40 साल की लम्बी एवं गरिमामयी राष्ट्र सेवा के उपरांत आज 4 जून 2021 को सेवामुक्त हो रहा, आईएनएस संधायक (INS Sandhayak, J-18)
आकाश ज्ञान वाटिका, 4 जून 2021, शुक्रवार, देहरादून। भारतीय जल सर्वेक्षण विभाग, मुख्य जल सर्वेक्षक, भारत सरकार के नेतृत्व में सर्वेक्षण का कार्य करता है, जिसके लिए उच्च प्रशिक्षण प्राप्त सर्वेक्षक एवं सर्वे अभिलेखकों की टीम पूरे जज्बे के साथ काम करती है। जल सर्वेक्षण के कार्य हेतु भारतीय नौ सेना सर्वेक्ष्ण पोत होते हैं जो उच्च क्वालिटी के सर्वेक्षण उपकरणों एवं यंत्रों से परिपूर्ण होते हैं। ये पोत जल सर्वेक्षण एवं चुनौतियों के आधार पर बेहतर आधुनिक तकीनीकी से डिज़ाइन किये जाते हैं।
भारतीय जल सर्वेक्षण का मुख्यालय, नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (NHO) उत्तराखंड के देहरादून शहर में स्थित है। भारतीय नौ सेना सर्वेक्ष्ण पोत विभिन्न सर्वेक्षण कार्यों को संपन्न करने हेतु पूर्वी नौ सेना कमान, पश्चिमी नौ सेना कमान एवं दक्षिणी नौ सेना कमान के अंतर्गत विशाखापत्तनम, मुंबई, कोच्ची, मैंगलोर आदि बंदरगाहों पर तैनात रहते हैं।
भारतीय नौ सेना सर्वेक्ष्ण पोत आईएनएस संधायक (INS Sandhayak, J-18) 26 फरवरी, 1981 को कमीशन हुआ और 40 साल की लम्बी एवं गरिमामयी राष्ट्र सेवा के उपरांत आज 4 जून 2021 को सेवामुक्त हो रहा। इस जहाज की परिकल्पना तत्कालीन चीफ हाइड्रोग्राफर, रियर एडमिरल एफ.एल. फ्रेजर ने की थी, जिन्होंने भारत में इस हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत का डिजाइन और निर्माण भी किया था। विदित रहे कि नौसेना मुख्यालय द्वारा डिजाइन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इस जहाज का निर्माण वर्ष 1978 में कील बिछाकर जीआरएसई कोलकाता में शुरू हुआ था। जहाज को भारतीय नौसेना में 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एम.के. रॉय द्वारा कमीशन किया गया था, जो तत्कालीन फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (FOC-in-C) पूर्वी नौसेना कमान (Eastern Naval Command) थे। कमीशनिंग के समय से ही यह जहाज अपनी अल्मा-मेटर रहा है। इसके साथ ही प्रायद्वीपीय जल के पूर्ण हाइड्रोग्राफिक कवरेज की नींव रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जहाज को डिजाइन करना एक बड़ी सफलता थी, जिसने भारतीय नौसेना के सभी सर्वेक्षण जहाजों के लिए हाल ही में संशोधनों में मार्ग प्रशस्त किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेवा में रहते हुए इस जहाज ने लगभग 200 प्रमुख हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किए हैं और देश के पूर्वी-पश्चिमी तटों, अंडमान समुद्र और पड़ोसी देशों में भी कई छोटे सर्वेक्षणों में अहम भूमिका निभाई।
संधायक श्रेणी के कुल आठ हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत हैं, जिनमें से चार पोत, आईएनएस संधायक (INS Sandhayak, J-18), आईएनएस इन्वेस्टिगेटर (INS Investigator, J-15), आईएनएस निर्देशक (INS Nirdeshak, J-19), एवं आईएनएस निरुपक (INS Nirupak, J-20) का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), कोलकाता में तथा आईएनएस सर्वेक्षक (INS Sarveshak, J-22), आईएनएस जमुना (INS Jamuna, J-16), आईएनएस दर्शक (INS Darshak, J-21) एवं आईएनएस सतलज (INS Sutlej, J-17) का निर्माण गोवा शिपयार्ड में हुआ। आईएनएस निर्देशक (INS Nirdeshak, J-19), 19 दिसंबर 2014 को सेवामुक्त हो चुका है। सभी हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत, चार सर्वे मोटर बोट्स, चेतक हेलीकाप्टर डेक, एक बोफोर्स 40 mm गन एवं उच्च क्वालिटी के आधुनिक सर्वे यन्त्र एवं उपकरणों से सुसज्जित रहते हैं।
आईएनएस संधायक (INS Sandhayak, J-18) आधुनिक सर्वेक्षण उपकरण (Hydographic Surveying Equipments) & Instruments), पथ प्रदर्शक (Navigational Equipments) एवं संचार प्रणाली (Communication System) से सुसज्जित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत है जो उथला तटीय (Shallow Coastal) एवं गहरे समुद्री (Deep Ocean) में सर्वेक्षण कार्य करने के साथ-साथ समुद्र विज्ञान (Oceanographic) और भू-भौतिकीय (Geophysical) डाटा एकत्रित करने के लिए उपयुक्त है।
40 सालों तक समुन्द्र के चप्पे चप्पे पर पानी के ऊपरी सतह एवं पानी के अंदर यहाँ तक कि समुद्र की तलहटी पर पैनी नजर रखने वाला, पोत संधायक (INS Sandhayak, J-18) आज 4 जून 2021 को जल सर्वेक्षण परिवार से विदाई ले रहा है। पोत में बिताये अपने सुनहरे दिनों को याद कर, उन सभी लोगों को यह सर्वेक्षण पोत हमेशा याद आता रहेगा।
नेवल डॉकयार्ड विशाखापत्तनम में आईएनएस संध्यायक का सेवामुक्ति समारोह आयोजित किया जायेगा। कोरोना प्रोटोकॉल के चलते इस महत्वपूर्ण समारोह में केवल इन-स्टेशन (विशाखापत्तनम) में उपस्थित अधिकारी और नाविक ही शामिल हो सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जायेगा।
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मैं, घनश्याम चन्द्र जोशी, स्वयं इस नौ-सेना पोत संधायक (INS Sandhayak, J-18) से 31 जुलाई 1999 में विशाखापत्तनम से सेवानिवृत्त हुआ। मैं INS Sandhayak में अपनी सेवायें दे चुके समस्त जल सर्वेक्षण परिवार के सदस्यों एवं सम्पूर्ण नौ -सेना परिवार को इस अवसर पर हार्दिक शुभ कामनायें देता हूँ। हमेशा याद आयेंगे भारतीय नौसेना में बिताये शानदार एवं गौरवशाली दिन।[highlight] हमेशा याद रहेगा, आईएनएस संधायक (INS Sandhayak, J-18)[/highlight]
जय हिन्द ! जय जवान ! भारतीय नौ-सेना की जय !
SALUTE TO INS SANDHAYAK
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