पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, सपा के समर्थन से राज्यसभा सदस्य के लिए किया नामांकन दाखिल
आकाश ज्ञान वाटिका, 25 मई 2022, बुधवार, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद बुधवार को समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल वर्ष 2004 से 2014 तक UPA गठबंधन की सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
देश के जाने माने वकील कपिल सिब्बल वर्ष 1989–90 तक वो भारत के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्ष 1998 में वह कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। वर्तमान में कपिल सिब्बल उत्तर प्रदेश से कांग्रेस कोटे से राज्यसभा सदस्य हैं। दरअसल, इस बार कांग्रेस के पास यूपी में इतने विधायक नहीं हैं कि कपिल सिब्बल को फिर से राज्यसभा भेजा जा सके। माना जा रहा है कि कांग्रेस ओर से रुख साफ नहीं होने पर उन्होंने समाजवादी पार्टी से अप्रत्यक्ष तौर पर मदद मांगी और अखिलेश यादव ने इससे इनकार नहीं किया।
14वीं लोकसभा के गठन के बादकपिल सिब्बल केंद्रीय मंत्रिमंडल में विज्ञान एवं तकनीकी मामलों के साथ-साथ भू-वैज्ञानिक मामलों के कैबिनेट मंत्री भी रहे। 2016 में आई हिंदी फिल्म ‘शोरगुल’ के लिए गीत भी लिख चुके हैं। पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को अक्सर कांग्रेस के एक बौद्धिक चेहरे के रूप में दिखाया जाता रहा है, वह विभिन्न समाचार पत्रों के नियमित कालम में पार्टी का पक्ष रखते रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल जीवन परिचय, शिक्षा एवं करियर
8 अगस्त 1948 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। इनके पिता का नाम हीरालाल सिब्बल और माता का नाम कैलाश रानी सिब्बल है। सिब्बल के पिता भी पेशे से मशहूर वकील थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए 1960 के दशक के मध्य में दिल्ली चले आए थे। उन्होंने 1970 के दशक की शुरुआत में दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास और कानून की डिग्री पूरी ली। इसके बाद साल 1977 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज और मैसाचुसेट्स से कानून की डिग्री हासिल की।
- साल 1993 में सिब्बल ने लोकसभा में महाभियोग की कार्यवाही के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का सफलतापूर्वक बचाव किया।
- वर्ष 1995 और 2002 के बीच उन्होंने भारत के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में तीन दफे काम किया। -सिब्बल को 1998 में बिहार राज्य से कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के लिए नामित किया गया।
- साल 2000-02 में सिब्बल ने कांग्रेस की संसदीय सदस्यता के सचिव के रूप में कार्य किया।
- 2004 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
- 2009 में वह फिर से इसी निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल वीपी सिंह की सरकार में एडिशनल सालिसिटर जनरल भी रहे हैं। साल 2016 में सपा के समर्थन से कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजा था। कपिल सिब्बल सोनिया और राहुल गांधी पर चल रहे नेशनल हेराल्ड केस में पैरवी भी कर रहे हैं। इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी अभी जमानत पर हैं।
उल्लेखनीय है कि कपिल सिब्बल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकन किया। इस उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का नेता था, लेकिन अब नहीं हूं। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि मैंने सपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। मैं कांग्रेस की सदस्यता से 16 मई को इस्तीफा दे चुका हूं।