दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव – पिछले साल की अपेक्षा इस बार मतदान कम रहा
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के नतीजे जल्द ही सामने आने वाले हैं। शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से मतगणना शुरू कर दी गई थी और अब नतीजे घोषित होने में बस थोड़ा ही समय बाकी बचा है। यहां पर बता दें कि इस बार मतदान फीसद कम रहा। पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब पांच फीसद कम मतदान हुआ। इस बार सुबह और शाम के कॉलेजों कों मिलाकर कुल मतदान फीसद 39.90 रहा, जबकि पिछले साल 2018 में यह आंकड़ा 44.46 फीसद था।
-आज सुबह साढ़े आठ बजे से मतगणना शुरू कर दी गई थी और उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक नतीजे सामने आ जाएंगे।
-वर्ष 2016 (36 फीसद) के बाद मतदान इस बार 40 फीसद से नीचे गया है।
– मतदान के लिए स्टूडेंट्स यूनियन पोल्स के लिए 144 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया गया जबकि 137 मशीनें कॉलेज यूनियन पोल्स के लिए लगाई गई थीं।
– पिछले साल मतदान का आकड़ा 44.46 था, जबकि इस बार पांच फीसद कम यानी 39.90 फीसद है।
– मतगणना केंद्र के बाहर पर्दा लगाया गया है, जिससे बाहर के लोग भीतर न देख सकें।
– एबीवीपी और एनएसयूआई ने किया चारों सीटों पर जीत का दावा।
– काउंटिंग बूथ के बाहर प्रमुख संगठन एबीवीपी और एनएसयूआइ के एजेंट मौजूद हैं।
– मतगणना से पूर्व ही खासकर एनएसयूआइ और एबीवीपी का कार्यकर्ता जुटने लगे।
– दोनों संगठनों के उम्मीदवारों के साथ साथ समर्थकों का भी पहुंचना शुरू
– 12 बजे तक परिणाम आने की उम्मीद।
– 10:30 बजे तक आ सकता है पहला रुझान।
– 9 बजे के आसपास मतगणना का कार्य शुरू हुआ।
– 2018 में एबीवीपी के साथ तीन तो एक सीट एनएसयूआई के पास थी।
एनएसयूआइ ने डीयू प्रशासन और एबीवीपी पर लगाए आरोप
डूसू चुनाव में एनएसयूआइ ने डीयू प्रशासन और एबीवीपी पर आरोप लगाए हैं। एनएसयूआइ के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीरज मिश्र ने कहा कि डूसू के संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार अभिषेक चपराना को गुरुवार को दयाल सिंह कॉलेज में पुलिस ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने एनएसयूआइ के आरोपों को गलत बताया है। पुलिस का कहना है कि आचार संहिता के तहत चुनाव के दौरान कोई भी वोट नहीं मांग सकता है, जबकि अभिषेक दयाल सिंह कॉलेज के बाहर वोट मांग रहे थे। इसलिए उन्हें सिर्फ एक जगह पर बैठाया गया था। उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप गलत है। नीरज ने कहा कि आर्यभट्ट कॉलेज में ईवीएम मशीन में खराबी आई थी। एनएसयूआइ के सचिव पद के उम्मीदवार आशीष लांबा के बैलेट नंबर को दबाने पर ईवीएम में लाइट नहीं जल रही थी। इससे साफ है कि डीयू प्रशासन एनएसयूआइ को हराने में जुटा है। एबीवीपी को जिताने के लिए ऐसे काम किए जा रहे हैं। एबीवीपी ने कहा कि एनएसयूआइ को एक बार फिर हार का डर सता रहा है, इसलिए ऐसे आरोप लगाए गए हैं। वहीं, डीयू चुनाव समिति ने कहा कि सभी कॉलेजों में पोलिंग बूथों पर ईवीएम ठीक तरह से चल रही थीं। उनमें किसी भी तरह की समस्या नहीं आई है।
दिव्यांग छात्रों ने दिखाया उत्साह
डूसू चुनाव में दिव्यांग छात्रों ने उत्साह दिखाया। मताधिकार के जरिये कॉलेजों की व्यवस्था सुधारने की उम्मीद से नॉर्थ कैंपस में पहुंचे। उनकी सुविधा के लिए पोलिंग बूथ पर रैंप बनाए गए थे। दिव्यांग छात्रों ने लाइब्रेरी व कॉलेजों में पानी के मुद्दे पर वोट दिया। उन्होंने कहा कि डीयू के कॉलेजों में काफी समय से पानी की समस्या है। ऊपरी तलों पर पहुंचने के लिए लिफ्ट भी खराब है।
बृहस्पतिवार को सुबह के कॉलेजों में छात्र मतदान करने के लिए पहुंचे, लेकिन बीते सालों की तुलना में ज्यादा उत्साह नजर नहीं आया। डीयू के सुबह के कॉलेजों में औसत मतदान करीब 40 फीसद तक रहा, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 43.8 फीसद था। किरोड़ीमल कॉलेज में 5545 छात्र पढ़ते हैं, जबकि महज 2186 छात्रों ने वोट दिया। हिंदू कॉलेज में करीब 4400 छात्र हैं, जिनमें से 2589 ने मतदान किया। हंसराज कॉलेज में करीब पांच हजार छात्र हैं, जिनमें से 2500 छात्रों ने वोट दिया। अन्य कॉलेजों में भी कम मतदान हुआ। श्री अर¨बदो कॉलेज में मतदान फीसद 33.14 रहा। श्यामलाल कॉलेज (इवनिंग) में 41 फीसद और श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में 32 फीसद मतदान हुआ। डूसू चुनाव समिति के अनुसार इस बार 39.90 फीसद मतदान हुआ।
कॉलेजों में दर्ज की जीत
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का कहना है कि उसने 30 कॉलेजों के छात्रसंघ चुनाव में जीत दर्ज की है। इनमें श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, विवेकानंद कॉलेज, हंसराज, भास्कराचार्य कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, शिवाजी कॉलेज , रामलाल आनंद कॉलेज, सत्यवती कॉलेज (मॉर्निग), लक्ष्मी बाई कॉलेज शामिल हैं। डूसू चुनाव में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अक्षित दहिया ने कहा कि सभी कॉलेजों में छात्रों से संपर्क किया गया था। एबीवीपी के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रदीप तंवर ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव में प्रचार के दौरान हम छात्रों के बीच सकारात्मक एजेंडा लेकर गए और उसका प्रभाव दिखा। संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार शिवांगी खरवाल ने कहा कि यह डीयू में छात्रओं की बढ़ती सहभागिता का संदेश है।