उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने निर्माण कार्यों में धीमी गति वाले कार्यदायी संस्थाओं को बाहर करने की दी चेतावनी
[highlight]गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध हो निर्माण कार्य : डॉ० धन सिंह रावत[/highlight]
- उच्च शिक्षा के विकास में नहीं होगी धन की कमी।
- उत्तराखण्ड को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल राज्य बनाने का लिया संकल्प।
- महाविद्यालयों में 14 आधारभूत सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान देने पर बल।
आकाश ज्ञान वाटिका, 30 अप्रैल 2021, शुक्रवार, देहरादून। दून विश्वविद्यालय स्थित रूसा कार्यालय में वर्चुअल माध्यम से उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में राज्य सैक्टर तथा रूसा फेज-1 और फेज-2 के अन्तर्गत संचालित निर्माण कार्यों की विभागीय मंत्री डॉ० धन सिंह रावत द्वारा समीक्षा बैठक ली गयी। इस बैठक में राज्य सैक्टर के तहत 52 तथा रूसा अन्तर्गत 66 महाविद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तार पूर्वक समीक्षा की गई। बैठक के माध्यम से विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों तथा निर्माण कार्यों के नोडल अधिकारियों निर्माणाधीन कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
विभागीय मंत्री डॉ० धन सिंह रावत विभागीय अधिकारियों को कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया की विगत चार वर्षों में राज्यों के विश्वविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों को निर्माण कार्यों एवं अन्य सुविधाओं के विकास राज्य सैक्टर से लगभग रू० 600 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, जबकि रूसा परियोजना के तहत रूसा फेज-1 में निर्माण कार्यों हेतु लगभग रू० 87 करोड़ तथा नई सुविधाओं के लिए रू० 56 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। जबकि रूसा फेज-2 में निर्माण कार्यों हेतु लगभग रू० 46.50 करोड़ तथा नई सुविधाओं हेतु लगभग रू० 4.5 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है।
वर्चुवल बैठक में सम्बन्धित विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, सम्बन्धित महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं रूसा के नोडल अधिकारी सहित नौ कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक के दौरान विभागीय मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने प्रत्येक संस्थान में चल रहे निर्माण कार्यों की अद्यतन् स्थिति, नवीकरण एवं उच्चीकरण मद में निर्माण कार्यों की प्रगति सहित नयी सुविधाओं में अद्यतन् किए गए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इस सम्बन्ध में आ रही समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु सम्बन्धित कार्यदायी संस्था एवं रूसा नोडल अधिकारी को निर्देश भी दिए। समीक्षा के दौरान कुमाऊँ विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय सहित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाजपुर, पुरोला, रिखणीखाल, थलीसैंण, मुनस्यारी, भिकियासैंण, सतपुली, पैठाणी, नैनबाग, उत्तरकाशी आदि महाविद्यालयों में निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश सम्बन्धित प्राचार्यों एवं कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को दिए।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को मॉडल राज्य के रूप स्थापित करने हेतु 14 आधारभूत बिन्दुओं पर गंभीरता से कार्य करने हेतु सभी प्राचार्यों को निर्देशित किया गया। साथ ही विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के निमित्त धन का आभाव नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सम्बन्धित संस्थाध्याक्षों एवं नोडल अधिकारियों को फास्ट ट्रैक मोड पर काम करते हुए कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया। कार्यदायी संस्थाओं सहित प्राचार्य एवं नोडल अधिकारियों को निर्माण एवं अन्य कार्यों में गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की शिकायत आने पर कार्यवाही के प्रति भी सचेत किया गया। सभी को समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया, जिससे रूसा फेज-3 की शुरूआत होने पर उच्च शिक्षा के विकास में नए आयाम हासिल किए जा सकें।
बैठक में कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० एन.के. जोशी, श्रीदेव समुन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० पी.पी. ध्यानी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० एन.एस. भण्डारी, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो० देवी प्रसाद त्रिपाठी, कुलसचिव दून विश्वविद्यालय ड० मंगल सिंह मन्द्रवाल, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो0 कुमकुम रौतेल, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ० पी.के. पाठक, उप निदेशक डॉ राजीव रतन, उप निदेशक डॉ० एन.एस. बनकोटी, रूसा राज्य नोडल अधिकारी डॉ० ए.एस. उनियाल, रूसा अच्छादित विभिन्न राजकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के रूसा नोडल अधिकारी, एडुसैट प्रभारी डॉ विनोद कुमार, सहायक निदेशक डॉ० डी.सी. गोस्वामी, डॉ० दीपक कुमार पाण्डेय एवं डॉ० गोविन्द पाठक सहित विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।