मुंबई के केईएम अस्पताल में ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन “कोविशील्ड (Covishield)” का किया जाएगा मानव परीक्षण
- “अन्य देशों की तरह, भारत भी प्रयास कर रहा है और कोरोना से संबंधित तीन टीकों का ट्रायल अलग-अलग चरणों में चल रहा है।
कोरोना वायरस वैक्सीन को भारत में अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध करा दिया जायेगा।” : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ० हर्षवर्धन
आकाश ज्ञान वाटिका, 26 सितम्बर, 2020, शनिवार। जहाँ एक और कोविड-19 की वैश्विक महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है वही विश्वभर के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन को बनाने के लिए दिन रात प्रयासरत हैं। पूरे विश्व के साथ ही भारत में भी कोरोना से जंग जारी है। हर किसी को अब इंतजार है तो कोरोना वैक्सीन की। इसी बीच आज कोरोना वैक्सीन को लेकर एक राहत भरी खबर आयी है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के परेल स्थित के.ई.एम. अस्पताल (KING EDWARD MEMORIAL HOSPITAL) में ऑक्सफोर्ड की ओर से बनाई जा रही वैक्सीन कोविशील्ड का मानव परीक्षण किया जाएगा। ये परीक्षण तीन लोगों पर शनिवार को किया जाएगा। केईएम मुंबई का पहला सरकारी अस्पताल अस्पताल है जहाँ किसी वैक्सीन का मानव परीक्षण किया जाएगा। भारतीय औषधि महानियंत्रक (DGCI) से हरी झंडी मिलने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन (OXFORD COVID VACCINE) का क्लीनिकल ट्रायल एक बार फिर शुरू कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के केईएम अस्पताल में ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोरोना की वैक्सीन का मानव परीक्षण किया जाएगा।
इस बात की जानकारी देते हुए KING EDWARD MEMORIAL HOSPITAL के डीन ने अवगत कराया कि कोरोना वायरस के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन का अस्पताल में तीन व्यक्तियों पर मानव परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया किवैक्सीन के परीक्षण के लिए हमने 13 लोगों की स्क्रीनिंग की है। इनमें से तीन लोगों पर ‘कोविशील्ड’ का ट्रायल किया जाएगा। तत्पश्चात एक अन्य व्यक्ति को मानक परीक्षण प्रक्रिया के तहत प्लेसबो दिया जाएगा। यह ट्रायल आज शनिवार, 26 सितम्बर 2020 से शुरू होगा। यह वैक्सीन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ओर से बनाई जा रही है और इसका नाम कोविशील्ड (Covishield) दिया गया है। इस वैक्सीन को पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ने बनाया है।
विदित रहे कि सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनिका (Oxford-AstraZeneca) के साथ तैयार कर रही है। इससे पहले कोविड-19 के संभावित टीके का मानव पर तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में शुरू किया गया। इस महीने के शुरू में SII ने पूरे देश में टीके का परीक्षण रोक दिया था। भारत के औषधि महानियंत्रक ने 11 सितंबर को अगले आदेश तक एसआईआई द्वारा टीके के दूसरे एवं तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया था। यह कदम एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा एक स्वयंसेवी के अज्ञात कारणों से बीमार होने के बाद परीक्षण स्थगित करने के बाद उठाया गया था लेकिन डीसीजीआई ने 15 सितंबर को टीके का चिकित्सकीय परीक्षण दोबारा शुरू करने की अनुमति एसआईआई को दे दी थी।
सबसे खुसी एवं राहत भरी खबर देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ० हर्षवर्धन ने बताया है कि “कोरोना वायरस वैक्सीन को भारत में अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध करा दिया जायेगा।” केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा कि “अन्य देशों की तरह, भारत भी प्रयास कर रहा है और कोरोना से संबंधित तीन टीकों का ट्रायल अलग-अलग चरणों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, एक विशेषज्ञ समूह इन टीकों को देख रहा है और इसके स्थान पर उन्नत योजना बना रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक भारत में एक वैक्सीन जरूर उपलब्ध होगी।”