शिमला में धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा जनजीवन, बाजारों व मुख्य स्थानों पर दिखने लगी रौनक
आकाश ज्ञान वाटिका, 29 अगस्त 2023, मंगलवार, शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में धीरे-धीरे जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। बीते करीब डेढ़ माह से राजधानी में लगातार हुई भारी बारिश के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो गया था, लेकिन बारिश का दौर थमने के बाद अब जनजीवन सामान्य होने लगा है। धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली है। रविवार को शहर के बाजारों व मुख्य स्थानों पर लोगों की आवाजाही अधिक देखने को मिली। सुहावने मौसम में लोगों ने घूमने का लुत्फ उठाया। रिज मैदान सहित मालरोड के अलावा स्थानीय बाजारों में लोगों ने शॉपिंग की। बता दें कि जुलाई-अगस्त माह में हुई भारी बारिश के चलते शिमला व आसपास के स्थानों पर भारी नुक्सान हुआ है और जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध रहीं लेकिन मौसम खुलने के बाद से अब स्थिति सामान्य होने लगी है।
रक्षाबंधन पर्व को लेकर बाजारों में रौनक
आगामी 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व को लेकर शहर के बाजारों में रौनक देखने को मिली। इस दौरान युवतियों व महिलाओं ने राखी की खरीददारी की। इसके अलावा लोअर बाजार संडे मार्कीट में भी लोगों ने खूब खरीददारी की।
क्षतिग्रस्त सड़कें ठीक करने का कार्य जारी
शिमला शहर सहित अन्य स्थानों पर क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने का कार्य जारी है। रविवार को अवकाश के बावजूद विभिन्न स्थानों पर सड़कों की मुरम्मत करने का कार्य जारी रहा। इसी बीच यू.एस. क्लब के समीप बारिश के कारण क्षतिग्रस्त मार्ग की मुरम्मत भी की गई।
प्राकृतिक आपदा के कारण पर्यटन उद्योग खासा प्रभावित
शिमला होटल्स एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण पर्यटन उद्योग खासा प्रभावित हुआ है। होटलों में ऑक्यूपैंसी नाममात्र है और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को रोजाना के खर्च निकालना भी अब मुश्किल हो रहा है।
व्यवसायियों को पर्यटकों का इंतजार
पर्यटन व्यवसायियों व दुकानदारों को अब पर्यटकों के आने का इंतजार है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून अब धीमा पड़ गया है। ऐसे में आगामी दिनों में पर्यटक एक बार फिर हिमाचल प्रदेश का रुख करेंगे। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि 15 सितम्बर के बाद शिमला व अन्य पर्यटन स्थलों पर जहां सड़कें बहाल हो जाएंगी, वहां पर्यटकों की आवाजाही में इजाफा हो सकता है। जानकारी के अनुसार वीकैंड पर भी होटलों व अन्य पर्यटन इकाइयों में ऑक्यूपैंसी 2 से 10 प्रतिशत तक रही। जुलाई-अगस्त में होटलों में ऑक्यूपैंसी 30 से 40 प्रतिशत रहती थी और सप्ताह के अंत में यह 70 प्रतिशत तक पहुंच जाती थी लेकिन बीते 2 माह में शिमला में जो परिस्थितियां उत्पन्न हुईं उससे पर्यटन व्यवसायियों को कोरोना काल में लगे लाॅकडाऊन की यादें ताजा होने लगी थीं लेकिन अगले महीने उन्हें बेहतर कारोबार की उम्मीद जगी है।