सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास से बन रहा नया भारतः मुख्यमंत्री
- धारा 370 के प्रभावहीन होने से जम्मू कश्मीर में लिखी जाएगी विकास की नई इबारत।
- जीरो टाॅलरेंस आॅन करप्शन, कार्य-संस्कृति में सुधार और युवाओं को रोजगार सर्वोच्च प्राथमिकता।
- स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की 72 वीं वर्षगांठ पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों, देश रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सेना के जवानों व उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास से हमें नए भारत का निर्माण करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड को सैन्यधाम की संज्ञा दी है। हमारी सरकार शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। देश के बहुत से राज्य बाढ़ की दुश्वारियों से जूझ रहे हैं, हम उनके कष्ट व पीड़ा को समझ सकते हैं। मुश्किल की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं। प्रदेश में भी आपदा से जन-धन की हानि हुई है। प्रभावितों को हर सम्भव मदद पहुंचाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर देश में विशेष उत्साह व उल्लास का वातावरण है। हमारे जम्मू-कश्मीर के भाई बहनों को धारा 370 से आजादी मिली है। प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी को इसके लिए बधाई देते हुए कहा कि अब जम्मू-कश्मीर के लोग मुख्य धारा में शामिल होकर विकास की नई इबारत लिख सकेंगे। एक देश, एक विधान व एक निशान का संकल्प साकार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्काल तीन तलाक पर रोक के कानून से मुस्लिम महिलाओं को शोषण से आजादी मिली है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में ये बङा कदम है। चंद्रयान का जिक्र्र करते हुए उन्होंने कहा कि छह सितम्बर का दिन ऐतिहासिक होगा, जब भारत का चंद्रयान चंद्रमा पर उतरेगा। हम सभी इसके साक्षी बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छोटा पर्वतीय राज्य होने पर भी हम न केवल देश की इकोलोजी बल्कि देश की इकोनोमी में भी अहम् योगदान कर रहे हैं। हाल ही में सम्पन्न हिमालयन काॅन्क्लेव में 11 हिमालयी राज्यों द्वारा पर्यावरण व जैवविविधता के संरक्षण के साथ देश की समृद्धि में योगदान के लिए ‘मसूरी संकल्प’ पारित किया गया।
राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून लाने जा रही है। भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल और अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह अधिकारियों व कार्मिकों को चिन्हित कर अनिवार्यतः सेवानिवृत्ति दी जाएगी। हमने सरकारी विभागों में आउटकम आधारित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए सीएम डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ बनाया है। आम जन को अपनी शिकायत या समस्या के निस्तारण के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए सीएम हेल्पलाईन 1905 पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से कनेक्टीवीटी पर काफी काम किया जा रहा है। ऑल वेदर रोड़ व भारतमाला योजना पर तेजी से काम चल रहा है। देहरादून में डाट काली मंदिर के पास दो-लेन सुरंग, मोहकमपुर व अजबपुर और हरिद्वार में डौसनी में आर.ओ.बी. को निर्धारित समय अवधि से पूर्व ही बनाकर यातायात के लिए शुरू कर दिया गया है। टिहरी में डोबरा-चांटी मोटर झुला पुल का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
महत्वाकांक्षी ¬ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग पर काम प्रारम्भ कर दिया गया है। देवबंद-रूड़की रेलमार्ग इस राज्य के विकास को एक नई गति प्रदान करेंगे। देहरादून-काठगोदाम के बीच नैनी-दून जन शताब्दी एक्सप्रेस की शुरूआत की जा चुकी है। राज्य में 13 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। उड़ान योजना के तहत राज्य सरकार की पहल से देहरादून, पंतनगर व पिथौरागढ़ के लिए सस्ती हवाई सेवा प्रारम्भ कर दी गई है। देहरादून, देश के 23 शहरों से हवाई सेवा के माध्यम से जुड़ चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए स्कूलों को स्मार्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी सरकारी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्यपुस्तकें अनिवार्य की गई हैं। राजकीय इंटरकाॅलेजों में 859 प्रवक्ताओं की भर्ती की गई है। राजकीय महाविद्यालयों में 877 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पिछले ढाई वर्ष में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग व उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा साढ़े पांच हजार से अधिक नई भर्तियां की गईं, जबकि लगभग पांच हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। विभागों में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
देहरादून में देश की पांचवी साईंस सिटी, कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर, रानी पोखरी में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी और पैठाणी में प्रदेश का पहला वोकेशनल काॅलेज बनने जा रहा है। डोईवाला में सीपेट शुरू किया जा चुका है। इसमें शत प्रतिशत प्लेसमेंट दिया जा रहा है। देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना यहां की गई है। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर की स्थापना की जा रही है। युवाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए ‘स्टार्ट अप पाॅलिसी’ लाई गई। वर्ष 2020 तक 200 स्टार्टअप शुरू किए जाने हैं इनमें से 157 स्टार्ट-अप मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 11 हजार से अधिक उद्यमों की स्थापना हुई। इनमें लगभग 80 हजार लोगों को रोजगार मिला। इन्वेस्टर्स समिट के केवल 10 माह की अवधि में 16 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है जिससे लगभग 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में डाक्टरों की तैनाती पर्वतीय क्षेत्रों में की है। वर्तमान में 2045 चिकित्सक तैनात किए गए हैं जबकि पूर्व में केवल 1081 थे। इसके अलावा 159 दंतचिकित्सकों की नियुक्ति भी की गई है। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को विस्तारित करते हुए अटल आयुष्मान योजना लागू की है। इसमें राज्य के समस्त परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। अभी तक 60 प्रतिशत परिवार कार्ड बनवा चुके हैं और 60 हजार से अधिक लाभार्थियों को निशुल्क उपचार की सुविधा दी जा चुकी है। राज्य में 169 हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सूचकों में काफी सुधार हुआ है। संस्थागत प्रसव 50 प्रतिशत से बढ़कर 71 प्रतिशत हो गए हैं। मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। उत्तराखण्ड में बालिका लिंगानुपात में सबसे अधिक सुधार हुआ है। प्रदेश में विगत दो वर्षों में बच्चों में टीकाकरण 87 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में 1,98,738 रूपए है जो कि देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से 72,332 रूपए अधिक है। विकास का लाभ दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने व पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित किए जा रहे हैं। 58 ग्रोथ सेंटर को मंजूरी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 5 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। गत वर्ष केदारनाथ में 2 करोड़ रूपए से अधिक का प्रसाद महिला समूहों द्वारा बेचा गया। प्रदेश के 625 मंदिरों में प्रसाद योजना का विस्तार किया जा रहा है। मंशादेवी, बदरीनाथ, जागेश्वर, बागेश्वर से शुरूआत हो चुकी है। आशा कार्यकत्रियों का वार्षिक पारिश्रमिक 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 17 हजार रूपए किया है। ‘मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना’ में बीस हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के ढ़ाई लाख बच्चों को निःशुल्क दूध उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ‘मिट्टी से बाजार तक’ की रणनीति पर काम किया जा रहा है। भारत सरकार के सहयोग से 3340 करोड़ की समेकित सहकारी विकास परियोजना प्रारम्भ की गई है। इससे लगभग 55 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। परम्परागत कृषि विकास योजना के पहले चरण में स्वीकृत 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उत्तराखण्ड में लगभग 85 प्रतिशत लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। 5 लाख 50 हजार किसान लाभान्वित भी हो चुके हैं। प्रदेश में लघु, सीमांत व बी.पी.एल. किसानों को 1 लाख रूपए व स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपए तक का ब्याज रहित ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए ‘‘फार्म मशीनरी बैंक’’ योजना शुरू की गई है। इसके लिए राज्य सरकार 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना के तहत शत प्रतिशत विद्युतिकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। उत्तर भारत के सभी राज्यों में उत्तराखण्ड में लगभग सभी श्रेणियों में सबसे कम दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
‘क्लीन-एनर्जी’ पर विशेष फोकस किया जा रहा है। पाईननिडिल व अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति लागू की गई है। इसके तहत अभी तक 21 योजनाएं आवंटित की जा चुकी है। इसमें जंगलों से पिरूल कलेक्शन के लिए महिला समूहोंको 1 रूपया प्रति किलो दर से भुगतान मिलेगा। प्रदेश में ऐसे 6 हजार पिरूल संयंत्र स्थापित करने की योजना है। इससे लगभग 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
संशोधित सौर ऊर्जा नीति 2018 में 5 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजना, पर्वतीय क्षेत्रों के स्थाई निवासियों के माध्यम से स्थापित की जा सकती हैं। अभी तक 208 लोगों को 148 मेगावाट की परियोजनाओं के आवंटनपत्र सौंपे जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जल शक्ति अभियान में केंद्र सरकार के सहयोग से ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संकल्पबद्ध हंै। प्रदेश की जलनीति तैयार की जा रही है। देहरादून में सूर्यधार, पिथौरागढ़ में थरकोट, चम्पावत में कोलीढ़ेक व अल्मोड़ा में गगास पर जलाशय का निर्माण प्रारम्भ किया गया है। कोसी, बिंदाल व रिस्पना के पुनर्जीविकरण के लिए जन सहभागिता से व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्रेविटी आधारित सौंगबांध बनने से देहरादून को 30 वर्ष तक जल की अबाध पूर्ति होगी। वर्ष 2022 तक 5 हजार समस्या ग्रस्त प्राकृतिक जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित व सवंर्धित करने का लक्ष्य रखा गया है। मां गंगा का उद्भव स्थल होने के नाते नमामि गंगे अभियानमें उत्तराखण्ड की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके तहत उत्तराखण्ड में स्वीकृत 21 परियोजनाओं में से 9 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं जबकि शेष योजनाएं फरवरी 2020 तक पूरी कर ली जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण करते हुए इसे पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान की गई है। बद्रीनाथ धाम के लिए भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस बार चारधाम व हेमकुण्ड साहिब के दर्शनों के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। ‘होम-स्टे’ के माध्यम से पर्यटन अब ग्रामीणों की आजीविका का साधन बन रहा है। 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड डेस्टीनेशन विकसित कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में माउंटेनियरिंग, रिवरराफ्टिंग, ट्रैकिंग, केम्पिंग, पैराग्लाईडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि की बहुत सम्भावनाएं हैं। इसके लिए साहसिक पर्यटन का अलग से निदेशालय बनाया जा रहा है। वैलनेस टूरिज्म पर भी फोकस किया जा रहा है।
टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए एमओय ूकिया गया है। पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनाने जा रहे हैं। देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना का शिलान्यास किया जा चुका है। सुरकंडा देवी व पूर्णागिरी देवी मंदिर के लिए रोपवे का निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में फिल्मों की अधिक से अधिक शूटिंग हो, इसके लिए हमने राज्य में फिल्मों के अनुकूल माहौल बनाया है। यही कारण है कि भारत सरकार द्वारा ‘मोस्ट फ्रेंडली स्टेट फाॅर फिल्म शूटिंग’ भी घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने व हर उत्तराखण्डी के जीवन में खुशहाली लाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। कोशिश है कि इनकम इंडेक्स के साथ हैप्पीनेस इंडेक्स में उत्तराखण्ड आगे रहे। एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लिए सभी को आगे आना होगा।