हरिद्वार : बहादराबाद थाने के सामने हरीश रावत का धरना जारी
अगर जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए हरकी पैड़ी के सामने लेटकर अपने प्राण भी दे दूंगा : हरीश रावत
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 अक्टूबर 2022, शनिवार, देहरादून। हरिद्वार बहादराबाद थाना परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का धरना जारी है। आज सुबह उठकर उन्होंने थाने के सामने ही योग शुरू कर दिया। हरीश रावत ने भजनों के साथ योग शुरू किया तो हर किसी का ध्यान उनकी ओर चला गया। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे निरस्त करने की मांग को लेकर बहादराबाद थाने में कांग्रेसियों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत के नेतृत्व में आयोजित धरने में शुक्रवार को कांग्रेसियों ने थाने के बाहर पशुओं को बांध दिया। पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी धरना स्थल पहुंचे।
बृहस्पतिवार को हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत, ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर और भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बहादराबाद थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया था। विधायकों का आरोप है कि पंचायत की मतगणना के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन पर दर्ज मुकदमे निरस्त करने की मांग की है। मांग को लेकर हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत रात भर थाने में ही धरने पर कार्यकर्ताओं के साथ डटी रहीं।
दूसरे दिन शुक्रवार को कार्यकर्ता भैंसा गाड़ी और बैल लेकर थाने परिसर में पहुंच गए। दिनभर उन्हें थाने के बाहर ही बांधकर रखा और शाम को वापस लेकर गए। पूरे दिन थाना परिसर में भीड़भाड़ रही। कलियर विधायक फुरकान अहमद ने कहा कि कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए लड़ाई जितनी भी लंबी चलेगी वह चलाएंगे। कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न नहीं होने देंगे।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अब या तो हरिद्वार से उनका शव जाएगा या फिर कार्यकर्ताओं के ऊपर दर्ज मुकदमे निरस्त होंगे। अगर जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए हरकी पैड़ी के सामने लेटकर अपने प्राण भी दे दूंगा।
कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। कहा कि पंचायत चुनाव में हुई धांधली जगजाहिर है। वह अपनी लड़ाई लोकतंत्र की बहाली के लिए जारी रखेंगे। कहा कि कई जनप्रतिनिधि उनकी जानकारी में ऐसे हैं, जिन्हें धमकाकर भाजपा में शामिल किया गया है।