंधन पर साधा निशाना, बताया झूठ की फैक्टरी>>टमाटर का ऐसे करें उपयोग चेहरे पर आएगा इंस्टेंट ग्लो, दाग धब्बों से भी मिलेगा छुटकारा>>जिला सहकारी बैंकों का लाभ 180 करोड़ रुपये से बढ़कर 232 करोड़ रुपये किया>>निखिल सिद्धार्थ ने किया कार्तिकेय 3 का एलान, दर्शकों को मिलेगा रोमांच का फुल डोज>>अयोध्या आने वाली हर फ्लाइट की बुकिंग हुई सस्ती, जानिए कितने रुपए की मिली छूट >>उत्तराखण्ड के रिमोट क्षेत्रों में छोटे एलपीजी सिलेंडर की उपलब्धता बढ़ाएं- राज्यपाल>>मुख्यमंत्री ने वन प्रशिक्षण अकादमी में वनाग्नि रोकने के प्रयासों की समीक्षा की
सम्पादकीय

नए साल के युद्ध संकल्प 

साभार : श्रुति व्यास
आकाश ज्ञान वाटिका, 4 जनवरी 2024, गुरूवार, देहरादून। अपने नए साल के भाषण में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने कसम खाई है कि 2024 में वे रूसी सेना पर कहर बरपायेंगे। वे यह बात पूरे भरोसे से इसलिए कह पाए क्योंकि यूक्रेन आज पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। यह युद्ध अपने तीसरे कैलेंडर वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उधर नए साल के ठीक एक दिन पहले और बाद में भी गाजा पर इजराइली हमले जारी रहे। हवाई हमलों में कई प्रोफेसर मारे गए और गाजा के केन्द्रीय हिस्से को धूल में मिला दिया गया। बेंजामिन नेतन्याहू ने संकल्प लिया है कि यह युद्ध तब तक चलता रहेगा जब तक उसे जारी रखना जरूरी होगा।

दोनों युद्ध युद्धक्षेत्र में भी लड़े जा रहे हैं और डिजीटल दुनिया में भी। दोनों का पूरे विश्व पर प्रभाव पड़ रहा है और सारी दुनिया के लिए दोनों के निहितार्थ हैं। सभी देशों के किसान तब स्तब्ध रह गए थे जब युद्ध की शुरुआत के बाद उन्हें यूक्रेन और रूस से अचानक उर्वरक मिलना बंद हो गए थे। अब लाल सागर में हो रहे हमलों के चलते एक बार फिर सप्लाई बाधित हो रही है। सोशल मीडिया पर सारी दुनिया के युवाओं से कहा जा रहा है कि वे अपनी राय दें, विरोध प्रकट करें और ग्लोबल चेन्स का बहिष्कार करें। इजराइल-हमास युद्ध घिनौना, घातक और दर्दनाक है। नए साल की पूर्व संध्या पर कई लोगों ने केवल ऐसी तस्वीरें और वीडियो साझा किए जिनमें युद्ध के वे दृश्य दिखाए गए हैं जिनमें बच्चे मारे गए। मुझे एक संदेश मिला कि ‘हैप्पी’ शब्द टाइप करने या ‘हैप्पी’ महसूस करने से पहले मुझे उन बच्चों के बारे में सोचना चाहिए जो गाजा में मारे गए या मारे जा रहे हैं।

नि:संदेह इस नव वर्ष पर इजराइल-हमास युद्ध पर सबका ध्यान केन्द्रित रहा है और आगे भी रहेगा। क्योंकि यह युद्ध कई देशों में चुनावों को प्रभावित करेगा, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है अमेरिका, जहां बहुत से युवा डेमोक्रेटों ने इजराइल का समर्थन करने के कारण बाइडन का साथ छोड़ दिया है। यही कारण है कि व्यक्तिगत टेलीफोन चर्चाओं में बाइडन नेतन्याहू पर बर्बादी बंद करने के लिए अधिकाधिक दबाव डाल रहे हैं। लेकिन नेतन्याहू का हमेशा से लक्ष्य रहा है ओस्लो समझौते को सदा-सदा के लिए खत्म और निष्प्रभावी करना। इस मामले में बीबी और हमास दोनों को हमेशा एक दूसरे की जरूरत रही है। बीबी अमेरिका और इजराइलियों को बताते हैं कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है, और हमास, गाजा के निवासियों और दुनिया भर के अपने नए और सरल समर्थकों से कहता है कि फिलिस्तीनियों के पास हमास के नेतृत्व में सशस्त्र संघर्ष करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

लेकिन बीबी रुकने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि 2024 के बारे में सबसे बड़ी चिंता यही है कि इस साल  कहीं अलग-थलग पड़े इजराइल के खिलाफ जंग न शुरू हो जाए। ज़मीन पर चल सकने वाले वाहनों से लदे ईरानी जहाज, हमास, हिज़बुल्ला, हूती और ईराक के शिया लड़ाकों ने इजराइल को घेर रखा है। ईरान अपनी कठपुतलियों के ज़रिये इजराइल को कई मोर्चों पर एक साथ लडऩे के लिए बाध्य करने में जुटा है।
अगर युद्ध हुआ तो इजराइल के प्रति दुनिया की न सहानुभूति होगी, न संवेदना होगी और ना ही ऐसे मित्र देश होंगे, जो ईरान के खतरे का मुकाबला करने में उसकी मदद कर सकेंगे। और ना ही उसे हमास को परास्त करने के बाद, गाजा का प्रशासन चलाने के लिए फिलिस्तीनी सहयोगी मिलेंगे।

जहाँ तक यूक्रेन में चल रहे युद्ध का सवाल है, अभी तो यही दिखता है कि अगले कुछ महीनों तक वहाँ महत्वपूर्ण संसाधनों के अभाव के बीच लड़ाई जारी रहेगी। साथ ही असला का जो स्टॉक 2023 में ख़त्म हो गया, उसे दोबारा जुटाने के कवायद भी चलती रहेगी। जेलेंस्की ने नए साल की पूर्व संध्या पर कहा कि दुश्मन को एफ-16 लड़ाकू विमानों के देश में ही उत्पादन होने के नतीजों का अहसास होगा। ज़ेलेंसकी आत्मविश्वास से सराबोर हैं तो रूस निर्ममता बरतने पर दृढ़ है। मास्को ने भी हाल एं मिसाईलों और ड्रोन के जरिए कई हमले किए हैं और युद्ध शुरू होने के बाद के सबसे बड़े हवाई हमलों में से एक में 39 लोग मारे गए।

लेकिन दोनों ही युद्धों के उन्मादियों को उम्मीद है कि 2024 में उनके जैसी सोच रखने वाले डोनाल्ड ट्रंप दुबारा सत्ता हासिल कर लेंगे।वर्तमान, अतीत जितना ही निराशाजनक नजर आ रहा है। चिंता और तकलीफ जारी है। एकमात्र जो कार्य किया जाना बाकी है वह है हकीकत को बदलना। काश ऐसा हो जाता।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *