स्वरोजगार की दिशा में बढ़ते कदम : मुख्यमंत्री ने चिन्यालीसौड़ इन्द्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर ऊर्जा प्लांट का किया लोकापर्ण
[box type=”shadow” ]स्वरोजगार की दिशा में मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच:
- सोलर स्वरोजगार योजना में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
- राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी विरासत हैं। इनके माध्यम से स्वरोजगार किया जा सकता है।
- कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।[/box]
[highlight]प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा : मुख्यमंत्री[/highlight]
आकाश ज्ञान वाटिका, बुधवार, 30 सितम्बर 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चिन्यालीसौड़ इन्द्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर ऊर्जा प्लांट का लोकापर्ण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वरोजगार के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर पहल की है। इसी क्रम में सोलर फार्मिंग की कन्सेप्ट पर भी काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से लोगों को स्वयं के उद्यम प्रारम्भ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी के तहत मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी श्री आमोद पंवार ने अपने गाँव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है, इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत धनराशि पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन आदि स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्यमियों को ऋण लेने में समस्या न आए इसके लिए बैंकों से लगातार समन्वय किया जा रहा है। ताकि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें। पर्यटन के क्षेत्र में दस हजार मोटर बाइक की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक का ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी विरासत हैं। इनके माध्यम से स्वरोजगार किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, दूरसंचार, बिजली, पानी आदि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। जल्द ही हिमालयन मीट (बकरे का मीट) की ब्रांडिंग करने वाले हैं। प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैम्पा के माध्यम से आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने आदि कामों में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था की गई है। स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है। कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।
इस अवसर पर विधायक श्री केदार सिंह रावत, श्री गोपाल सिंह रावत, ऊर्जा सचिव श्रीमती राधिका झा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।