प्रधानमंत्री मोदी के हमले से नीतीश का भाव बढ़ेगा
आकाश ज्ञान वाटिका, 03 जुलाई 2023, सोमवार, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी विपक्षी पार्टियों पर हमला करते थे और उनको भ्रष्ट व परिवारवादी बताते थे। परंतु विपक्षी पार्टियों की पटना में हुई बैठक के बाद अपनी पहली सभा में उन्होंने जिस तरह से हमला किया वह अभूतपूर्व था। उन्होंने भोपाल में भाजपा के एक कार्यक्रम में सभी विपक्षी पार्टियों को भ्रष्ट बताया, उनके घोटालों की सूची बताई और सब पर कार्रवाई का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की गारंटी है घोटाला करने की तो मेरी गारंटी है सभी घोटालेबाजों पर कार्रवाई करने की। उनकी इस बात का एक मतलब तो यह निकाला जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में विपक्षी पार्टियों के नेताओं और उनके करीबियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेजी होगी।
प्रधानमंत्री के भोपाल के भाषण की ज्यादा चर्चा इस वजह से भी हो रही है कि उन्होंने पहली बार एक एक नेता का नाम लेकर उस पर हमला किया। उन्होंने तमिलनाडु में डीएमके पर सवा लाख करोड़ रुपए की संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया तो पश्चिम बंगाल में तृणमूल के ऊपर 25 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया। महाराष्ट्र में एनसीपी के ऊपर 70 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप प्रधानमंत्री ने लगाया। मोदी ने बताया कि पटना में इक_ा हुई पार्टियों ने कुल मिला कर 20 लाख करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इतना ही नहीं उन्होंने लालू प्रसाद, फारूक अब्दुल्ला आदि कई नेताओं के नाम लेकर कहा कि अगर आप इनके बच्चों का भला करना चाहते हैं तो इनकी पार्टियों को वोट दें और अगर अपने बच्चों का भला चाहते हैं तो भाजपा को वोट दें।
इस तरह पहली बार इतने तीखे शब्दों में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद का आरोप लगाया। पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं और विपक्षी पार्टियां इनकी अनदेखी करती रही हैं। जनता भी इन आरोपों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती है, खासतौर से विधानसभा के चुनाव में। लेकिन लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के मुकाबले भ्रष्टाचार और परिवारवाद का मुद्दा विपक्ष के अभियान को कमजोर करेगा। तभी ऐसा लग रहा है मोदी के हमले के बाद जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भाव बढ़ सकता है।
विपक्ष के संभावित गठबंधन में नीतीश कुमार इकलौते नेता हैं, जो निजी तौर पर भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त हैं और उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में सक्रिय नहीं है। परिवार के किसी व्यक्ति को राजनीति में आगे बढ़ाने का आरोप उनके ऊपर नहीं है। उनका इकलौता बेटा बेरोजगार है फिर भी राजनीति नहीं करता है। उनकी पार्टी के नेताओं के ऊपर भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। अपने राजनीतिक जीवन में वे ज्यादातर समय वे भाजपा के साथ ही सरकार में रहे हैं इसलिए उनके ऊपर आरोप लगाए जाएंगे तो वो आरोप भाजपा पर भी लगेंगे। बहरहाल, वे भ्रष्टाचार और परिवारवाद दोनों आरोपों से मुक्त हैं। इसलिए विपक्ष के लिए उनका चेहरा आगे करना आसान होगा और फायदेमंद भी हो सकता है।