किस जोन में मिलेगी किस तरह की छूट और क्या हैं पाबंदियाँ, जानिए ?
आकाश ज्ञान वाटिका, २ मई २०२०, शनिवार। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 2 सप्ताह के लिए बढ़ाया गया है। हालांकि, इस बार ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में पहले से अधिक छूट दी जाएगी। शारीरिक दूरी (फिजिकल डिस्टेंसिंग) के नियम पहले की तरह जारी रहेंगे। ट्रकों और मालवाहक वाहनों को किसी पास की जरूरत नहीं होगी! स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में रेड जोन के तहत 130 जिले, ऑरेंज जोन के तहत 284 जिले और ग्रीन जोन के तहत 319 जिलों को रखा गया है। हर सप्ताह इसका आकलन किया जाएगा और संक्रमित मामलों के अनुसार जोन में बदलाव होगा।
गृहमंत्रालय की ओर से रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि रेड जोन में कई तरह के प्रतिबंध होंगे। ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में काफी छूट दी गई है। जानें किस जोन में है आपका जिला ? और किस जोन में मिलेगी किस तरह की छूट ?
ये पाबंदियां 17 मई तक सभी जगह लागू होंगी
- लॉकडाउन-3 के दौरान पूरे देश में शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक जरूरी सेवाओं को छोड़कर लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान लोगों की आवाजाही रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन धारा-144 लागू कर सकता है।
- इस दौरान रेल, हवाई, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस सेवाएं नहीं चलेंगे।
- स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, बार, सिनेमा हॉल, मॉल आदि बंद रहेंगे।
- धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पहले की तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
- पूरे देश में 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गो और 10 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी। वे सिर्फ जरूरी काम से या फिर इलाज के लिए बाहर जा सकते हैं। लेकिन राहतों का पैकेज भी कम नहीं होगा।
- रेड जोन में सीमित सेवाएं हासिल होंगी। लेकिन ग्रीन और आरेंज जोन में केंटेनमेंट एरिया और उसके चारों ओर बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में नाई की दुकान, शराब, सिगरेट, पान, गुटका और तंबाकू की दुकानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। ग्रीन जोन में तो माल भी खुलेंगे।
जाहिर है कि देश का बड़े हिस्से में कारोबार शुरू हो जाएगा। हर सप्ताह इसकी समीक्षा होगी। वस्तुत: लाकडाउन खोलने का क्रम फेज तीन से शुरू हो जाएगा। नए दिशानिर्देश में रेड, आरेंज और ग्रीन जोन के लिए अलग-अलग राहत का ऐलान किया है। इनमें शहरी और ग्रामीण इलाके में अलग-अलग राहत दी गई है। अभी तक रेड जोन वाले जिले में किसी भी तरह की गतिविधि की इजाजत नहीं थी। लेकिन अब कंटेनमेंट एरिया और उसके चारे ओर के बफर जोन को छोड़कर बाकी जिले में कई गतिविधियों की अनुमति दे गई है।
रेड जोन का मतलब और लॉकडाउन में पाबंदी
- ये जोन सबसे खतरनाक है। रेड जोन का अर्थ है कि यहां पर संक्रमण की चपेट में कई लोग आ चुके हैं और इसके बढ़ने या यहां की वजह से कहीं दूसरी जगह संक्रमण के बढ़ने की आशंका काफी अधिक है। रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण सक्रिय मामलों की कुल संख्या, पुष्टि किए गए मामलों की दर को दोगुना करने, जिलों से परीक्षण और निगरानी फीडबैक की सीमा को ध्यान में रखेगा।
अनुमति और पाबंदियां
- रेड जोन में रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और ओला, उबर जैसी टैक्सी को चलाने की इजाजत नहीं होगी। यहां सैलून, स्पा, ब्यूटी पार्लर भी नहीं खुलेंगे और साथ ही यहां बसें भी नहीं चलेंगी।
- यहां निजी वाहन से कुछ सेवाओं के लिए लोगों को आने-जाने की अनुमति होंगी। लेकिन कार में ड्राइवर के अलावा केवल दो लोग ही बैठ सकेंगे। दोपहिया वाहन की स्थिति में केवल चलाने वाले को ही आने-जाने की अनुमति होगी।
- एसईजेड (स्पेशल इकोनॉमिक जोन)और ईओयू (एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स) के साथ-साथ औद्योगिक शहरों और क्षेत्रों को कामकाज के लिए पूरी तरह छूट दे दी गई है।
- इसके साथ ही जरूरी सामान, दवा, मेडिकल उपकरण और उनके लिए अन्य सामान बनाने इकाइयां समेत पूरे सप्लाई चैन के साथ ही आइटी हाडवेयर की इकाइयों को भी छूट दी गई है।
- मजदूर आधारित जुट और पैकेजिंग उद्योग को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन की शर्त के साथ काम करने छूट होगी।
- प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, आइटी सेवाओं, कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउसिंग सेवाओं और निजी सुरक्षा गार्ड को काम करने की छूट दी गई है।
शहरी रेड जोन के लिए विशेष प्रावधान
- केवल वही कंस्ट्रक्शन का काम होगा, जहां मजदूरों के रहने की व्यवस्था होगी। वे बाहर से मजदूर लाकर काम नहीं कर सकेंगे।
- मॉल और बाजार बंद रहेंगे। लेकिन कालोनी, रिहाइशी और अलग-थलग वाली सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दे गई है। इनमें जरूरी और गैर-जरूरी का अंतर नहीं किया गया है।
- ई-कामर्स को केवल जरूरी सामान सप्लाई करने की अनुमति होगी। गैर-जरूरी सामान बेचने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
- सभी निजी आफिस को खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन केवल 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम करेंगे। बाकि स्टाफ घर से काम करेगा।
- सभी सरकारी आफिस खुले रहेंगे, जहां उप सचिव से ऊपर के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे, लेकिन बाकि स्टाफ में केवल 33 फीसदी से काम चलाना होगा।
- रक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, जेल, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, फायर सर्विस, आपदा प्रबंधन, एनआइसी, कस्टम, एफसीआइ एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और नगर निगम को पूरी छूट रहेगी।
ग्रामीण इलाके रेड जोन में छूट
- ग्रामीण इलाके में स्थिति रेड जोन वाले जिले में में कंटेनमेंट एरिया और बफर जोन को छोड़कर पूरे जिले में सभी तरह की आर्थिक और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों की छूट होगी, जिनमें मनरेगा, फूड प्रोसेसिंग इकाइयां और ईट-भट्टा शामिल हैं।
- सभी दुकानें और मॉल खुलेंगे और कृषि से जुड़ी किसी भी गतिविधि पर कोई रोक नहीं होगी।
- बैंक, इंश्योरेंस समेत सभी तरह की फाइनेंशिल गतिविधियों पूरी तरह चालू रहेंगी।
- आंगनबाड़ी समेत महिलाओं, विधवाओं, बुजुर्गो और बच्चे की देखभाल के लिए बने विशेष आश्रमों को काम करने की छूट दी गई है।
- यहां कूरियर और पोस्टल सेवाओं की भी इजाजत होगी।
ओरेंज जोन का मतलब और लॉकडाउन में क्या-क्या बंदी
- वे जिले, जिन्हें न तो लाल और न ही हरे रंग के रूप में परिभाषित किया गया है, को ऑरेंज ज़ोन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। जब किसी रेड जोन क्षेत्र में 14 दिन तक कोई नया केस नहीं मिलता तो उसे रेड से बदलकर ऑरेंज जोन में शिफ्ट कर दिया जाता है। इस तरह के जोन में वो इलाके या जिले आते हैं जहां से संक्रमण के कुछ मामले निकलकर सामने आते हैं।
अनुमति
- रेड जोन में प्रतिबंधित ओला, उबर जैसी टैक्सी को भी आरेंज में चलाने की छूट दी गई है। लेकिन वे केवल एक ही पैसेंजर को बिठा सकेंगे।
- यहां दोपहिया वाहन पर पीछे सवारी बिठाने की इजाजत की गई है, जो रेड जोन में नहीं है।
- कुछ सेवाओं के लिए लोगों को एक-से-दूसरे जिले में आने-जाने की अनुमति होगी।
- बसों को यहां भी चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी
ग्रीन जोन का मतलब और लॉकडाउन में पाबंदी
- ग्रीन जोन में वह जिले शामिल होंगे जहां अभी तक कोई मामला नहीं आया या पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला नहीं। इस जोन का अर्थ संक्रमण मुक्त है। हालांकि इस दौरान कहीं भी भीड़ इकट्ठा होने या सोशल डिस्टेंसिंग की बात माननी जरूरी है। ग्रीन जोन के अंदर भी जिन लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा उन्हें किसी भी तरह के मेल जोल की इजाजत नहीं होती।
अनुमति
- ग्रीन जोन वाले इलाके में राष्ट्रीय स्तर पर लागू प्रतिबंधों के अलावा कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
- सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों की यहां पूरी तरह छूट होगी।
- यहां 50 फीसदी सवारी के साथ बसें चलाने की अनुमति होगी। वे ग्रीन जोन वाले जिले से दूसरे ग्रीन वाले जिले में भी आ जा सकेंगी।
- माल समेत सभी तरह की दुकाने खुलेंगी- ई- कामर्स से भी सभी सामानों की डिलीवरी होगी
ग्रीन जोन की शर्त को बदल दिया
गृहमंत्रालय की ओर से लॉकडाउन-तीन के लिए गाइडलाइंस जारी करने के पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग्रीन जोन की शर्त को बदल दिया है। पहले उन जिलों को ग्रीन जोन में माना जाता था, जिनमें पिछले 28 दिन से कोरोना का कोई केस नहीं आया हो। लेकिन अब इसे घटाकर 21 दिन कर दिया गया है। इस तरह अब देश में कुल 319 जिले ग्रीन जोन में आ गए हैं और केवल 130 जिले ही रेड जोन में हैं। बाकि बचे 284 जिले आरेंज जोन में हैं।
कंटेनमेंट एरिया क्या है ?
वैसे तो केंद्र ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए कंटेनमेंट एरिया तय करने का अधिकार स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दिया है। लेकिन वह शहरी इलाके में किसी बिल्ंिडग से छोटा और पूरे शहर से बड़ा नहीं हो सकता है। सुविधानुसार प्रशासन किसी मोहल्ले, थाना या निगम के एरिया को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर सकता है। इसी तरह ग्रामीण इलाके में यह कम-से-कम पूरा गांव और अधिक-से-अधिक एक ब्लॉक तक हो सकता है। कंटेनमेंट एरिया में रहने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप का मोबाइल में डाउनलोड करना होगा, ताकि कोरोना के फैलने की आशंकाओं पर कड़ी नजर रखी जा सके।
रेलवे ने स्पेशल ट्रेन से आवाजाही की अनुमति दी
सरकार ने फंसे हुए छात्रों, प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों आदि को स्पेशल ट्रेन से आवाजाही की अनुमति दी है। इसके तहत आज छह स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है। आगे भी रेल मंत्रालय और राज्यों के अनुरोध पर एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए ट्रेन चलाई जा सकती है लेकिन सामान्य तौर पर ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी।
राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दी थी लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह
प्रधानमंत्री मोदी के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन पर चर्चा की थी। अधिकतर की राय थी कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन जारी रहे। हालांकि, कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के साथ आर्थिक गतिविधियों को शर्तों और सावधानियों के साथ चालू करने पर जोर दिया था।