मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिल्म और खेल जगत के नए चेहरों पर खेला दांव – विरोधी को दबाने की कोशिश
आकाश ज्ञान वाटिका, 6 फरवरी 2021, शनिवार। बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने 291 सीटों के लिए पार्टी प्रत्याशियों की सूची शुक्रवार को जारी कर दी है। इस बार नए चेहरों पर ममता ने दांव खेला है। इसमें फिल्म और खेल जगत नए चेहरों को मौका देकर दस वर्षो के व्यवस्था विरोधी कारक को दबाने की कोशिश की है। यही नहीं खुद भी नंदीग्राम से चुनावी मैदान में उतर रही हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने टिकटों के बंटवारे में युवाओं, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और अनुसूचित जाति (एससी) पर अधिक जोर दिया है।
बंगाल में एससी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 84 सीटें आरक्षित है। परंतु ममता बनर्जी ने सामान्य सीटों पर भी 11 अधिक अनुसूचित जाति के प्रत्याशी उतारे हैं। इसकी वजह भी खास है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में एससी और एसटी वोट भारतीय जनता पार्टी की ओर चला गया था जिसकी वजह से उत्तर बंगाल में तृणमूल का खाता भी नहीं खुला। वहीं बांकुड़ा, झाड़ग्राम और पुरुलिया की सभी लोकसभा व पश्चिम मेदिनीपुर जिले की एक लोकसभा सीट भी भाजपा को मिल गई।
यही वजह है कि उनके चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ी सुनियोजित योजना के तहत एससी, एसटी और ओबीसी के साथ-साथ महिलाओं और मुस्लिम प्रत्याशियों को सूची में जगह दी। उधर, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बिमल गुरुंग गुट के साथ हाथ मिलाया है। वैसे 27 मौजूदा विधायकों व मंत्रियों का इस बार पत्ता कट गया है। साथ ही 50 महिलाओं और 42 मुस्लिमों उम्मीदवारों को इसमें जगह दी गई है।
ममता ने प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए तीसरी बार सत्ता में लौटने का दावा ही नहीं किया, बल्कि सबसे आसान चुनाव करार दे दिया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद हम विधान परिषद का गठन कराएंगे, ताकि वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को समायोजित किया जा सके। हम हर किसी को विशेष रूप से 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को समायोजित नहीं कर सकते थे। ममता ने विधान परिषद गठित करने का चाल टिकट नहीं मिलने के बाद शुरू होने वाले बगावत को रोकने के लिए चली है। उन्हें भी पता है कि विधान परिषद गठित करना आसान नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चुनौती दी कि वे जितना चाहें केंद्रीय बल तैनात करें, लेकिन जीत तृणमूल कांग्रेस की ही होगी। परंतु सूची जारी करने के बाद जब उन्होंने यह बात कही कि नंदीग्राम ही नहीं मैं टॉलीगंज से भी चुनाव लड़ सकती हूं, तो इसके मायने भी तलाशे जा रहे हैं।