जैन समाज द्वारा सादगी एवं श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है तप, त्याग एवं साधना का पर्व ‘पर्युषण महापर्व’ का उत्सव
[highlight]”पर्युषण महापर्व का उत्सव क्षुल्लक 105 श्री समर्पण सागर जी ने भादो माह में 10 सितम्बर से शुक्ल पक्ष पंचमी से चौदस तिथि तक जैन धर्म के विशेष पर्व पर्युषण पर्व प्रारम्भ होते हैं।” [/highlight]: श्रीमती मधु जैन
आकाश ज्ञान वाटिका, 8 सितम्बर, बुधवार, देहरादून। पर्युषण महापर्व का उत्सव क्षुल्लक 105 श्री समर्पण सागर जी ने भादो माह में 10 सितम्बर से शुक्ल पक्ष पंचमी से चौदस तिथि तक जैन धर्म के विशेष पर्व पर्युषण पर्व प्रारम्भ होते हैं।
जैन धर्म में इन पर्व का विशेष महत्त्व है। पर्युषण पर्व में उत्तम क्षमा, मार्दव, आजर्व, सत्य शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन् ब्रहमचर्य व्रत पर्व होते हैं। जैन समाज प्रत्येक वर्ष इनको भक्ति भाव से मनाता है। परन्तु इस समय सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर यह पर्व सूक्ष्म रूप से मनाए जायेंगे।
जैन अनुयायी इन दिवसों में तप त्याग कर साधना करते हैं। इस वर्ष देहरादून में प्रिंस चौक पर स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर एवं जैन भवन में विराजमान परम पूज्य आचार्य श्री 108, विबुद्ध सागर जी महाराज एवं परम पूज्य क्षुल्लक रत्न 105 श्री समर्पर्ण सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में यह पर्व कोरोना की गाइडलाइन ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा।
इस भक्ति भरे पर्व में भगवान की आराधना करते हुए यही भावना भाए की हे भगवान इस समस्त संसार में शान्ति हो एवं कोरोना नामक महामारी से सम्पूर्ण विश्व को निजात मिले सभी प्राणीयों का कल्याण हो। चहुँ ओर शान्ति हो। आगामी आने वाले इन 10 दिनों में नित्य नियम पूजा प्रक्षाल सायं कालीन आरती सांस्कृतिक कार्यक्रम महाराज श्री के प्रवचन इत्यादि देहरादून के सभी जैन मंदिरों में नित्य प्रतिदिन किए जायेंगे भक्तों द्वारा इन 10 दिन में व्रत उपवास भी किए जायेंगे। इन दिनों मंदिरों की साज-सज्जा का मनोरम दृश्य देखने बनता।
इस अवसर पर व्यवस्थापक साधु सेवा समिति संदीप जैन, सयोजक आशीष जैन, अर्जुन जैन, महामंत्री हर्ष जैन, साधु सेवा सयोजक अजित जैन, अमित जैन आदि उपस्थित रहे ।