Breaking News :
>>राष्ट्रीय खेल- 99 स्थानों में बिखरेगी मशाल की रोशनी>>महाराज ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से की शिष्टाचार भेंट>>क्रिसमस मनाने औली पहुंचे पर्यटक बर्फ में खूब अटखेलियां करते आए नजर, होटलों की बुकिंग में भी आया उछाल >>महिला और स्वास्थ्य विभाग ने ‘महिला सम्मान योजना’ और ‘संजीवनी योजना’ पर उठाए सवाल, आप पार्टी को दिया तगड़ा झटका >>विभाजनकारी ताकतें गृहमंत्री के बयान को तोड़- मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे – सीएम धामी>>सीएम धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया>>क्या केवल नारियल पानी पीने से ठीक हो जाता है हैंगओवर? आइए जानें इसकी सच्चाई>>न्यायाधीश नीलम रात्रा ने पूर्व मुख्य शिक्षाधिकारी को तीन साल की सुनाई सजा, जानिए क्या है पूरा मामला  >>ई-साक्ष्य, ई-कोर्ट और ई-समन का सफल एकीकरण किया गया -सीएम धामी>>हर जगह कुम्भ के मेले जैसा नजारा>>नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक>>बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी>>ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास >>मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली>>अरविंद केजरीवाल ने की एक और चुनावी घोषणा, दिल्ली में 24 घंटे मिलेगा साफ पानी>>26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ >>महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग>>नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा>>नीति घाटी में ठंड से जमे नदी, नाले व झरने, पर्यटक आने से खुली कई दुकानें व होम स्टे>>फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत
उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों में बनेंगे नेत्र बैंक

स्वास्थ्य मंत्री ने UKSOS टीम को उत्तराखंड में पहले राष्ट्रीय नेत्र विज्ञान सम्मेलन के लिए बधाई दी

देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, डीएमई प्रो. डॉ. अशुतोष सायना और सीएमओ डॉ. संजय जैन ने उत्तराखंड में पहली राष्ट्रीय नेत्र विज्ञान सम्मेलन की मेजबानी के लिए यूकेएसओएस टीम को बधाई दी।

स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया:

1. डे केयर छोटे नेत्र अस्पतालों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।


2. नेत्र जांच के लिए उपयोग की जाने वाली अल्ट्रासाउंड मशीन को लिंग निर्धारण चेतावनी से मुक्त किया जाएगा।


3. उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों में नेत्र बैंक स्थापित किए जाएंगे।


4. मेडिकल कॉलेजों में सभी फैकल्टी पदों की नियुक्ति की जाएगी।


5. अस्पतालों में डाक्टर या हेल्थ केयर वर्कर से हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाएंगे|


6. उत्तराखंड को दीर्घकालिक नेत्र रोगों से मुक्त राज्य बनाने के लक्ष्य के लिए राज्य सरकार का पूर्ण समर्थन भी दिया।

बता दें कि 24 से 27 अक्टूबर तक देहरादून में तीसरी एआईओएस मिड-टर्म कांफ्रेंस का उत्तराखंड राज्य नेत्र विज्ञान समाज (यूकेएसओएस) के 20वें वार्षिक सम्मेलन के साथ आयोजन किया गया. इस प्रतिष्ठित आयोजन में पूरे भारत से 2,000 से अधिक नेत्र चिकित्सक शामिल हुए।

सम्मेलन के अंतिम दिन उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी शामिल हुए, जिन्होंने नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में नेत्र देखभाल में किए गए उल्लेखनीय सुधारों की सराहना की और नई उपचार विधियों और तकनीकों को अपनाने की ओर ध्यान आकर्षित किया। उनके विचारों में इस प्रकार के सम्मेलनों के माध्यम से ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता के आदान-प्रदान की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया और आश्वासन दिया कि सरकार स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए सख्त उपाय लागू करेगी। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उत्तराखंड और ऑल इंडिया ऑप्थल्मिक सोसाइटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों जैसे कि डॉ. गौरव लूथरा, डॉ. सतांशु माथुर, डॉ. सुशील ओझा, डॉ. राजेश तिवारी, डॉ. रेनू धस्माना, डॉ. समर बसाक, डॉ. सौरभ लूथरा, डॉ. नम्रता शर्मा, और डॉ. संतोष होनावर के साथ बातचीत की, जिन्होंने सम्मेलन में समृद्ध चर्चा और ज्ञान-साझाकरण में योगदान दिया।

इस वर्ष के आयोजन की एक प्रमुख विशेषता 35 कुशल सर्जनों द्वारा किए गए लाइव सर्जिकल प्रदर्शन थे। इन सत्रों में 38 उन्नत नेत्र सर्जरी को प्रदर्शित किया गया, जिससे प्रतिभागियों को आधुनिक नेत्र शल्य चिकित्सा की जटिलताओं को प्रत्यक्ष देखने का दुर्लभ अवसर मिला।

सम्मेलन में पेशेवर विकास और रोगी देखभाल में उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई दी। कार्यशालाओं, पैनल चर्चाओं, और इंटरैक्टिव सत्रों में मोतियाबिंद सर्जरी में नवाचार, रेटिना प्रक्रियाओं में प्रगति, और रिफ्रेक्टिव सर्जरी की नवीनतम तकनीकों जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया। प्रतिभागी अत्याधुनिक ज्ञान के साथ लौटे, जिसे वे अपने अभ्यासों में सीधे लागू कर सकते हैं, जिससे अंततः रोगियों के परिणाम प्रभावित होंगे।

समग्र रूप से, तीसरी एआईओएस मिड-टर्म कांफ्रेंस एक शानदार सफलता रही, जिसमें पूरे भारत के नेत्र चिकित्सकों के बीच सहयोग, सीखने और नवाचार का माहौल स्थापित हुआ। प्रतिभागियों ने न केवल नए कौशल और अंतर्दृष्टि प्राप्त की, बल्कि अपने समुदायों में नेत्र देखभाल मानकों को सुधारने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी नवीनीकृत किया। इस आयोजन ने निश्चित रूप से भविष्य के सम्मेलनों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है, जो नेत्र विज्ञान के निरंतर विकसित होते क्षेत्र में ज्ञान साझा करने के महत्व को पुष्ट करता है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!