संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बार्ड पर बैठक हुई शुरू, राकेश टिकैत भी हुए शामिल
आकाश ज्ञान वाटिका, 15 जनवरी 2022, शनिवार, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर बैठक शुरू हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा की इस बैठक में गुरनाम चढूनी, शिवकुमार कक्काजी सहित मोर्चा के सभी नेता मौजूद मौजूद हैं। वहीं, बैठक में राकेश टिकैत पहुंच हैं, पहले उनकी ओर से युद्धवीर सिंह नैन के बैठक में शामिल होने की जानकारी सामने आ रही थी। बैठक में इस बात की समीक्षा की जा रही है कि सरकार ने उनकी मांगों पर जो सहमति जताई थी, उस पर कितना काम हुआ। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय से इतर जो संगठन पंजाब के चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं, उनको लेकर भी कोई फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा कुछ किसान नेता एमएसपी पर बनी कमेटी को भंग करने की भी मांग कर रहे हैं।
विदित रहे कि तीन नये कृषि कानूनों को रद करने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने आदि मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में एक साल से अधिक अधिक समय पर कुंडली बार्डर पर प्रदर्शन किया गया था। कानूनों को निरस्त करने के साथ ही अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद 11 दिसंबर, 2021 को संयुक्त मोर्चा ने प्रदर्शन समाप्त करते हुए घर वापसी की थी। घर वापसी से पहले मोर्चा ने 15 जनवरी को फिर से बैठक कर उनकी मांगों के संबंध में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा का ऐलान किया था।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने बताया कि कुंडली बार्डर पर मोर्चा के कार्यालय में बैठक होगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि कानून रद करने के अलावा आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के स्वजनों को मुआवजा आदि उनकी प्रमुख मांगें थीं। इसको लेकर अब तक क्या कार्रवाई हुई, बैठक में इसकी विशेष रूप से समीक्षा की जाएगी और फिर आंदोलन की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी।
दिल्ली में शुक्रवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी द्वारा लिए गए अहम निर्णय
- चुनावों में भाजपा के विरोध से बचेगा संयुक्त किसान मोर्चा
- दिल्ली में हुई मोर्चा की कोर कमेटी में बनी सहमति के मुद्दों पर शनिवार सिंघु बार्डर की बैठक में लिया जाएगा अंतिम निर्णय
- सरकार के लिए तैयार होगा एमएसपी पर कमेटी गठन सहित पुरानी मांगों संबंधी स्मरण पत्र का ड्राफ्ट
- चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन और नेताओं को संयुक्त किसान मोर्चा से दिखा जाएगा बाहर का रास्ता