निजी स्वार्थों के लिए किसानों को उकसा रहे हैं विपक्षी दल : वंशीधर भगत
- “किसानों की आर्थिकी में क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बनेगा कृषि बिल।”
“किसानों के उत्थान के लिए केन्द्र सरकार ने संसद में तीन अति महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों को पारित किया है।”
“सरकार ने किसानों के हित के लिए जो कार्य किए हैं वह पहले किसी सरकार में नहीं हो पाए” : प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत
आकाश ज्ञान वाटिका, 9 दिसम्बर 2020, बृहस्पतिवार, देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि प्रदेश में किसानों के बजाए विपक्षी दल निजी स्वार्थों के तहत आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के उत्थान के लिए केन्द्र सरकार ने संसद में तीन अति महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों को पारित किया है, लेकिन सबसे अफसोस जनक बात तो यह है कि वह किसानों को उकसा रहे हैं, उनके मध्य झूठ प्रचारित कर रहे हैं। सरकार ने किसानों के हित के लिए जो कार्य किए हैं वह पहले किसी सरकार में नहीं हो पाए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के शासन में गाँव, गरीब और किसान का पहले ध्यान रखा गया है। मौजूदा कृषि बिल से भी किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आयेंगे। उन्होने कहा कि साल 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट मात्र 12 हजार करोड़ रुपए था, जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ रूपये किया गया है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी सरकार किसानों की कितनी फिक्रमंद है।
प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हितों को समर्पित सरकार है। आज तक कभी भी केंद्र सरकार की ओर से एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए की रकम किसानों के हित में खर्च नहीं हो सकी थी लेकिन मोदी सरकार ने यह भी संभव करके दिखाया। पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रुपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुँच चुके हैं।
प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि मोदी सरकार ने क्रांतिकारी पहल करते हुए कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की है। इसके अलावा मत्स्यपालन के लिए 20 हजार करोड़ रूपये, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़ रूपये, हर्बल खेती के लिये 4 हजार करोड़ रूपये, फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए 1000 करोड़ रूपये का पैकेज स्वीकृत किया है, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है।
प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि किसानों को ऋण पर बहुत हद तक निर्भर रहना पड़ता है। मोदी सरकार में न सिर्फ ऋण लेने की व्यवस्था आसान हुई है बल्कि किसानों को बड़ी मात्रा में ऋण मिल रहा है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ रूपये का कर्ज मिलता था। आज 15 लाख करोड़ रूपये का ऋण सालाना दिया जा रहा है। यूपीए के शासन काल में स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए अपने सुझाव दिए थे, लेकिन यूपीए ने इन्हें लागू नहीं किया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन की रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया है, बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है। सबसे बड़ी बात मोदी सरकार में न्यूनतम समर्थन मूल्य में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2015-16 में धान का एमएसपी 1410 रूपये/ कुंतल था जो आज 1925 रूपये /कुंतल हो गया है। इसी तरह गेहूं की एमएसपी में 50 रुपये /कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले 1925 रु/कुंतल थी अब 1975 रुपये/ कुंतल हो गई।’ चने की एमसएसपी में 225 रूपये/कुंतल की वृद्धि हुई जो पहले 4875 रूपये/ कुंतल थी, अब 5100 रूपये/कुंतल हो गई। जौ की एमएसपी में 75 रूपये/कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले 1525 रूपये/ कुंतल थी अब 1600 रूपये/ कुंतल हो गई। मसूर की एमएसपी में 300 रूपये/कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले 4800 रूपये/कुंतल थी अब 5100 रूपये/ कुंतल हो गई। सरसों की एमएसपी में 225 रूपये/कुंतल की वृद्धि हुई है पहले 4425 रूपये/ कुंतल थी अब 4650 रूपये/कुंतल हो गई।
प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि मौजूदा कृषि विधेयक भी किसान कल्याण की दिशा में एक और क्रांतिकारी पहल है। इन विधेयकों से न सिर्फ बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, बल्कि किसानों को एक मुक्त बाजार भी मिलेगा। किसान ऊँची कीमतों पर अपनी उपज बेच सकेगा। मोदी सरकार ने किसानों को दोतरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊँची एमएसपी पर कीमतें मिलेंगी और अगर मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊँची कीमत के साथ साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। बीज खरीदने से लेकर फसल बेचने तक एक किसान जगह जगह बिचौलियों से घिरा रहता था और बिचौलिए किसान की कमाई पर डाका डालते थे, जिसका नतीजा यह होता था कि किसान को उसकी मेहनत का वाजिब दाम नहीं मिल पाता था। उन्होंने कहा कि अब इन विधेयकों में ऐसी व्यवस्थायें की गई हैं जिससे किसान स्वयं अपनी उपज को अच्छी कीमतों पर मंडियों में या मंडियो के बाहर के बाजार में भी बेच सकता है।
इसमें बिचौलियों की भूमिका खत्म कर दी गई है, अर्थात जो मुनाफा किसान से बिचौलिए उठाते थे, यह पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इन कृषि विधेयकों से ‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ की संकल्पना को मजबूती मिल रही है। किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे।