महेंद्र सिंह धौनी चयनकर्ता के उलझन में फंसा
नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धौनी के चयन को लेकर असमंजस, कप्तान विराट कोहली की वेस्टइंडीज दौरे पर सीमित ओवर प्रारूप के लिए उपलब्धता और चयन बैठक में बोर्ड सचिव की मौजूदगी पर रोक से बीसीसीआइ पूरी तरह से उलझ गया है। ऐसे में चयन समिति की शुक्रवार को होने वाली बैठक स्थगित हो गई। वेस्टइंडीज दौरे के लिए चयन समिति की बैठक शुक्रवार को प्रस्तावित थी लेकिन उसे स्थगित कर दिया गया है। अब यह बैठक रविवार को हो सकती है लेकिन इस बारे में बीसीसीआइ द्वारा फिलहाल कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है।
भारत को तीन अगस्त से शुरू हो रहे वेस्टइंडीज दौरे पर तीन टी20, तीन वनडे और दो टेस्ट खेलने हैं। यह बैठक स्थगित उस वक्त हुई, जब गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने नए संविधान के तहत फैसला किया कि चयन समिति की बैठक में बीसीसीआइ के सचिव हिस्सा नहीं ले सकते हैं।
विश्व कप खत्म होने के एक सप्ताह के अंदर ही टीम का चयन होना था और टी-20 व वनडे सीरीज में विराट कोहली को आराम मिलना था। ऐसी स्थिति के रोहित शर्मा को इन दोनों सीरीज की कप्तानी मिलती लेकिन गुरुवार को ही कोहली ने वेस्टइंडीज दौरे पर सीमित ओवर प्रारूप की सीरीज के चयन के लिए खुद को उपलब्ध बताया। माना जा रहा है कि टीम में मतभेदों की खबर बाहर आने के बाद उन्होंने यह फैसला किया। वहीं, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी सीरीज में उपलब्ध हो पाएंगे या नहीं इसके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है।
धौनी पर फैसला
बीसीसीआइ के एक चयनकर्ता ने कहा कि अभी हमारी धौनी से कोई बात नहीं है। जब चयन समिति की बैठक का नोटिस निकलेगा तो मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद उनसे बात कर सकते हैं। फिलहाल सभी चयनकर्ता अपने-अपने शहरों में हैं और जब उनको बैठक के बारे में पता चलेगा तभी आगे की कोई वार्ता की जाएगी। वहीं, बीसीसीआइ के भी एक पदाधिकारी ने कहा कि चयनकर्ताओं को धौनी से बात करनी चाहिए। अगर धौनी घर पर विदाई सीरीज खेलने का प्रस्ताव रखते हैं तो फिर चयनकर्ता ये बात बोर्ड को बता सकते हैं, फिर अध्यक्ष या सचिव को ही इस पर फैसला लेना होगा। इतना तो तय है कि धौनी वेस्टइंडीज में वनडे और टी-20 सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
कोहली अब उपलब्ध
एक और मसला कोहली की उपलब्धता का हो गया है। विराट को पहले वेस्टइंडीज के दौरे पर नहीं जाना था। वेस्टइंडीज के दौरे पर पहले टेस्ट सीरीज और बाद में वनडे, टी-20 सीरीज खेली जानी थी, लेकिन बीसीसीआइ के आग्रह पर टी-20 और वनडे सीरीज पहले आयोजित की जा रही है। इसके पीछे मकसद यही था कि विश्व कप के बाद कोहली आराम कर सकते थे और फिर टेस्ट सीरीज खेलने के लिए उतर सकते थे। पहले विराट का यही प्लान था। हाल ही में टीम में विवाद की खबरें सामने आने पर विराट ने खुद को चयन के लिए उपलब्ध बताया है। विराट के खेलने पर यह तो तय हो जाएगा कि रोहित शर्मा इन सीरीज में कप्तानी नहीं कर पाएंगे।
चौथे नंबर के लिए माथापच्ची
चयन समिति के लिए चौथे नंबर का स्थान भरना भी किसी माथापच्ची से कम नहीं है। भविष्य की तैयारियों के मद्देनजर अब चयनकर्ता इस स्थान पर एक स्थायी खिलाड़ी का चयन चाहते हैं। चयनकर्ताओं के पास कर्नाटक के मयंक अग्रवाल, मनीष पांडे और मुंबई के श्रेयस अय्यर के रूप में विकल्प हैं जो घरेलू सर्किट पर लगातार अच्छा खेल रहे हैं। पांडे ने वेस्टइंडीज ए के खिलाफ भारत ए के लिए शतक बनाया था। रायुडू के संन्यास लेने के बाद और विजय शंकर के नाकाम रहने से उनके लिए दरवाजे खुल सकते हैं। चयनकर्ता युवा शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ के नाम पर भी विचार कर सकते हैं। हालांकि शॉ कूल्हे की चोट से जूझ रहे हैं। दिनेश कार्तिक और केदार जाधव के नाम पर विचार की संभावना नहीं है जो विश्व कप में नाकाम रहे।
यह हुए बदलाव
- विदेशी दौरों के अलावा चयन समिति का अध्यक्ष ही चयन समिति की बैठक बुलाएगा जिसमें पुरुष चयन समिति, जूनियर चयन समिति और महिला चयन समिति शामिल हैं। विदेशी दौरों के लिए प्रशासनिक प्रबंधन बैठक बुलाएगा। कोई भी बोर्ड का पदाधिकारी या सीईओ किसी क्रिकेट समिति की बैठक में भाग नहीं लेगा।
- संबंधित चयन समितियों या प्रशासनिक प्रबंधन को बैठक का विस्तार से ब्यौरा तैयार करना होगा। भारतीय टीम के चयन या बदलाव की घोषणा के बाद अध्यक्ष को अपने हस्ताक्षर के साथ सचिव को यह ब्यौरा देना होगा।
- चयन समिति को किसी चयन या बदलाव या विकल्प के लिए बीसीसीआइ के सचिव या सीईओ से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
- सीईओ चयनकर्ताओं के मैच देखने के लिए यात्रा और अन्य चीजों का इंतजाम करेगा। इस संबंध में ईमेल सचिव की जगह सीईओ को भेजे जाएं।