स्वच्छ महोत्सव में तीसरा ‘‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’’ बना उत्तराखण्ड
[box type=”shadow” ]स्वच्छ महोत्सव में तीसरा ‘‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’’ बना उत्तराखण्ड
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- स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के परिणाम जारी, उत्तराखण्ड के निकायों का शानदार प्रदर्शन।
- श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने प्राप्त किये राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार।
- मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई दी।
आकाश ज्ञान वाटिका, गुरुवार, 20 अगस्त 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण -2020’’ में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार प्राप्त किए गए। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में ‘‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’’ से तीसरा स्थान प्राप्त किया। नगर पंचायत नंदप्रयाग ने देशभर की एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में से ‘‘सिटिजन फीडबैक श्रेणी’’ में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। छावनी क्षेत्र अल्मोड़ा द्वारा ‘‘सिटिजन फीडबैक श्रेणी’’ में तीसरे स्थान पर रह कर राज्य को तीसरा पुरस्कार दिलवाया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने ये पुरस्कार प्राप्त किये ।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए कहा कि निकायों इसी मनोयोग से आगे कार्य करना होगा। स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाईश है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरों एवं निकायों की रैंकिंग में अच्छा सुधार हुआ है। इसमें और बेहतर प्रदर्शन किये जाने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वच्छता के बल पर हम अनेक बीमारियों से बचाव सकते हैं।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों हेतु अत्यधिक गंभीरता से कार्य कर रही है। नगर निकायों को और भी अधिकार सम्पन्न बनाने एवं उनकी आय अर्जन के नए स्रोतों के विकास हेतु भी राज्य पर लगातार किया गया है। हमने निकायों को कहा कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कार्य किए जाएं। यहां तक कि 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों हेतु उपलब्ध करवाने संबंधी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारे प्रदर्शन पर पड़ा है।
नगरीय स्वच्छता की अखिल भारतीय प्रतियोगिता ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के बहुप्रतीक्षित नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। इस ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण’’ में उत्तराखण्ड राज्य की नगरीय निकायों तथा छावनी परिषदों द्वारा विभिन्न श्रेणियों में शानदार प्रदर्शन किया गया है। आज ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2020’’ के परिणामों तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2021’’ का टूलकिट जारी करते हुए मा० केन्द्रीय मंत्री, आवसन और शहरी कार्य मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार, श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुरस्कार वितरित किए गए। वर्षभर चलने वाली इस राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया में देशभर के 4242 नगरों एवं 62 केन्ट बोर्ड द्वारा प्रतिभाग किया गया। गत वर्ष तक ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण’’ के परिणामों को राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष कोविड -19 संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में इस आयोजन को एन०आई०सी० के सहयोग से वर्चुअल प्लेटफार्म पर ऑनलाईन आयोजित किया गया।
एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखण्ड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। वर्ष 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का स्थान 384वां, रूड़की का 281वां, काशीपुर का 304वां, हल्द्वानी का 350वां, हरिद्वार का 376वां एवं रूद्रपुर का 403वां स्थान था। जबकि 2020 में देहरादून का 124वां, रूड़की का 131वां, काशीपुर का 139वां, हल्द्वानी का 229वां, हरिद्वार का 244वां एवं रूद्रपुर का 316वां स्थान आया है। 50 हजार से अधिक एवं एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर का नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां एवं पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है। 25 हजार से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां एवं सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है। 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनि की रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां एवं नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है। देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखण्ड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चौथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छटवां, गोपेश्वर ने आठवां, मुनि कि रेती ने 11 वां, बड़कोट ने 12वां , कर्णप्रयाग ने 13 वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20 वां, नन्दप्रयाग ने 22वां व टिहरी ने 28 वां स्थान प्राप्त किया।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक द्वारा राज्य की निकायों को बेहतर मार्गदर्शन करने तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ में उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य स्तरीय पी०एम०यू० टीम को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। अपर निदेशक शहरी विकास श्री अशोक कुमार पाण्डे, संयुक्त निदेशक श्री कमलेश मेहता, अधीक्षण अभियंता, श्री रवी पाण्डेय, राज्य मिशन प्रबंधक, श्री रवि शंकर बिष्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं आई०ई०सी० विशेषज्ञ, कमल भट्ट, एम०आई०एस० विशेषज्ञ, राकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक, उपेन्द्र सिंह तड़ियाल एवं अनुज गुलाटी को यह पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, नगर पंचायत अध्यक्ष नन्द्रप्रयाग श्रीमती हिमानी वैष्णव, सचिव शहरी विकास श्री शैलेश बगोली, निदेशक, शहरी विकास, श्री विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी चमोली श्रीमती स्वाती भदौरिया, जिलाधिकारी अल्मोड़ा श्री नितिन भदौरिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी छावनी परिषद् अल्मोड़ा श्रीमती आंकाक्षा तिवारी आदि उपस्थित थे।