आई.एम.ए. में बहु प्रतीक्षित दो अण्डरपास का रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने किया शिलान्यास, मुख्यमंत्री सहित शासन के उच्चाधिकारी रहे मौजूद
- 40 वर्षों का इन्तजार हुआ समाप्त, आई.एम.ए. में बहु प्रतीक्षित दो अण्डरपास का रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने किया शिलान्यास।
- मुख्यमंत्री सहित शासन के उच्चाधिकारी रहे मौजूद।
- अण्डरपासों की कुल लागत रूपये 44.21 करोड़, दो साल में बनकर होंगे तैयार।
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आकाश ज्ञान वाटिका, सोमवार, 28 सितम्बर 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। आज, 28 सितम्बर, सोमवार को रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी परिसर में रूपये 44.21 करोड़ लागत के क्रमश 354.45 मी० तथा 407.34 मी० लम्बे दो अंडरपास का शिलान्यास किया।
[box type=”shadow” ]रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी के निकट अंडरपास की माँग दशकों से चली आ रही थी लेकिन अब जाकर इस पर कार्य शुरू हुआ है। अंडरपास के बनने से एनएच-72 पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि आई.एम.ए. जैसे विश्वसनीय, विश्वस्तरीय संस्थान को दो अण्डरपास के लिये इतना लम्बा इंतजार किया जाना बड़ी विडम्बना है। अण्डरपास निर्मित होने के बाद आई.एम.ए. के कैम्पस आपस में जुड़ सकेंगे तथा संस्थान को अपनी गतिविधियों के संचालन में सुविधा होगी। इन अंडरपास के निर्माण से न केवल उत्तराखण्ड की जनता को, बल्कि, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा आने-जाने वाले यात्रियों को भी बड़ा लाभ होगा। साथ ही कैडेट्स के आवागमन और ड्रिल में भी व्यवधान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दिसम्बर में आई.एम.ए. पासिंग आउट परेड में उनके द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान की थी। उन्होंने कहा कि यदि दो साल के बजाय पौने दो साल में ये अण्डर पास बनकर तैयार हो जायेंगे तो वे इनके उद्घाटन के लिए भी आयेंगे तथा इसमें कार्य करने वालों को सम्मानित भी करेंगे। रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि नियत ठीक हो, संकल्प पक्का हो तो किसी भी कार्य को पूर्ण करने में कठिनाई पैदा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि देरहादून में ट्रेफिक बढ़ रहा है, इस दृष्टि से भी इन अण्डपासों की नितांत जरूरत महसूस की जा रही थी।[/box]
[box type=”shadow” ]मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वर्ष 1978 से इसकी आवश्यकता महसूस की जाती रही है। गतवर्ष पासिंग आउट परेड के अवसर पर इन अण्डरपासों के महत्व पर केन्द्रीय मंत्री से उनके द्वारा चर्चा करने पर उन्होंने इसकी घोषणा की थी जो आज साकार हो रही है। इसके लिए आवश्यक धनराशि रूपये 44.21 करोड़ की भी स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष आई.एम.ए. के दीक्षान्त समारोह के अवसर पर राज्य सरकार को भी सुरक्षा आदि की चिन्ता रहती थी। अब सैन्य अधिकारियों को आई.एम.ए. की गतिविधियों के संचालन में सुविधा होगी तथा स्थानीय लोगों को भी आवागमन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इससे सुरक्षात्मक कारणों पर भी चिन्ता कम हो जायेगी। उन्होंने इसे न केवल सैन्य दृष्टि से बल्कि आम जनता के हित में सुकून भरा निर्णय बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वस्तरीय सैन्य प्रशिक्षण संस्थान से तैयार होने वाले जांबाज योद्धाओं ने अपनी वीरता और पराक्रम से देश की सुरक्षा एवं सम्मान को अक्षुण्ण बनाए रखा है। जाहिर है इस महान उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कठोर प्रशिक्षण की आवश्यकता है। और प्रशिक्षण के लिए संसाधनों व सुविधाओं का होना भी उतना ही जरूरी होता है।
उन्होंने कहा कि 40 सालों से इस अकादमी के परिसरों को आपस में जोड़ने के लिए भूमिगत मार्गों के निर्माण की माँग की जा रही थी। परिसरों के बीच से गुजरने वाले व्यस्तम राष्ट्रीय राजमार्ग के कारण अकादमी की प्रशिक्षण गतिविधियों में व्यवधान हो रहा था। वहीं, दूसरी ओर इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता था। इस कारण इन भूमिगत मार्गों का निर्माण किया जान अति आवश्यक था।[/box]
इस अवसर पर आई.एम.ए. के समादेशक ले० ज० जयवीर सिंह नेगी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आई.एम.ए. के तीन परिसरों नार्थ, सेन्ट्रल व साउथ की सुरक्षा दृष्टि से तथा एन.एच.-72 तथा रांझावाला मीठीबेरी सड़क पर यातायात का सुचारू रूप से संचालन के लिये भगत गेट एवं पी.टी. गेट पर निर्मित होने वाले क्रमशः 354.45 मी० तथा 407.34 मी० लम्बे अण्डरपास के लिए पिछले 40 वर्षों से प्रयास किये जा रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे आई.एम.ए. का नार्थ, सैन्ट्रल तथा साउथ क्षेत्र आपस में जुड़ जायेगा तथा एन.एच. एवं लो.नि.वि. की सडक पर यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सकेगा।
इस अवसर पर ले० ज० के.के. खन्ना, मे० ज० आर.एस. ठाकुर, ब्रिगेडियर सुजीत नारायण, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूड़ी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।